

CPI और सी पी आई( एम) के द्वारा मूलभूत समस्या को लेकर अपने मांगो के समर्थन में जिला मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया।
- by Raushan Pratyek Media
- 20-Mar-2025
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पूर्णिया :- राज्यव्यापी आह्वान के तहत मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संयुक्त तत्वाधान में जिला मुख्यालय पूर्णिया में अपने विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया ।प्रदर्शन में मुख्य रूप से बदलो सरकार बचाओ बिहार के नारे लगाए गए।कार्यक्रम में पर्यवेक्षक के रूप में केंद्रीय कमिटी के सदस्य कॉमरेड अवधेश कुमार मौजूद थे।उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार द्वारा धार्मिक भाषाई अल्पसंख्यको एवं समाज के अन्य कमजोर वर्ग दलित आदिवासी,अतिपिछड़ा, एवं महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों को रौंधा जा रहा है।इन कमजोर वर्ग के अधिकारों का रक्षा कवच है संविधान अब संविधान पर भी हमले हो रहे हैं। सी पी आई सी पी आई (एम)के सिपाही ऐसी स्थिति में आम जनता की समस्याओं को अपना मुद्दा बनाती है।और उसके निदान के लिये आंदोलन का आह्वान करती है।मौके पर माकपा जिला सचिव सह जिला पार्षद राजीव सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में बिहार अनेक तरह के संकटों के दल दल में फसता जा रहा है।आम जनता केंद्र और राज्य सरकार की एन डी ए सरकार की पूंजीपति परस्त नीतियों के दुष्प्रभाव से ऊब चुकी है।आम आदमी खासकर दलित,गरीब,आदिवासी सरकार की शोषणकारी नीतियों से परेशान हो गया है।और ऐसे सरकार से मुक्ति चाहता है।उन्होंने कहा एक मुख्यमंत्री के बीस साल का समय बिहार को बदलने के लिये कम नही है।इस अवधि में भले उस व्यक्ति की राजनीती-वैचारिक प्रतिबद्धता बदलती रही लेकिन उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी नही बदली।आजतक भूमि सुधार का काम अधूरा है।लाखों बेघरों को घर नही मिला।लाखों भूमिहीन परिवारों को जमीन नही मिली,बड़े भूस्वामियों- और दबंगों के अवैध कब्जे वाली लगभग बीस लाख एकड़ जमीन अभीतक मुक्त नही हुई।किसान सदियों से बदहाल और परेशान है।हर वर्ष बाढ़ की त्रास्दी से 20 से 25 जिले त्रस्त है।लेकिन बाढ़ का स्थायी निदान नही हुआ।जिसमें सार्वजनिक जनवितरण प्रणाली मजबूत हो।किसानों की आय दुगुनी करने के लिये तमाम कृषि उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी किसानों के अधिग्रहित जमीन का वर्तमान बाजार दर पर मुआबजा,किसानों की बगैर सहमति के जमीन का अधिग्रहण करना बंद हो।सभी लाभार्थियों को 35 किलो अनाज की गारंटी।बेघरों को 10 डिसमिल जमीन व मकान मिले।सामाजिक सुरक्षा पेंसन प्रतिमाह 3000 रुपया हो।स्मार्ट मीटर वापस लो और 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त करो।आरक्षण की वृद्धि को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल किया जाए।महंगाई पर रोक लगे।अपराध व भ्रष्टाचार मुक्त बिहार बनाओ
बाढ़ सुखाड़ का स्थायी निदान किया जाए।सभी योजना कर्मियों/आंगनबाड़ी/आशा/ममता/मध्याह्न भोजन कर्मी/वैक्सीन कूरियर और जीविका कैडर का स्थाईकरण करो।सफाई,परिवहन, सहित तमाम असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंसन सुनश्चित करें।शहरी,ग्रामीण क्षेत्रों में बसे गृहविहीन को उजाड़ना बंद हो।बेरोजगार को रोजगार या बेरोजगारी भत्ता देना होगा जैसे मूलभूत मांगों के समर्थन में हजारों की संख्या में बूढ़े,जवान महिला,मजदूर किसानों ने रोष प्रदर्शन किया।मौके पर कॉमरेड सुदीप सरकार, विकाश मंडल,कॉमरेड तबारक हुसैन,बुद्धिनाथ साह,कॉमरेड सुधिलाल मुंडा,गुड्डू महतो,मोहम्मद लुकमान,कॉमरेड इंद्रा देवी,लालबहादुर उरांव,सूरज चौहान,रामू ऋषि,सुदर्शन ऋषि,शंकर ऋषि,कॉमरेड ब्रह्मदेव ऋषि,चंदन उरांव,राजू ऋषि,मंजू सोरेन, कामरेड देवानंद कामरेड सुभाष चंद्र यादव कामरेड कमलेश्वरी सिंह कामरेड कामेश्वर शर्मा कामरेड अभिषेक कुमार कामरेड शारदा देवी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थें.

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