मुजफ्फरपुर: नौकरी-ट्रेनिंग के नाम पर ठगी का बड़ा खेल: अलग अलग राज्य के बेरोजगार युवाओं को बना रहे निशाना, कई गिरफ्तार



Reporter/Rupesh Kumar


मुजफ्फरपुर: बिहार में नौकरी और ट्रेनिंग के नाम पर ठगी का बड़ा खेल चल रहा हैं। इसमें अलग- अलग जिलों समेत दूसरे राज्य के बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाया जा रहा है। ट्रेनिंग के नाम पर रुपए ऐंठ लिया जा रहा है। रुपए वापस मांगने पर मारपीट की जाती है। इसका खुलासा मुजफ्फरपुर में गिरफ्तार हुए आधा दर्जन से अधिक युवकों ने किया है। बताया जा रहा है की कंपनी की आड़ में नौकरी देने का झांसा देकर धोखाधड़ी किया जा रहा है। मामले में मुजफ्फरपुर पुलिस ने सात लोगो को गिरफ्तार किया है। जिला पुलिस की विशेष टीम और सिकंदरपुर ओपी की पुलिस ने संयुक्त रूप से अहियापुर के बखरी सिपाहपुर और हाजीपुर में छापेमारी कर इसका भंडाफोड़ किया है। कंपनी के ठिकानों से डायरी, रसीद, लक्की ड्रॉ का कूपन और दर्जनो मोबाइल फोन समेत कई अन्य कागजात जब्त किए गए है। गिरफ्तार आरोपितों में रुन्नी सैदपुर के बघरी निवासी सुबोध कुमार, पटना के पालीगंज थाना क्षेत्र के अमरपुरा निवासी अमन कुमार, महराजगंज के कोठीहार थाना क्षेत्र के घुघली निवासी अमित कुमार, दीपक कुमार, पश्चिमी चंपारण के परुषोत्तम पुर थाना क्षेत्र के सघरौना निवासी देवराज उर्फ राजन, हाजीपुर के गोरौल थाना के कटहरा ओपी निवासी इंद्रजीत कुमार और कुशीनगर के रामपुरहाट निवासी करण गुप्ता शामिल है। सभी से पूछताछ की जा रही है। 


उत्तर प्रदेश के युवक ने दर्ज कराई एफआईआर:


इस संबंध में उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के धुंधली थाना क्षेत्र के भुवनी निवासी ओंकारनाथ पांडेय ने अहियापुर थाना में एफआईआर दर्ज कराई है। इसमे बताया है कि पवन कुमार मेरा दोस्त है। जो बताया कि खुसीनगर जिला के रामकोला थाना क्षेत्र के रामपुरभात निवासी करण गुप्ता मुजफ्फरपुर में डीबीआर यूनिक कंपनी में जॉब करता है। जिसको अच्छा खासा इनकम होता है। पवन ने बताया कि हम अन्य दोस्तों के साथ वहां काम करने के लिए जा रहा हूं अगर जॉब करना चाहते हो तो चलो। लेकिन मैं कुछ कारण नही आ सका। इसी बीच अपने दोस्तों के बताए अनुसार 15 अप्रैल को मुजफ्फरपुर आये और डीबीआर कंपनी में गया। इस दौरान कार्यालय में बैठे इंद्रजीत कुमार ने मुझे करीब पांच सौ की संख्या में 15 दिन प्रशिक्षण कराया गया। इस दौरान करीब साढ़े 21 हजार रुपये नगद ऑफिस में जमा कराया गया। तथा बोला गया कि कम से कम अपने साथ दो दोस्तो को कंपनी में काम करने के लिए बुलाओ। कंपनी के डायरेक्टर मनीष कुमार सिन्हा, ब्रांच मैनेजर मो इरफान, कर्मी अजित कुमार, सुबोध जैसवाल, अमन कुमार, अमित कुमार, इंद्रजीत कुमार, देवराज, करण गुप्ता और दीपक कुमार समेत सभी लोगो ने मिलकर दो-दो लड़का बुलाने के लिए दबाब बनाने लगे। इनकार करने पर उसे रूम में बंद कर दिया गया। मारपीट करने लगे। भोजन बंद कर दिया गया। कंपनी में जमा किया पैसा वापस मांगने पर तरह तरह की धमकी दी जाने लगी। ठगी का मामला सामने आने के बाद किसी तरह वह उनलोगों के चुंगल से निकलकर थाना पहुँचा। जिसके बाद इसकी शिकायत की। पीड़ित ओंकारनाथ का दावा है कि उनके जैसे करीब दो सौ से अधिक लड़को के साथ नौकरी देने के नाम पर ठगी की गई है। 


शिकायत के बाद भी अहियापुर पुलिस ने नही की करवाई, नगर डीएसपी के आदेश पर शुरू हुई करवाई :-


जानकारी के अनुसार बखरी सिपाहपुर में पिछले कई साल से डीबीआर बायो रिसर्च आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड का कार्यालय चल रहा था। यहां मुजफ्फरपुर के अलावे बिहार के साथ साथ कई जिलों समेत देश के अन्य राज्यो से युवाओं को प्रलोभन देकर पहले जॉइनिंग में 18 से 22 हजार रुपये तक जमा करवाया जाता था। उसके बाद उन्हें सूट-बूट में अपनी आईडी के नीचे दूसरे व्यक्तियों को जोड़ने के लिए कहा जाता था। नही करने पर उनके साथ मारपीट की जाती थी। रूम में बंद कर दिया जाता था। खाना नही दिया जाता था। इसी में से जान बचाकर भाग कर निकले उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के धुंधली थाना क्षेत्र के भुवनी निवासी ओंकारनाथ पांडेय ने सबसे पहले अहियापुर थाना पर पहुँचकर इसकी शिकायत की। हालांकि अहियापुर पुलिस ने कोई रिस्पांस नही लिया। इसके बाद ये सभी सिकंदरपुर ओपी पहुँचकर इसकी शिकायत की। मामला सामने आने के बाद सिकंदरपुर ओपी प्रभारी देवब्रत कुमार ने नगर डीएसपी राघव दयाल को इसकी जानकारी दी। फिर नगर डीएसपी के निर्देश पर पुलिस की विशेष टीम और अहियापुर समेत सिकंदरपुर ओपी की पुलिस ने संयुक्त रूप से बखरी सिपाहपुर स्थित छापेमारी कर पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया। इस दौरान आधा दर्जन कर्मी को पुलिस ने हिरासत में लिया। 


मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में की गई छापेमारी :-


बताया गया कि अहियापुर के बखरी सिपाहपुर स्थित कंपनी के कार्यालय से हिरासत में लिए गए कर्मियों के निशादेही पर गुरुवार की देर रात पुलिस टीम ने हाजीपुर में कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी कर आधा दर्जन और कर्मी को उठाया। जिससे पूछताछ में पुलिस को कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी मिली। जिसके आधार पर पुलिस आगे की करवाई में जुटी है


शुक्रवार को नगर डीएसपी समेत कई वरीय अधिकारियों ने उनसभी से पूछताछ किया है. पुलिस का मानना है की नन बैंकिंग की आर में युवाओं से ठगी की जा रही थी। जिसका भंडाफोड़ किया गया है।

  

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