एग्री एंटरप्रेन्योर को बढ़ावा देने और पूर्णियां को आत्मनिर्भर बनाने के लिए डीएम ने दिये आवशयक निर्देश


जिला पदाधिकारी कुन्दन कुमार की अध्यक्षता में कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों में उद्यमिता तथा एग्रीएंटरप्रेन्योर को बढ़ाया देने के लिए "एग्री अस्मिता" कार्यक्रम में हो रही प्रगति की समीक्षा सभी संबंधित पदाधिकारी एवं कोषांगो के साथ की गई। जिला पदाधिकारी द्वारा सभी उपस्थित पदाधिकारी को निर्देश दिया गया की सभी विभागों को मिल कर एक साथ  रिजल्ट ओरिएंटेड कार्य करना है ।

जिला पदाधिकारी ने कहा कि एग्री अस्मिता का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही साथ एग्रीपेन्योर को बनाना तथा आत्मनिर्भर पूर्णिया के तरफ बढ़ना है। उन्होंने कहा कि कृषि व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण तथा पुराना तरीका होने के बाद भी उपेक्षित है तथा समाज में इसको सफल व्यवसाय के रूप में अभी भी स्वीकार्यता का अभाव है । 

जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया की सभी कार्य के लिए क्लस्टर चिन्हित करना है। क्लस्टर होने से कृषि उत्पादकों के उत्पाद को अच्छा बाजार उपलब्ध कराया जा सकता है।   इसमें अच्छा कार्य किया जाएगा तो इसका व्यापक असर समाज पर पड़ेगा और समाज में जीवन स्तर में बहुत बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।


जिला पदाधिकारी ने कहा कि एग्रीपेन्यर बनाने से पहले  किसानों को उनके आय बढ़ाने वाले फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना होगा। इसके लिए पूर्व से व्यवसायिक कृषि उत्पाद को सफल रूप से करने वाले किसानों के आय को अन्य इच्छुक किसानों को दिखाने का सुझाव दिया। जिला पदाधिकारी ने बताया कि "सियिंग इज बिलीविंग" सबसे बेहतरीन तरीका है किसानों को जागरूक करना होगा। डीएम ने कहा कि सभी टीमों का मुख्य कार्य किसानो को जागरूक करना, किसानों के लिए उच्च उपज क्षमता वाले बीज को चिन्हित करना,किसानों को प्रशिक्षित कराना, किसानों के उत्पादों के लिए मार्केट तलाश करना, उत्पादकों के समूहों का गठन करना , कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों में तकनीकी  इंटरवेंशन एवं अन्य विभागों से कन्वर्जेंस को स्थापित करना होगा।

कृषि तथा संबद्ध उत्पादों के लिए बने समूहों का उत्पाद एकीकृत कर B-2-B के लिए भी उपलब्ध करना है।

जिला बागवानी पदाधिकारी द्वारा पूर्णिया जिले में मशरूम, ड्रैगन फ्रूट, मखाना, पपीता तथा स्ट्रॉबेरी के उत्पादन की संभावना तथा चल रहे प्रोजेक्ट्स एवं सरकार के द्वारा प्रदान किए जाने वाले विभिन्न सब्सिडी के बारे में जानकारी दी गई। वर्तमान में चल रहे कार्यों की समीक्षा की गई।जिला पदाधिकारी द्वारा मधु उत्पादकों के समूह बनाए जाने का निर्देश दिया। जिला पदाधिकारी ने जीविका एवं पशुपालन को बैंक से आवश्यकता अनुसार वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के संबंध में अग्रेतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सभी संबंधित विभागों को संभावित अग्रिपेन्योर की सूची बनाने का निर्देश दिया। जिला पदाधिकारी ने महादलित टोला या ट्राइबल एरिया में एक मॉडल विलेज चिन्हित कर एग्रीपेन्योर बनाने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया। सभी पदाधिकारी नए इंटरवेंशन से होने वाले वित्तीय फायदों से संबंधित डेटा बनायेगे जिससे किसानों को प्रोत्साहित किया जा सके। जिला पदाधिकारी ने ऑर्गेनिक सब्जी एवं फल उत्पादन करने वाले किसानों का समूह बनाए जाने का निर्देश दिया। डीएम ने संबंधित किसानों को ऑर्गेनिक फार्मिंग का सर्टिफिकेट दिलाने के दिशा में आवश्यक मदद दिया जाय। कंफेड के द्वारा कोशी डेयरी प्रोजेक्ट के अंर्तगत पूर्णिया को दूध के क्षेत्र में आत्मनिर्भर करने के दिशा में जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में किए गए कार्यो से दुग्ध उत्पादन एवं कलेक्शन में हुए अभूतपूर्व सफलता को प्रस्तुत किया गया। सभी दुग्ध उत्पादकों को मवेशी की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। सभी दुग्ध उत्पादकों को कंफेड से जोड़ने का जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया। जिला पदाधिकारी द्वारा पूर्णिया जिले में बागवानी के क्षेत्र में व्यवसायिक फसल, औषधीय तथा सुगंधित पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने पर किए गए कार्य की समीक्षा की गई।


जिला पदाधिकारी द्वारा पूर्णिया जिले में अन्नानास के उत्पादन की संभावना तलासने का भी निर्देश जिला बागवानी पदाधिकारी को दिया गया। पदाधिकारियों को धन्यवाद देते हुए सभी को "एग्रीअस्मिता" तथा आत्मनिर्भर पूर्णिया के तरफ पूरी ईमानदारी के साथ समाज के लिए अपना फर्ज समझ कर कार्य करने का निर्देश दिया गया। बैठक में सहायक समाहर्ता,उप विकास आयुक्त,निदेशक डीआरडीए,जिला कृषि पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी डीपीओ मनरेगा, डीपीएम जीविका एवं संबंधित विभागीय पदाधिकारी मौजूद थे।

  

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