शेखपुरा : समाचार संकलन करने गए पत्रकार को थाना में ही क्यों पीटा, जाने वजह




शेखपुरा के बरबीघा थाना में उस वक्त अफरा तफरी मच गया जब संध्या 6:30 बजे के आसपास समाचार संकलन करने गए प्रभात खबर के प्रखंड स्तरीय संवाददाता उमेश कुमार को दबंगों ने थाना में ही बेरहमी से पीट दिया. मारपीट की पूरी घटना थाना में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. घटना के संबंध में बताया गया है कि संध्या में ही मगही न्यूज नामक पोर्टल के पत्रकार निशीकांत कुमार को सभापति के पति द्वारा पिटाई करने का आरोप लगा था. उसी मामले को लेकर थाने में उमेश न्यूज कवरेज करने के लिए गए हुए थे कि उसी दौरान मगही न्यूज पोर्टल के पत्रकार निशीकांत ने पत्रकार उमेश पर ही शक किया और उसे लगा की उमेश द्वारा ही घटना को अंजाम दिलवाया गया है और इसी शक पर निशीकांत ने अपने पिता अमरेंद्र कुमार गिरी तथा चंदन कुमार, सहित अन्य साथियों के साथ मिलकर उमेश को थाना परिसर में बेरहमी से पिट दिया गया. जिसमे उमेश को काफी गंभीर चोटे आई है. हालांकि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह उमेश कुमार को वहां से छुड़ा लिया और उसे घर भेज दिया गया. मामले को लेकर उमेश ने बताया है कि यह सब घटना बरबीघा नगर के पूर्व मुख्य पार्षद तथा वर्तमान में वार्ड नंबर 21 के वार्ड पार्षद रौशन कुमार के इशारे पर अंजाम दिया गया है. उन्होंने बताया कि घटना को लेकर सभी के विरुद्ध बरबीघा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. उमेश ने जिला प्रशासन से अपनी जानमाल के सुरक्षा की गुहार लगाया है. उधर निशीकांत के साथ हुई मारपीट की घटना को लेकर कुछ समर्थक पत्रकारों ने थाना में ही धरना देना शुरू कर दिया है और कार्रवाई की मांग की जा रही है. हालांकि निशिकांत द्वारा उमेश को मुख्य आरोपी मानते हुए नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, सबसे शर्मनाक बात यह है की पत्रकार-पत्रकार के बीच उतपन्न कन्फ्यूजन को सुलझाने की बजाय एक संगठन के कुछ पत्रकारों द्वारा धरना देकर दूसरे पत्रकार को फसाये जाने का काम किया गया है, ऐसे में पत्रकारों की सुरक्षा करने वाले संगठन द्वारा बिना पूरा मामला जाने धरना देना और दूसरे पत्रकार पर आरोप लगाया जाना कितना दुर्भाग्य पूर्ण घटना है सहज़ अंदाजा लगाया जा सकता, बहरहाल एक पत्रकार को अपहरण करने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और इस घटना का उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए ताकि कोई दोषी बचें नहीं और निर्दोष फंसे नहीं. अब देखना यह लाजमी होगा की इस घटना पर जिला प्रशासन क्या कार्रवाइ कर पाती है और दोषियों पर क्या कार्रवाई हो पाती है।

  

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