डीएम सुब्रत कुमार सेन ने स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक की



Reporter/Rupesh Kumar 


मुजफ्फरपुर : जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग एवं आई.सी.डी.एस. द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय सभागार में की गई तथा अधिकारियों को सक्रिय एवं तत्पर होकर कार्य करने तथा लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने का निर्देश दिया। कार्य में कोताही और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों तथा न्यून प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को चिन्हित करने तथा विधि-सम्मत कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया.


बैठक में महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण, गर्भवती माताओं का स्वास्थ्य परीक्षण, रूटीन इम्यूनाईजेशन, ओ.पी.डी. में निबंधित मरीज, आई.पी.डी, परिवार नियोजन, संस्थागत प्रसव, जिले में रैकिंग की स्थिति, डेंगू, चिकेनगुनिया के रोकथाम का उपाय, आयुष्मान कार्ड की स्थिति, स्टाॅप डायरिया अभियान की स्थिति आदि बिन्दुओं के तहत समीक्षा की गई तथा सिविल सर्जन एवं डी.पी.एम. को पी.एच.सी. का विजिट करने, समीक्षा करने तथा कार्य में सुधार लाने का निर्देश दिया.


जिलाधिकारी ने आई.सी.डी.एस. के तहत संचालित योजनाओं पोषाहार का वितरण, टीकाकरण, होम विजिट, प्री-स्कूल, एडूकेशन, हेल्थ चेकअप, मातृत्व बंदना योजना, परवरिश योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना आदि की समीक्षा करते हुए डी.पी.ओ.आई.सी.डी.एस. को न्यून प्रदर्शन करने वाले सी.डी.पी.ओ. के कार्यों की समीक्षा कर प्रगति लाने का निर्देश दिया.


इस वर्ष ए.ई.एस. में एक भी डेथ का मामला नहीं आया तथा सभी अधिकारियों ने पूरी सक्रियता एवं तत्परता से जिलाधिकारी के नेतृत्व एवं निर्देशन में कार्य किया, जिसके फलस्वरूप ए.ई.एस. का निगरानी एवं नियंत्रित करने में सफलता मिली। जिलाधिकारी ने इस सफलता के लिए ए.ई.एस. के जागरूकता अभियान/संध्या चैपाल से जुड़े तमाम अधिकारियों एवं कर्मियों को बधाई दी है। प्रदत निदेश के अनुरूप ए.ई.एस. का संध्या चैपाल बंद करने का आदेश दिया गया है.


जिलाधिकारी ने डेंगू एवं चिकेनगुनिया बीमारी के प्रति भी सावधान रहने, जागरूक रहने एवं सुरक्षित रहने को कहा है। इसके लिए लोगों को जागरूक करने को कहा.  डेंगू एवं चिकेनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दिन में काटता है एवं साफ पानी में पनपता है। डेंगू एवं चिकेनगुनिया में लक्षण के रूप में तेज बुखार, त्वचा पर लाल धब्बे एवं काला पैखाना होता है. सावधानी ही बचाव है। इसलिए बचाव के रूप में मछरदानी का इस्तेमाल मच्छर भगाने वाले दवाओं का उपयोग करना, घर के अंदर एवं आस-पास पानी न जमने देना तथा जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल एवं किटनाशक दवा का छिड़काव करना शामिल है.


बैठक में ओ.पी.डी. की समीक्षा में पाया गया कि सी.एच.सी. साहेबगंज 61 प्रतिशत, मुशहरी 66 प्रतिशत, मुरौल 66 प्रतिशत प्रदर्शन रहा. जबकि सी.एच.सी. बन्दरा, पी.एच.सी. मुरौल का प्रदर्शन 100 प्रतिशत रहा. पैथेलाॅजी एवं रेडियोलाॅजी की स्थिति में सी.एच.सी. बन्दरा 02 प्रतिशत, औराई 25 प्रतिशत, गायघाट 42 प्रतिशत, कांटी 53 प्रतिशत, जबकि सदर अस्पताल 137 प्रतिशत, रेफरल अस्पताल सकरा 118 प्रतिशत, सामुदायिक केन्द्र सरैया 117 प्रतिशत, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुरौल 113 प्रतिशत रहा.


जिलाधिकारी ने खराब प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों का सिविल सर्जन को साप्ताहिक विजिट करने, समीक्षा करने एवं प्रगति लाने का निर्देश दिया गया.दवा की उपलब्धता एवं उपभोग की समीक्षा में पाया गया कि ओ.पी.डी. में 188 प्रकार की दवा उपलब्ध है तथा उपयोग हो रहा है. 


जिलाधिकारी ने सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध दवा तथा उसमें नियमित रूप से उपयोग की जानेवाली दवा की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। इसके लिए सेन्ट्रल ड्रग स्टोर में नियुक्त फार्मासिस्ट से सूची तैयार कराने को कहा. साथ ही इस मामले में कटरा, मुशहरी, पारू, पी.एच.सी. के खराब प्रदर्शन करने के कारण कारणपृच्छा करने को कहा. मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य की समीक्षा में पाया गया कि मुरौल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन उपलब्धि 153 प्रतिशत रहा, कटरा का 107 प्रतिशत, जबकि कुढ़नी का मात्र 10 प्रतिशत उपलब्धि रहा.


जिलाधिकारी ने 90 प्रतिशत से कम उपलब्धि प्राप्त करने वाले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से कारणपृच्छा करने को कहा. संस्थागत प्रसव के मामले में कटरा 12 प्रतिशत, औराई 16 प्रतिशत, कुढ़नी 17 प्रतिशत, बोचहां 19 प्रतिशत, मुशहरी 20 प्रतिशत, मड़वन 20 प्रतिशत रहा.


जिलाधिकारी अगले माह की बैठक में सभी प्रखण्डों को 35 प्रतिशत से अधिक उपलब्धि रखने का निर्देश दिया। इसके लिए आशा, सेविका सहायिका को पोषक क्षेत्र में सर्वे कर सूची बनाने तथा उसके अनुरूप कार्य करने का निर्देश दिया. टीकाकरण के मामले में मुशहरी, पारू, कांटी, मड़वन का प्रदर्शन न्यून रहा। 90 प्रतिशत से कम प्रदर्शन करने वाले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण करने का निर्देश दिया गया। साथ ही चिकित्सा पदाधिकारी को ए.एन.एम. के साथ साप्ताहिक बैठक करने तथा कम्यूनिटी मोबिलाईजर को समन्वित प्रयास कर प्रगति लाने का निर्देश दिया.


बैठक में आकांक्षी ब्लाॅक मुशहरी के सभी सूचकांकों में आगे लाने हेतु सिविल सर्जन एवं डी.पी.ओ. आई.सी.डी.एस. को समन्वित प्रयास करने का निर्देश दिया। मुजफ्फरपुर जिले का स्तनपान के मामले में राज्य स्तर पर 70 प्रतिशत का सराहनीय प्रदर्शन रहा है। माॅ का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है.


बैठक में अवगत कराया गया कि 07 अगस्त को पारू के सभी 409 आॅगनबाड़ी केन्द्रों, औराई का 09 आॅगनबाड़ी केन्द्रों तथा सरैया के 04 आॅगनबाड़ी केन्द्रों पर जुलाई माह का पोषाहार का वितरण किया जाएगा। जिलाधिकारी ने डी.पी.ओ. आई.सी.डी.एस. को सतत् एवं प्रभावी माॅनिटरिंग कर  टी.एच.आर. का सफलतापूर्वक वितरण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया.


बैठक में सिविल सर्जन डाॅ. अजय कुमार, ए.सी.एम.ओ. डाॅ सतीश कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, सभी स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थें.

  

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