बेगुसराय में रंगपुष्प ने प्रेमचंद की जयंती के मौके पर प्रेमचंद की कहानी लांछन का खुशबू कुमारी ने किया पाठ।

नेहा कुमारी सिटी रिपोर्टर


बेगूसराय में नाट्य संस्था रंगपुष्प ने, कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती के शुभ अवसर पर रंगपुष्प नाटय संस्था द्वारा  रतनपुर स्थित फैक्ट स्पेस में कहानी लांछन का पाठ किया। प्रेमचंद की कहानी लाँछन का पाठ महिला रंगकर्मी खुशबू कुमारी ने किया । रंगपुष्प निरंतर रंगमंच कला,व साहित्य से जुड़ी गतिविधियों में अग्रसर रहती है। आए दिन नाटकों के साथ अन्य तरह की कला व साहित्य से जुड़े आयोजनों को आयोजित करती है। मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 में शहर वाराणसी के लमही नामक जगह पर हुई। इनके बचपन का नाम अमृत राय था। किंतु समय के साथ अपनी मुखर लेखनी और साहित्य में संवेदनशीलता की नई परिभाषा के बदौलत वो मुंशी प्रेमचंद के रूप में विख्यात हुए। उनकी प्रत्येक कहानी में अतिसूक्ष्म रूप में एक ऐसी संवेदनशीलता मौजूद है। जिससे संसार का हर आम आदमी गुजरता है। इसलिए ही प्रेमचंद की रचना इतने वर्षों बाद भी आज तक प्रासंगिक है। स्त्री विमर्श पर लिखी उनकी कहानियां या फिर किसानों,मजदूरों के लिए लिखी गई कहानी आज तक हमारे जीवन से सीधे संबंध रखती है। दो बैलों की कथा, पूस की रात, पंच परमेश्वर, लांछन, गोदान, बड़े घर की बेटी या फिर ईदगाह ऐसी सैकड़ों कहानियां है। जो किसी ना किसी रूप में हमारे जीवन की हिस्सा रही हैं। रंगपुष्प के इस कहानी पाठ के आयोजन में उपस्थित दर्शकों ने मुंशी प्रेमचंद की तस्वीर पर पुष्पाजंलि कर उनका स्मरण किया। उसके उपरांत संस्था की सचिव खुशबू कुमारी के द्वारा कहानी लांछन का पाठ सुना। इस मौके पर वरिष्ट रंग निर्देशक प्रवीण कुमार गुंजन, युवा रंगकर्मी चंदन वत्स, अभिनेत्री प्रिया कुमारी, अभिनेता चंदन कुमार कश्यप , पूजा कुमारी , रिमझीम कुमारी , जिया कुमारी और मोo रहमान, दीपक कुमार , अमरेश कुमार , रविकांत कुमार आदि उपस्थित थे।

  

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