

मधुबनी-विश्व उच्च रक्त सप्ताह सह जांच शिविर शुरू,17 मई से 23 मई तक मरीजों की होगी निशुल्क जांच
- by Raushan Pratyek Media
- 17-May-2023
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हाई बीपी बन सकता है जान के लिए बड़ा खतरा,हार्ट-किडनी हो सकते हैं खराब
किशोर कुमार ब्यूरो
मधुबनी-दुनियाभर में हर साल 17 मई को 'वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे' के रूप में मनाया जाता है। यह खास दिन उच्च रक्तचाप रोग के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्धेश्य से मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व हाइपरटेंशन दिवस का थीम 'मेजर योर ब्लड प्रेशर एक्यूरेटली, कंट्रोल इट, लिव लॉन्गर' है, पर बेस्ड है। इस थीम का मतलब है कि लाॅन्ग लाइफ जीने के लिए अपना ब्लड प्रेशर मापें और कंट्रोल करें। रखा गया है 'विश्व उच्च रक्तचाप दिवस' के अवसर पर 17 से 23 मई 2023 तक "निःशुल्क चिकित्सा सह जांच परामर्श सप्ताह " का आयोजन जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर किया जाएगा। जिसका शुरुआत 17 मई 2023 को डा0 आर0 के0 सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा सदर अस्पताल एनसीडी क्लिनिक में किया गया। डॉ सिंह ने बताया असामान्य और असंतुलित जीवनशैली उच्च रक्तचाप के जोखिम को बढ़ाती है। चिंता की बात यह है कि दुनियाभर में हृदय रोग और असमय मौतों के प्रमुख कारणों में से एक हाई बीपी है। यह क्रोनिक मेडिकल कंडीशन है जिसके चलते रक्त धमनियों में खून का दबाव काफी बढ़ जाता है। जिसकी वजह से जिगर, गुर्दों, मस्तिष्क, हृदय और आंखों को काफी गंभीर रूप से नुकसान पहुंच सकता है।
हाइपरटेंशन के लक्षण-
शुरुआत में, हाइपरटेंशन के कोई खास लक्षण नजर नहीं आते हैं। यही वजह है कि आमतौर पर रोगी समय रहते शरीर पर पड़ने वाले इसके नकारात्मक असर को पहचान नहीं पाते हैं। जिसकी वजह से धीरे-धीरे यह समस्या बढ़कर कई जटिलताओं को पैदा करने के साथ लोगों के लिए कई स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का कारण बनती है। सिर दर्द, सिर चकराना,थकान और सुस्ती, नींद न आना,दिल की धड़कन बढ़ जाना,सीने में दर्द,तेज सांसें चलना या सांस लेने में तकलीफ होना, आंखों से धुंधला दिखना जैसे कई अन्य लक्षण हैं जो ब्लड प्रेशर होने पर व्यक्ति में नजर आ सकते हैं।
हाइपरटेंशन से बचाव के उपाए :
सेहतमंद जीवनशैली, नियमित व्यायाम, संतुलित खुराक और वजन को नियंत्रित रखकर हाइपरटेंशन का जोखिम तथा उससे जुड़ी अन्य जटिलताओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हाइपरटेंशन से प्रभावित लोगों को अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए डॉक्टर से नियमित सलाह लेनी चाहिए। ताकि समय रहते विभिन्न अंगों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।

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