

मुजफ्फरपुर के इस प्रखंड में कई आशा बहाली का चयन हुआ रद्द, DM का बड़ा एक्शन - चयन में गड़बड़ी
- by Raushan Pratyek Media
- 10-Nov-2024
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मुजफ्फरपुर : आए दिन बिहार के किसी न किसी जिले में नियमों को ताक पर रख कर चयन में गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आते रहता है, ऐसा ही कुछ मुजफ्फरपुर में देखने को मिला जहा एकसाथ कई आशा की बहाली को जिलाधिकारी ने रद्द कर दिया है. जिसके बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है.
आपको बता दे कि पूरा मामला मुजफ्फरपुर के गायघाट प्रखंड के बाघाखाल पंचायत का है जहा की नियमों को ताक पर रख कर तीन आशा की बहाली की गई थी लेकिन मामले की जांच के बाद जिलाधिकारी ने तीनो आशा के चयन प्रक्रिया को अवैध पाते हुए उसे रद्द कर दिया है इतना ही नहीं पीएचसी प्रभारी व प्रबंधक से जवाब तलब भी किया गया है.
नियमों को ताक पर रख कर की जा रही आशा की बहाली..
बता दें कि तमाम नियमों को ताक पर रख कर मुजफ्फरपुर में आशा की बहाली की जा रही है, इस मामले का खुलासा खुलासा तब हुआ जब जांच के बाद जिले के 10 पीएचसी के 125 आशा के बहाली के चयन के लिए आई फाइल को वापस लौटा दिया गया है. जबकि गायघाट प्रखंड के बाघाखाल में तीन आशा के चयन को रद्द करते हुए 21 दिनों के अंदर पुनः तीनों आशा के चयन को लेकर प्रक्रिया पूरी करने का आदेश गायघाट पीएचसी प्रभारी को दिया गया है.
बहाली प्रक्रिया में गरबरी की जानकारी पर एक्शन..
बताया गया की जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा यह सूचना प्राप्त हुई थी कि गायघाट प्रखंड के बाघाखाल पंचायत में तीन अलग अलग वार्डों में आशा चयन प्रकिया नियम को ताक पर रख की गई. जिसके बाद तीनों आशा के चयन को रद्द कर दिया गया साथ ही पूरे मामले को लेकर पीएचसी प्रभारी व प्रबंधक से जवाब तलब किया गया है. वही जिला सामुदायिक उत्प्रेरक के प्रभार में रहे राजकीरण व लेखापाल उपेन्द्र दास को हटाते हुए उनकी संचिका वापस ले ली गई है और उनकी जगह राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉक्टर प्रशांत को प्रभार दिया गया है साथ ही इनको भी मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन द्वारा सख्त हिदायत दी गई है कि पीएचसी से आने वाली आशा बहाली की संचिका का अध्ययन 5 दिनों के अंदर करते हुए वरीय अधिकारियों से विमर्श कर उनके चयन प्रक्रिया के लिए पीएचसी को वापस कर देना है ताकि समय पर आशा की बहाली हो सके और सरकारी योजनाओं के संचालन में कोई बाधा नहीं आ पाए
मुजफ्फरपुर के कई पीएचसी में ऐसी ही हो रही आशा की बहाली?..
अक्टूबर 2020 से 2024 तक जिला स्वास्थ्य समिति में सकरा, मड़वन, बोचहा, सरैया, गायघाट, कांटी, पारू, मोतीपुर, कुढ़नी, कटरा पीएचसी प्रभारी के तरफ से आशा का चयन करके अनुमोदन के लिए भेजी गई संचिका को वापस कर दिया गया है वही मामले की जांच में यह बात सामने आई थी कि आमसभा में पीएससी प्रभारी ही उपस्थित नहीं थे.
आपको बता दें कि आमसभा में मुखिया और पीएचसी प्रभारी का होना अनिवार्य होता है वही अब अनुमोदन से पहले ही अलग अलग प्रखंडों से 125 आशा के चयन प्रक्रिया के फाइलों को वापस कर दिया गया है जिसके बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है
जानकारी के अनुसार गड़बड़ी का पूरा मामला तब सामने आया जब जिले के गायघाट प्रखंड के बाघाखाल के वार्ड सदस्य ने मुजफ्फरपुर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन से आशा बहाली की प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायत की थी जिसके बाद मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन को जांच का जिम्मा सोपा गया था वही जब मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉक्टर अजय कुमार के द्वारा जांच शुरू की गई तो कई पंचायत के मुखिया के द्वारा भी आशा के चयन को रद्द करने का पत्र सिविल सर्जन को दिया गया और कहा गया कि आशा बहाली की प्रक्रिया में कुछ त्रुटि रह गई है. जिसके बाद मामले की सिविल सर्जन ने दो स्तर पर जांच कराई जिसमें पहली टीम में जिला कार्यक्रम प्रबंधक व जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को शामिल किया गया वही दूसरी टीम में जिला वेक्टर जनित पदाधिकारी व जिला यक्ष्मा रोग पदाधिकारी और एसीएमओ को शामिल किया गया जिसके बाद दोनो टीमों ने जांच करते हुए आशा बहाली प्रक्रिया को निरस्त करने की अनुशंसा की थी.
आपको बता दें कि जिला स्वास्थ्य समिति से जांच के बाद मिली जानकारी के अनुसार बताया गया कि आशा के चयन प्रक्रिया में मूल रूप से इस बात का ध्यान रखना है कि पंचायत में आशा बहाली के 21 दिन पूर्व ही सूचना जारी करना होता है और उसका प्रचार प्रसार आशा उत्प्रेरक व एएनएम के द्वारा किया जाता है वही आमसभा की बैठक में मुखिया व पीएचसी प्रभारी की उपस्थिति अनिवार्य होती है 1 हजार की आबादी पर एक आशा का चयन होता है इसलिए आम सभा उतनी आबादी पर होगी वहीं अगर पूरे चयन प्रक्रिया में एक आदमी का नाम होगा तो उसे निरस्त करना है और फिर से दोबारा आम सभा होगी जिसमें कम से कम दो या फिर इससे अधिक अभ्यर्थी के होने के बाद ही चयन प्रक्रिया पूरी हो पाएगी वही जिस अभ्यर्थी की सबसे ज्यादा शैक्षणिक योग्यता होगी उसका चयन किया जाएगा अभ्यर्थी उसी वार्ड का निवासी होना चाहिए वही आमसभा के माध्यम से चयनित नाम को अनुमोदन के लिए जिला स्वास्थ्य समिति को भेजना होता है जिसके बाद जिला स्वास्थ्य समिति एक सप्ताह के अंदर नाम चयन पर अपना अनुमति देकर उस फाइल को वापस करेगी जिसके बाद पीएससी प्रभारी चयनित आशा को नियुक्ति पत्र देंगे.
गड़बड़ी की सूचना और मामले को लेकर आशा बहाली प्रक्रिया को नए सीरे से शुरू की जा रही है जिसको लेकर संबंधित पदाधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश दिया गया है और साथ ही पूरे चयन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई जाने पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही गई.
मुजफ्फरपुर से रुपेश कुमार की रिपोर्ट

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