बक्सर- बिजली विभाग का है तुगलकी फरमान .. डीएम के आदेश का दे रहे है हवाला



रिपोर्ट - सुमंत सिंह, बक्सर


बक्सर - एक कहावत है की "जब सईया भए कोतवाल तो डर काहे का" ये कहावत चरितार्थ होती दिख रही हैं बक्सर बिजली विभाग पर क्योंकि उनकी मनमानियां इस कदर बढ़ी हुई है की हर कोई चाहे आम हो या खास सबको ये लोग मानसिक से लेकर शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित करने का काम प्रतिदिन करते रहते है क्योंकि इनके अंदर किसी भी प्रकार का कोई भय या खौफ व्याप्त नहीं है, और आखिर भय हो भी क्यों जब  बक्सर जिलाधिकारी अमन समीर द्वारा ही उनको उल्टे -सीधे या यू कहे की बहुत ही घटिया और बेहद ही शर्मशार कर देनेवाला तुगलकी आदेश जारी किया जाता है ये उक्त बातें हम नही कह रहे है बिजली विभाग के अधिकारी ही बोल रहे है जिसकी रिकॉडिंग हमारे पास उपलब्ध है । इस आदेश के बाद ऐसे में बिजली विभाग के अधिकारियों का मनोबल तो सातवें आसमान को छूना लाजमी ही है।

हम बात कर रहे है जिलाधिकारी के एक ऐसे आदेश का जिसमे बिजली विभाग का अधिकारी सीधे तौर पर ये कहते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेता है की ये डीएम साहब का आदेश है चाहे कुछ भी हो जाय बिजली नही काटना है जब तक मीटर में आग न लग जाय या फिर तार टूट कर न गिर जाय, अब पाठको को ये भी बताते चले की आखिर वो कौन सा आदेश हैं। हुआ यूं कि आज सुबह 1st मार्च 2023 दिन बुधवार को शहर के विराट नगर में एक घर की बिजली गुल हो गई थी, जिससे की घरवालों को ये लगा की शायद बिजली कटी हुई है, क्योंकि बक्सर शहर में अभी मेट्रोपोलिटन सिटी जैसी बिजली की व्यवस्था तो है नही की लगातार चौबीसों घंटे निर्वाध बिजली आपूर्ति की जाती है। ऐसे में किसी भी शहरवासी का बिजली गुल होने उसे तत्काल तो पता चलने से रहा की बिजली क्यूं कटी है। और शायद कोई भी यही सोचेगा की शायद बिजली कट हुई है। हां जब काफी देर तक बिजली  न आए फिर ये पता करेगा की बिजली क्यू नही है। यहां भी ठीक ऐसा ही हुआ  जब सुबह साढ़े नौ बजे तक बिजली नहीं आई फिर पता करने पर ये मालूम चला की अगल - बगल के घरों में तो बिजली है, मगर एक हमारे ही मीटर में लाइट नहीं है, शायद इसकी वजह बिजली के खंभे से हमारे कनेक्शन में खराबी है। जिसे देखते हुए तत्काल 9:45AM पर साउथ बिहार द्वारा नगर के किसी भी प्रकार की बिजली से संबंधित शिकायत को लेकर एक नंबर जारी किया गया है, *7033095837* जिसपर शिकायत करने पर उधर से जवाब मिलता है की आपकी लाइट शाम पांच बजे से पहले ठीक नही किया जा सकता क्योंकि ये डीएम साहब का आदेश है किसी भी हालत में 10:Am से 5:00 PM तक कुछ भी हो जाय शहर की बिजली नहीं काटा जा सकता ,जब तक मीटर में आग की सूचना न आ जाये ,या तार कही टूट कर न गिर गया हो। जब शिकायतकर्ता ने उनसे फिर पूछा की क्या किसी भी बिजली उपभोक्ता के साथ कैसी भी परेशानी हो उसे सही नही किया जा सकता? तो ऐसे में उधर से ज़बाब मिलता है की जी हां बिजली उपभोक्ता के लिए किसी भी सूरत में 10 से 5 के बीच बिजली नहीं काटी जा सकती है। सिर्फ दो ही स्थितियों में बिजली काटी जा सकती है पहला या तो बॉक्स में आग लगी हो या फिर कही तार टूटकर गिरा हो। फिर जब उससे बोला जाता हैं की हम डीएम साहब से बात करते है तो उनका कहना है कि डीएम साहेब का ही आदेश है बात कर लिया जाय और फिर फोन को काट दिया जाता है। सीधे तौर पर यूं कहे की इस अधिकारी के मुताबिक अगर कोई बिजली उपभोक्ता के घर पर बिजली से किसी भी प्रकार की अनहोनी हो जाय या फिर दो चार लोग या सैकड़ों लोगो की जान भी बिजली के चपेट में आने से जाती है, फिर भी बिजली नहीं काटी जा सकती है क्योंकि डीएम साहब का आदेश है। हालांकि इस विगाग की ऐसी हरकते और जिलाधिकारी का ऐसा आदेश बिल्कुल ही हास्यास्पद और निराधार प्रतीत होता है क्योंकि कोई भी डीएम इस तरह के आदेश नही निकालते है । 


 क्योंकि पाठको को भी ये बखूबी पता है की दिन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच अक्सर ही बिजली को आंखमिचौली खेलते देखा जा सकता है। फिर ऐसा आदेश और ऐसा तर्कहीन बाते बिल्कुल ही बेमानी साबित होती है। ऐसे में अब शहरवासियों के अंदर बिजली विभाग की मनमानी  ऐसे आदेश को लेकर आक्रोश पैदा होना स्वाभाविक है क्योंकि बिजली इन दिनों जीवन निर्वहन करने हेतू एक अहम हिस्सा बन चुका है, क्योंकि खासकर शहरी क्षेत्रों में बिना बिजली के कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि बिना बिजली का पानी भी नहीं मिल पाता और जीवन के दैनिक कार्यों में पानी की कितनी अहम भूमिका होती है और वो भी तब जब परिवार में छोटे - छोटे बच्चे हो। हालांकि इस बिजली विभाग के अधिकारी के बातो में कितनी सच्चाई है इसको जानने हेतू जब जिलाधिकारी महोदय से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने दो बार तो फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा और जब तीसरी बार उनको फ़ोन किया गया तो उनके द्वारा फोन को काट दिया गया ये समझ कर डीएम साहेब है कही वयस्त होंगे । फिर भी ये शिकायत  उनके व्हाटसप पर  जानकारी दी गई और इसपर उनका मंतव्य जानने का प्रयास किया गया और साथ में उस अधिकारी का ऑडियो रिकॉर्डिंग भी जिलाधिकारी महोदय के व्हाट्सप पर भेजी गई मगर खबर लिखे जाने तक (पांच घंटे बीत जाने के बाद भी) उनका इस मामले पर किसी भी प्रकार का कोई जवाब नही प्राप्त हुआ। 

     आपको बताते चले कि पूरे बिहार में बिजली विभाग की मनमानी को लेकर लोजपा (रा) द्वारा सूबे के सभी जिला मुख्यालयों पर 23.02.2023 को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया था ताकि सरकार को चिरनिंद्रा से जगाया जा सके और बिजली विभाग के मनमानी रवैया के ऊपर लगाम लगाया जा सके। मगर बिजली विभाग शायद सुधरने वाला नही, चाहे विपक्ष के लोग कितना भी कुछ कर ले। और हां बक्सर बिजली विभाग पर तो एक कहावत और भी चरितार्थ होती दिख रही है। "एक तो करैला ऊपर से चढ़ गया निम के पेड़ पर"

खैर अब जो भी हो अब तो बक्सर को भगवान ही बचाए ऐसे अधिकारियों और पदाधिकारियों से।

  

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