

मधुबनी-सदर अस्पताल ,के फाइलेरिया क्लिनिक में अब तक 68 हाइड्रोसील मरीजों का हुआ सफल ऑपरेशन
- by Raushan Pratyek Media
- 07-Apr-2023
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-स्थानीय मरीजों को मिलती है सहूलियत
- हर शनिवार को सदर अस्पताल में होगा हाइड्रोशील का ऑपरेशन
-परजीवी क्यूलैक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के काटने से फैलता है फाइलेरिया
- सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक फाइलेरिया क्लिनिक रहेगा कार्यरत
किशोर कुमार ब्यूरो
मधुबनी जिले को फाइलेरिया बीमारी से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से ज़िले सदर अस्पताल में फाइलेरिया क्लिनिक (एमएमडीपी) शुरू किया गया क्लीनिक का उद्घाटन 2 फरवरी को किया गया था तब से लेकर अब तक फाइलेरिया क्लिनिक में 68 मरीजों का सफल ऑपरेशन किया गया है। जिससे स्थानीय लोगों को राहत हो रही है तथा आर्थिक बचत भी हो रहा है. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार झा ने बताया विभाग द्वारा प्रत्येक शनिवार को सदर अस्पताल में हाइड्रोशील का ऑपरेशन किया जाता है. जिले में वर्तमान में फाइलेरिया मरीज की संख्या 1100 से अधिक है ।
परजीवी क्यूलैक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के काटने से फैलता है फाइलेरिया:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार झा ने बताया कि फाइलेरिया (हाथीपांव) मरीजों की देखभाल के लिए सदर अस्पताल सहित सभी पीएचसी में रुग्णता प्रबंधन एवं विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी) फाइलेरिया क्लिनिक का शुभारंभ किया जाएगा । जिसके माध्यम से फाइलेरिया से बचाव, उपचार तथा लक्षणों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही एमडीए कार्यक्रम के तहत दवा सेवन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। परजीवी क्यूलैक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के काटने से फाइलेरिया बीमारी फैलता है। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर यह मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के विषाणु रक्त के माध्यम से उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं। लेकिन ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चल पाता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है।
फाइलेरिया मरीज अपने रोग प्रबंधन के प्रति हो जागरूक:
डॉ. झा ने बताया फाइलेरिया के मरीजों को अपने रोग प्रबंधन के प्रति जागरूक होना जरूरी है. उन्होंने बताया हाथीपांव से ग्रसित मरीज की देखभाल के लिए जिले में मॉरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिस्टेबिलिटी प्रीवेंशन यानि एमएमडीपी किट का वितरण किया जा रहा है. एमएमडीपी किट के वितरण के साथ इसके इस्तेमाल की जानकारी दी गयी है. फ़ाइलेरिया मरीजों की सहूलियत के लिए जिले के सभी प्रखंडो में एमएमडीपी क्लिनिक की स्थापना की जा रही है.
सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक फाइलेरिया क्लिनिक रहेगा कार्यरत:
फाइलेरिया क्लिनिक का संचालन होने से स्थानीय मरीजों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है हालांकि पहले भी दवा दिया जाता था यहां के मरीजों को किसी तरह की कोई असुविधा नहीं होगी। फाइलेरिया क्लिनिक का संचालन प्रतिदिन सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक होता है । इसमें हाथीपांव के मरीज सलाह, उपचार एवं सफाई को लेकर प्रतिनियुक्त प्रशिक्षित स्टाफ़ नर्स (जीएनएम) से जानकारी ले सकते हैं।

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