पटना जिला गजेटियर प्रारूप प्रकाशन समन्वय समिति की बैठक


गजेटियर प्रारूप निर्माण अंतिम चरण में, सितंबर में प्रकाशन संभावित


गजेटियर जिला का इन्फॉर्मेशन बैंक; विद्यार्थियों, उद्यमियों, पर्यटकों, शोधकर्ताओं सहित सभी व्यक्तियों के लिए यह अत्यंत उपयोगी दस्तावेज साबित होगाः डीएम


पटना डीएम  डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित जिलाधिकारी के कार्यालय प्रकोष्ठ में पटना जिला के गजेटियर के प्रकाशन हेतु जिलास्तरीय गजेटियर प्रारूप प्रकाशन समन्वय समिति की बैठक हुई। इसमें प्रारूप प्रकाशन में प्रगति की समीक्षा की गई।


समिति के सदस्यों द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि गजेटियर प्रारूप निर्माण अंतिम चरण में है। इसमें कुल 18 चैप्टर है। सभी प्रामाणिक, लोकोपयोगी एवं रोचक जानकारियाँ इसमें शामिल की गई है। इस पर लगातार काम जारी है।


समिति के समक्ष आज गजेटियर के चार चैप्टर की पांडुलिपि के अंतिम प्रारूप को प्रस्तुत किया गया। समिति के सदस्यों द्वारा इस पर विचार किया गया। जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि सभी 18 चैप्टर का अंतिम प्रारूप 15 अगस्त, 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि इसके बाद इसे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भेजा जाएगा। सितंबर में पटना जिला के गजेटियर के प्रकाशन की सम्भावना है।


डीएम डॉ सिंह ने कहा कि पटना जिला के गजेटियर की हार्ड कॉपी (भौतिक प्रति) के साथ ई-कॉपी भी प्रकाशित की जाएगी। जिला के वेबसाइट के साथ-साथ सभी प्रमुख पुस्तकालयों एवं शिक्षण संस्थानों में यह उपलब्ध रहेगा।


डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि प्रकाशित होने वाले गजेटियर में लगभग 54 विभागों एवं कार्यालयों की हरएक सूक्ष्म-से-सूक्ष्म विवरणी रहेगी। पटना जिले के साहित्य एवं संस्कृति, शिक्षा, स्थापत्य कला, भूगोल एवं प्राकृतिक संसाधन, प्रशासन, विधि-व्यवस्था एवं न्याय, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, पर्यटन, बैंकिंग सहित सभी तरह की सूचना एवं विवरणी रहेगी। यह प्रशासकों, शोधकर्ताओं, पत्रकारों, विद्यार्थियों, पर्यटकों, राजनेताओं, उद्योगपतियों एवं अन्य जिज्ञासु व्यक्तियों के लिए काफी उपयोगी होगा। इसमें पटना के आइकॉनिक इमारतों यथा सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र-बापू सभागार, सभ्यता द्वार, ज्ञान भवन; बिहार संग्रहालय, प्रसिद्ध शैक्षणिक एवं प्रबंधन संस्थानों यथा आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, ऐतिहासिक संरचनाओं, पर्यटन स्थलों आदि का उल्लेख रहेगा। जल-जीवन-हरियाली अभियान, कृषि रोड मैप, पटना स्मार्ट सिटी, पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन, ऊर्जा, आपदा प्रबंधन सहित सभी विषयों पर प्रामाणिक एवं प्रमाणित विवरणी उपलब्ध रहेगी।


डीएम डॉ. सिंह ने जिला गजेटियर के उद्देश्य एवं भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गजेटियर जिला का इन्फॉर्मेशन बैंक होता है। यह जिले के बारे में सर्वाधिक प्रामाणिक सरकारी दस्तावेज होता है। इसमें न केवल जिले का इतिहास होता है बल्कि उस जिले के बारे में एक-एक तथ्य की भी जानकारी होती है। किसी अन्य पुस्तक में विविध विषयों पर इतनी विस्तृत, रोचक और प्रामाणिक सामग्री एक साथ उपलब्ध नहीं होती। 


डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा पटना एवं दरभंगा जिला को जिला गजेटियर के पुनर्निरीक्षण (रिविजन) हेतु पायलट जिला के तौर पर चुना गया है। गजेटियर के लेखन हेतु राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा निर्धारित अध्याय एवं शीर्ष के अंतर्गत पटना जिला गजेटियर की पाण्डुलिपि तैयार किया जा रहा है।


डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पटना जिला गजेटियर का अंतिम प्रकाशन वर्ष 1970 में हुआ था। पिछले 53 साल में गतिविधियों में बहुत अधिक परिवर्तन एवं विस्तार हुआ है। 1970 से लेकर वर्तमान समय तक सभी तरह की समेकित, सम्पूर्ण एवं प्रामाणिक विवरणी प्रकाशित होने वाले गजेटियर में रहेगा। रेलवे, विमानपत्तन, डाक, दूरसंचार, उद्योग, कारा, विधि, राजस्व, निबंधन, निर्वाचन, श्रम, स्वास्थ्य, कृषि, पंचायती राज, मत्स्य, शिक्षा, कल्याण, बैंकिंग, खेल, आईसीडीएस, विद्युत, सिंचाई, परिवहन, उद्यान, सामाजिक सुरक्षा सहित सभी विभागों का इसमें विवरण रहेगा। इसमें उनके कार्यालयों द्वारा किए कार्य, आंकड़े, फोटोग्राफ्स, अभिलेख, जनसहभागिता सहित सभी प्रकार का उल्लेख रहेगा। इसमें तंत्र(सिस्टम) के न्यूनतम इकाई तक की विवरणी रहेगी। सभी विवरणियों को अच्छी तरह से सत्यापित कर शामिल किया जा रहा है।


डीएम डॉ. सिंह ने विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों को निदेश दिया कि संकलित आंकड़ों एवं तथ्यों, समसामयिक एवं लोकोपयोगी सूचनाओं तथा विवरणियों को पुनः जाँच लें। हर एक प्रविष्टि प्रामाणिक रहनी चाहिए। स्रोतों का भी उल्लेख रहना चाहिए। 


डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा जनहित में अनेक विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी योजनाओं का सूत्रण, प्रतिपादन एवं सफल क्रियान्वयन किया गया है। महिला सशक्तिकरण, समाज सुधार अभियान, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा पर रोक, मद्यनिषेध, जल-जीवन-हरियाली अभियान, विकसित बिहार एवं आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय सहित विभिन्न योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है। बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 एवं बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के द्वारा नागरिकों को सशक्त करने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किया गया है। पटना जिला के गजेटियर प्रारूप प्रकाशन में इन सबकी विस्तृत विवरणी रहेगी।


डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि गजेटियर का पूरे विश्व में प्रसार होता है। अतः इसमें विवरणियों का प्रस्तुतिकरण सर्वाेत्तम तरीके से होना चाहिए।


इस बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन, विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी, अपर जिला दण्डाधिकारी सामान्य एवं अन्य भी उपस्थित थे।।

  

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