मोतिहारी : सरकार के प्रति लोगों में उदासीनता व्याप्त है : प्रशांत किशोर



मोतिहारी। बिहार के ज्यादातर गांव में नवयुवक बाहर मजदूरी करने जाते हैं। बाहर के राज्यों में रहकर भरण पोषण करते हैं। किसानों को किसानी करने में परेशानी होती है। बड़े किसानों को छोड़कर बाकी के लिए परिवार चलाना मुश्किल है। उक्त बातें जन सुराज पदयात्रा में आए प्रशांत किशोर ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही। साथ ही कहा कि यहां जल संसाधन की समस्या किसानों को है। पहले नहर की सुविधा थी। लेकिन रख रखाव के अभाव के कारण बंद है ।पिछले 10 वर्षों में सिंचित भूमि 11% से कम हो गई है। जिसका कारण नलकूप नहर बंद होना है। यहां बरसाती नदी के कारण बाढ़ से कटाव देखने को मिलती है। जिससे किसानों को काफी क्षति होता है। हम जब से यहां आए हैं तो पता चला कि यूरिया के लिए हाहाकार है। जिसका कारण यूरिया का नेपाल जाना कालाबाजारी करना है। ग्रामीणों ने बताया कि 500 से 1200 रुपया तक मिल रहा है। सिंचाई की भी समस्या यहां विद्यमान है। यहां के किसान फसल पैदा करते हैं। लेकिन उसका उचित मूल्य उन्हें नहीं मिल पाता है। गन्ना की मिल बंद होने से गन्ना की खेती पर भी प्रभाव पड़ा है। जो किसानों के लिए काफी आवश्यक खेती था। बिहार में कोई मंडी नहीं है जिससे किसानों को सही मूल्य मिल सके। शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। यहां नियोजित शिक्षक और उत्क्रमित विद्यालय पर शिक्षा आधारित हो गई है। साथ ही बताया कि विद्यालय खिचड़ी साइकिल वितरण का सेंटर हो गया है। कॉलेजों में एडमिशन एडमिट कार्ड का वितरण डिग्री का सेंटर हो गया है। जब हमारे बच्चे शिक्षित नहीं होंगे तो उन्हें मजदूरी ही करनी पड़ेगी। साथ ही बताया कि आवास योजना शौचालय मैं भी काफी गड़बड़ियां है। साथ ही बताया कि नल जल योजना में पश्चिम चंपारण से अच्छा पूर्वी चंपारण है। ग्रामीण सड़कों की स्थिति वही है जो जंगलराज में थी। जनता अफसरशाही भ्रष्टाचार पीसी से परेशान है। सरकार के प्रति लोगों के मन में उदासीनता है। उक्त आशय की जानकारी प्रशांत किशोर ने दी।

  

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