आरा:जल संरक्षण करना सभी का कर्तव्य - नरेन्द्र प्रताप पालित


आरा:यूथ फाॅर सेवा" के द्वारा बालिका उच्च विद्यालय एवं शिशु संस्थान में पर्यावरण संरक्षण जागरूकता संगोष्ठी तथा करियर काँसिलिग का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि महाराज काॅलेज के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो॰ डॉ॰ नरेन्द्र प्रताप पालित ,समाजसेवी श्रीमती रीता सिंह, यूथ फाॅर सेवा के प्रदेश संयोजक आनंद कुमार, प्रधानाध्यापक श्री जगदीश सिंह, डॉ निरुपमा सिंह ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्जविलत कर किया।

 तत्पश्चात स्वामी विवेकानंद जी और भारत माता के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किया। 

आगत अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र  से किया गया।

 मुख्य वक्ता के रूप में छात्राओं को संबोधित करते हुए महाराजा काॅलेज  भूगोल विभागाध्यक्ष व सिडिकेट सदस्य नरेन्द्र प्रताप पालित ने सरल शब्दो में जल का महत्व बताते हुए जल संरक्षण के गुर छात्र छात्राओं को सिखाए और भविष्य में जल को बर्बाद होने से बचाने की शपथ दिलाई। 

इस अवसर पर नरेन्द्र प्रताप पालित ने कहा की लोग अंधाधूध जल का दोहन कर रहे हैं ।

बेवजह हमें पानी बर्बाद होने से रोकना होगा आज हम देख रहे हैं की देश के अधिकांश हिस्से में जल संकट विकराल रूप ले चुका हैं ।

हमें छोटे छोटे प्रयास कर अपने दैनिक जीवन में जल संरक्षण करना चाहिए।

विद्यालय के व्यवस्थापक राम जी तिवारी ने पर्यावरण प्रदूषण के कारण पक्षियों की कई प्रजातियों के विलुप्त होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा हमारी पृथ्वी प्राकृति के जीवन चक्र के सिद्धांत पर आधारित है और किसी प्रजाति विशेष का विलुप्त होना आनेवाले समय में किसी भीषण प्राकृतिक विपदा के आने का संकेत है जिसका कारण हम मनुष्य ही होगें। यदि आने वाली पीढ़ियों के लिए पृथ्वी को सुरक्षित रखना है तो जियो और जीने दो के सिद्धांत का पालन सभी को करना होगा और जिससे जितना बन सके पशु पक्षियों के संरक्षण में सहयोग करना होगा। उपस्थिति छात्र छात्राओं ने भी श्री तिवारी जी की बातों का समर्थन करते हुए अपने अपने घरों के छत पर पक्षियों के लिए दाना पानी रखने की शपथ ली और आस पास के लोगों को भी प्रेरित करने की बात कही। 

करियर काँसिलिग के सत्र में श्रीमती रीता सिंह ने छात्राओं को बताया कि सबसे पहले अपनी रुचि के अनुसार अपने लक्ष्य को निर्धारित करें इसके बाद तब तक चैन न बैठें जब तक लक्ष्य हासिल न हो जाए। सीखे गए पाठ का बार बार अभ्यास ही हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करता है। छात्र छात्राओं में स्वच्छ प्रतिस्पर्धा की भावना होनी चाहिए क्योंकि प्रतिस्पर्धा ही हमारे अंदर लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु जनून पैदा करता है और हम सफ़लता की ऊंचाईयों पर पहुंच पाते हैं।

आज तकनिकी युग हैं और ऐसे में बच्चों को कंप्यूटर की जानकारी के साथ अन्य तकनीकी जानकारी लेना चाहिए जिसका प्रयोग अपने भविष्य में कर सकतें हैं।

 इस अवसर पर विद्यालय के नवम वर्ग की छात्रा सृष्टि गुप्ता, कुमारी श्रेया, दशम वर्ग की छात्रा स्नेहा मिश्रा, कुमारी सौम्या, कोमल कुमारी,सप्तम वर्ग की छात्रा अनु कुमारी एवं कृतिका कुमारी ने भी अपने अपने विचारों को व्यक्त किया। 

मंच संचालन सुरेश कुमार ने तथा धन्यवाद ज्ञापन अमित कुमार शाह ने किया। 

इस अवसर पर विक्की कुमार , चन्द्र भूषण उपाध्याय,  नर्वदेश्वर उपाध्याय, सूर्यकांत कुमार  गायत्री अखौरी, वीणा श्रीवास्तव, पुष्पा पाण्डेय, उषा कुमारी, प्रियंका कुमारी, एकता कुमारी तथा विद्यालय के सभी छात्र छात्राएं और अभिभावक उपस्थित थे।

  

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