भारतीय वायुसेना ने सीतामढ़ी और दरभंगा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गिराया सूखा राशन पैकेट

भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से सीतामढ़ी एवं दरभंगा जिला अन्तर्गत पानी से घिरे आवागमन बाधित गाँवों में सूखे राशन के पैकेट गिराए गए.


• प्रभावित आबादी में से लगभग 2,26,000 लोगों को जिला प्रशासन द्वारा एसडीआरएफ/एनडीआरएफ तथा स्थानीय नावों के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर लाया गया.


• माननीय मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया गया तथा उनके द्वारा बाढ़ आपदा से निपटने हेतु आवश्यक निदेश दिए गए.


गंडक, कोसी, बागमती, महानन्दा एवं अन्य नदियों में आयी बाढ़ के कारण 16 जिलों, (यथा पूर्वी चम्पारण, प० चम्पारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण, सहरसा एवं कटिहार) के 76 प्रखण्डों में 368 ग्राम पंचायतों के अन्तर्गत लगभग 11.84 लाख जनसंख्या बाढ़ से प्रभावित हुई है।


जल संसाधन विभाग से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार 04 जिलों में 07 स्थान पर तटबंध टूटने की घटना घटित हुई है। सीतामढ़ी जिला में बेलसंड प्रखण्ड के अन्तर्गत मधकौल एवं सौली रूपौली तथा रुन्नीसैदपुर प्रखण्ड के अन्तर्गत तिलकताजपुर एवं खडुआ में तटबंध टुटा है। प० चम्पारण जिला में बगहा -1 प्रखण्ड के अन्तर्गत खैरटवा गाँव में तथा शिवहर जिला के तरियानी प्रखण्ड के अन्तर्गत छपरा में एवं दरभंगा जिला के अन्तर्गत किरतपुर प्रखण्ड के भुबोल गाँव में कोसी तटबंध टुट गया है।


प्रभावित आबादी में से लगभग 226000 लोगों को जिला प्रशासन द्वारा एस०डी०आर०एफ० / एन०डी०आर०एफ० तथा स्थानीय नावों के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर लाया गया है। जिला प्रशासन द्वारा अन्य राहत की कार्रवाई की जा रही है।


माननीय मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया गया तथा उनके द्वारा बाढ़ आपदा से निपटने हेतु आवश्यक निदेश दिए गए।


आपदा की स्थिति को देखते हुए भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से 02 जिलों यथा सीतामढ़ी एवं दरभंगा जिला के अन्तर्गत पानी घिरे आवागमन बाधित गाँवों में सुखा राशन के पैकेट गिराये गए।


बाढ़ से प्रभावित आबादी को सुरक्षित निष्क्रमित करने हेतु एन०डी०आर०एफ० की कुल 16 टीम एवं एस०डी०आर०एफ० की कुल 14 टीमों को तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त वाराणसी एवं राँची से एन०डी०आर०एफ० की 03-03 टीमों को बुलाया गया है। जिससे विभिन्न जिलों में राहत एवं बचाव कार्य लगी है।


बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा 209 सामुदायिक रसोई केन्द्र का संचालन किया जा रहा है जिसके माध्यम से लगभग 86900 लोगों (थाली की संख्या) को भोजन कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 24 राहत शिविर का भी संचालन किया जा रहा हैं जहाँ लगभग 12400 बाढ़ शारणार्थी शरण लिये हुए है.


बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच अबतक लगभग 61100 पॉलीथीन शीट एवं लगभग 57600 ड्राई राशन पैकेट का वितरण किया गया है। आबादी निष्क्रमण एवं आवागमन को सुगम बनाने हेतु कुल 840 नावों का परिचालन कराया जा रहा है. आवश्यकता बढ़ने पर इसकी संख्या तद्नुसार बढ़ायी जाएगी. 


बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य की देख-भाल हेतु पर्याप्त दवाओं के साथ चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। जल प्लावित क्षेत्रों में 10 बोट एम्बुलेंस का भी परिचालन किया जा रहा है जिनपर मोबाईल मेडिकल टीम कार्यशील है.


पशुओं के लिए पशु दवा एवं पशु चारा की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है. जिला प्रशासन को बाढ़ से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) एवं समय-समय पर दिए गए निदेश के आलोक में राहत एवं बचाव कार्य हेतु निदेश दिए गए हैं।

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