साहित्यकारों ने कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की मनाई जयंती


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कलाभवन साहित्य विभाग की ओर से कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 143 वीं जयंती मनाई गई। डा के के चौधरी ने मंच संचालन किया। आकाशवाणी के पूर्व निदेशक विजय नंदन प्रसाद ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की मुख्य अतिथि के रुप में डॉ प्रभात नारायण झा विशिष्ट अतिथि के रुप में  डॉक्टर रामनरेश भक्त मौजूद थे। आगत साहित्य प्रेमियों ने तैलचित्र पर पुष्प अर्पित और दीप प्रज्वलित किया। संयोजिका डॉ निरुपमा राय ने आगत अतिथियों का स्वागत किया और प्रेमचंद की पुण्य स्मृति को नमन करते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वक्ताओं ने प्रेमचंद के साहित्यिक योगदान की चर्चा की। अध्यक्षत विजय नंदन प्रसाद ने कहा कि प्रेमचंद का कालजयी व्यक्तित्व आज भी प्रासंगिक है उनके पात्र आज भी हमारे परिवेश में दिखते हैं प्रेमचंद की कहानियों का मर्म हमें खुद भी समझना होगा और युवा पीढ़ी को भी समझाना होगा। प्रेमचंद  की रचनाओं में तत्कालीन समाज की विद्रूपता ही नहीं चर्चित विषय वस्तु प्रस्तुत करने की रोचक सहज सरल शैली और पात्रों का सहज चित्रण उन्हें कालजयी बनाता है।मुख्य अतिथि डॉक्टर प्रभात नारायण झा ने कहा कि 8 दशक बीतने पर भी प्रेमचंद कालजयी है अपनी सूक्ष्म दृष्टि और समाज के वास्तविक चित्रण के कारण महान हैं। डॉक्टर रामनरेश भक्त ने प्रेमचंद की उपन्यास कला और विषय वस्तु पर विस्तार से चर्चा करते हुए श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उषा शरण,प्रोफेसर डॉ तुहिना विजय बबीता चौधरी,रीता सिन्हा, दिव्या त्रिवेदी,रानी सिंह महेश विद्रोही अंशु अजय  वीरेंद्र सिंह, मुकेश कुमार, प्रियंवद जयसवाल दिनकर दीवाना गौरीशंकर पूर्वोत्तरी, डॉ उषा झा नीतू कुमारी डॉ मृदुलता, रंजन, गंगेश पाठक, ए के चांद , डॉ एस के झा, गिरिजानंदन मिश्र, रंजीत तिवारी और प्रमिला महतो शामिल थी।

  

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