

आरा:-बीस दिन पहले गांव से वापस ड्यूटी पर लौटे आर्मी जवान सड़क हादसे में हुए शहीद
- by Raushan Pratyek Media
- 24-Dec-2022
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तबियत बिगड़ने की डर से बड़े भाई ने माता पिता को नहीं दी अबतक जानकारी
आरा:-देश के लिए प्रेम भावना रखने वाले 30 वर्षीय आर्मी जवान प्रमोद कुमार शुक्रवार को शहीद हो गए। शहीद प्रमोद कुमार के जुबान पर हमेशा अपने देश के लिए, अपनी भारत माता के लिए प्रेम झलकता था। दरअसल, सिक्किम में शुक्रवार को जवानों का काफिला चटन से थंगू की ओर जा रहा था। जेमा के रास्ते में एक वाहन का चालक अचानक मोड़ पर खड़ी ढलान की वजह से संतुलन खो बैठा और वाहन नीचे खाई में जा गिरा। इस हादसे में भोजपुर जिले के एक जवान शहीद हो गए। शहीद जवान आरा शहर के बामपाली निवासी प्रमोद कुमार थे। जो नॉर्थ सिक्किम में नायक के पोस्ट पर तैनात थे। इधर, घटना की सूचना मिलने के बाद से ही शहीद जवान के पैतृक गांव में अगल बगल के लोगों की भीड़ जुटने लगी है।
*शहीद भाई के बारे में बताते ही रोने लगे बड़े भाई*
सिक्किम में हुए सड़क हादसे में जवानों से भरी ट्रक के खाई में गिरने से 16 जवान शहीद हो गए। इसमें एक जवान प्रमोद कुमार भी शामिल थे। प्रमोद कुमार के बड़े भाई पूर्व उपमुखिया अजय कुमार ने बताया कि मेरा भाई हमेशा देश प्रेम की ही बात किया करता था। वो घर परिवार को भी लेकर चलता था। जितनी चिंता उसे घर परिवार की होती, उतनी ही चिंता उसे अपने देश, अपनी भारत माता की भी होती थी। अब वो शहीद हो गया है। पूर्व उपमुखिया अजय कुमार अपने छोटे भाई के बारे में बताते ही सिसक सिसक कर रोने लगे। उन्होंने बताया कि शुक्रवार की शाम में घर में बैठकर हमलोग समाचार देख रहे थे। उसी दौरान हमने देखा की सिक्किम में एक जवान से भरी ट्रक खाई में गिर गई है और 16 जवान शहीद हो गए है। यह जान कर बहुत दुख हुआ ही था कि रात में सूचना मिली की उस सड़क हादसे में मेरा छोटा भाई भी शामिल था।
*माता पिता को छोटे बेटे के शहीद होने की नहीं दी गई जानकारी*
शहीद जवान प्रमोद कुमार जिले के गजराजगंज ओपी के बामपाली गांव में वार्ड नंबर 5 के निवासी थे। लेकिन प्रमोद कुमार की पत्नी निरमा देवी और उनका एक 8 वर्षीय बेटा नक्स और एक 6 वर्षीय बेटी नायरा देहरादून में रहते थे। शहीद होने की जानकारी मिलने के बाद देहरादून से फ्लाइट के जरिए पैतृक गांव पहुंच रहे है। वहीं शहीद प्रमोद कुमार के पिता (65 वर्षीय एक्स आर्मी) कलक्टर सिंह और उनकी माता गुलाबझाड़ो देवी को अपने बेटे के शहीद होने की जानकारी फिलहाल बड़े बेटे ने नहीं दिया है। दोनों ही बुजुर्ग है, उनकी तबियत बिगड़ने का डर अजय कुमार को बना हुआ है। इसलिए फिलहाल इसकी सूचना माता पिता को नहीं दी गई है।
*बचपन का था सपना 2011 में ज्वाइन किया था आर्मी*
अजय कुमार सिंह ने बताया कि मेरा छोटे भाई ने 2011 में आर्मी ज्वाइन किया था। उसने मैट्रिक 2006 जैन स्कूल से और 2008 में इंटर की परीक्षा जैन कॉलेज आरा से दिया था। उसके बाद से ही उसका साराजीवन देश की सेवा में देना चाहता था। जिसके बाद उसने 2011 में (दानापुर बीआरओ) आर्मी ज्वाइन किया। जिसके बाद उन्होंने हैदराबाद में ट्रेनिंग पूरी की और उसकी पहली पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश में हुआ था। अभी वो नॉर्थ सिक्किम में तैनात थे। उन्होंने बताया कि प्रमोद कुमार घर में सभी से छोटे थे।
*अपने बच्चे को अच्छी पढ़ाई देने की चिंता को लेकर रहते प्रमोद कुमार*
प्रमोद कुमार के जीजा आर्मी जवान अनिल सिंह ने बताया कि अजय कुमार, बिंदु देवी और सिंधु देवी से भी छोटे थे। वो हमेशा ही अपने दोनों बेटों की अच्छी पढ़ाई की चिंता में रहते थे। इसलिए उन्होंने दोनों को सैनिक स्कूल में दाखिला दिलवाया था। दो दिन पहले ही मुझसे कॉल पर बात भी हुई थी। घर की बात होती थी। देश की बात किया करते थे। बच्चो की पढ़ाई की बात किया करते थे। उन्होंने बताया कि प्रमोद कुमार बीस दिन पहले अपने साले की शादी में गांव आए थे। उसके बाद वो दोबारा सिक्किम चले गए।

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