

जहरीली शराब से लोगों की मौत पर भड़के भाजपा, नीतीश सरकार को घेरा, निकाला प्रदर्शन मार्च
- by Raushan Pratyek Media
- 17-Dec-2022
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ब्यूरो रिपोर्ट/रूपेश कुमार
मुज़फ़्फ़रपुर : बिहार में जहरीली शराब से हो रही मौत, गिरती कानून व्यवस्था और बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भाजपा विधायकों के साथ अमर्यादित व्यवहार को लेकर शनिवार को जिला भाजपा के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा एवं राज्य की महागठबंधन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
इस क्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार के नेतृत्व में मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिए जाने की मांग, शराबबंदी की विफलता पर मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग से संबंधित स्लोगन की तख्ती लिए सैकड़ो की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं का जत्था
स्थानीय कंपनी बाग स्थित खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर खुदीराम बोस एवं प्रफुल्ल चाकी की प्रतिमा पर माल्यार्पण उपरांत प्रदर्शन मार्च करते हुए सरैयागंज टावर चौक, जवाहरलाल रोड होते हुए कल्याणी चौक पंहुचा जहां मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज कराया।
इस दौरान उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार ने कहा कि "कुर्सी है तुम्हारा जनाजा तो नही, कुछ कर नही सकते, तो उतर क्यूं नही जाते" कहा कि बिहार में जब से शराब नीति चली है तब से कई हजार लोग मर गए। मगर मुख्यमंत्री की संवेदना नहीं जगती निश्चित रूप से मुख्यमंत्री का शासन प्रशासन के साथ-साथ अपनी भाषा पर भी नियंत्रण खत्म हो चुका है।
ऐसे में नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस्तीफा देना चाहिए.
भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि बिहार में साल 2016 से शराबबंदी है। यहां शराब का निर्माण करना, बेचना, पीना या किसी भी प्रकार से शराब के धंधे में शामिल होना कानूनन अपराध है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताते हैं। लेकिन महीने दो महीने पर हर बार बिहार के किसी न किसी जिले से जहरीली शराब पीने के कारण दर्जनों लोगों की मौत की खबर सामने आती है। अभी ताजा मामला छपरा एवं सीवान जिले का है। जहां अभी तक जहरीली शराब पीने के कारण 60 लोगों से अधिक की मौत हो चुकी है। अभी तक कई लोग अलग-अलग अस्पतालों में इलाजरत है। मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि
बिहार में पूरी तरह से शराब बंदी है, लेकिन राज्य में जहरीली शराब का घर-घर वितरण हो रहा है। इससे साफ है कि वहां की सरकार शराब बेचने वालों को संरक्षण दे रही है। बिहार सरकार जहरीली शराब पिला-पिलाकर लोगों की सामूहिक हत्याएं करा रही है इसलिए उनके खिलाफ भी हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
वहीं पूर्व मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि बिहार में अराजकता के हालात हैं, कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। राज्य में शराब माफिया और माफिया प्रशासन गठजोड़ हावी है। लगातार शराब से हो रही मौत एक प्रकार से सुनियोजित हत्या है और इसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से पूर्ण मद्यनिषेध नीति का समर्थन करती रही है, लेकिन नीतीश सरकार इसे लागू करने में पूरी तरह विफल है। कहा कि सरकार की नाकामी के कारण शराबबंदी ने पुलिस प्रशासन के लोगों को करोड़ों रुपये की अवैध कमाई करने और गरीबों को प्रताड़ित करने की खुली छूट दी है क्या इन बातों की समीक्षा नहीं होनी चाहिए? उन्होंने कहा कि जब सदन में भाजपा जब भी इन बातों को उठाती है तो मुख्यमंत्री ऐसा व्यवहार करते हैं जो कोई उम्मीद नहीं करता।
इस दौरान विधायक केदार प्रसाद गुप्ता, वरिष्ठ नेता रविन्द्र प्रसाद सिंह एवं अर्जुन राम ने भी संबोधित किया।
प्रदर्शन मार्च एवं पुतला दहन कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला महामंत्री, सचिन कुमार, धर्मेंद्र साहू, जिला उपाध्यक्ष निर्मला साहु, मनीष कुमार, अंजना कुशवाहा, जिला मंत्री, रविकांत सिन्हा, संजीव झा, विवेक कुमार, विभात कुमार सिंह, रानी सिंह, डाo अशोक शर्मा, आलोक राजा, उमेश पाण्डेय, लखनलाल रमन, विजय पाण्डेय, नंदकिशोर पासवान, राकेश पटेल, अमित राठौर, अमरेश विपुल, अनिल सिंह, शिवशंकर साहु, दिलीप कुमार, श्लोक कुमार, मृत्युंजय जीत, सुबोध कुमार, रंजन ओझा, रामेश्वर पासवान, चुन्नू रजक, मोo शाहिद, नौशाद आलम, रूपेश भारतीय आदि की उपस्थिति रही.

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