टीडीसी पार्ट थ्री परीक्षा का शांतिपूर्ण समापन


मोतिहारी: बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार जिले में एलएनडी कॉलेज सहित पांच परीक्षा केंद्रों पर सत्र 2019-22 के विज्ञान, कला व वाणिज्य संकायों में त्रिवर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम खंड-तृतीय की परीक्षा गुरुवार को शांतिपूर्ण समाप्त हो गयी। ज्ञातव्य हो कि पूर्व में जारी परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार यह परीक्षा 29 दिसंबर से प्रारंभ होनी थी परंतु अपरिहार्य कारणों से 29 व 31 दिसंबर की परीक्षा स्थगित कर इसे क्रमश: 11 व 12 दिसंबर को कर दिया गय। 30 दिसंबर से 10 विभिन्न कार्यदिवसों व दो पालियों में संचालित होकर यह परीक्षा 12 दिसंबर गुरुवार को शुचितापूर्ण संपन्न हो गई। विदित हो कि ऑनर्स पाठ्यक्रमों के साथ-साथ जनरल कोर्स की परीक्षा भी संचालित हुई। एलएनडी कॉलेज के केंद्राधीक्षक-सह-बुटा अध्यक्ष प्रो.अरूण कुमार के अनुसार परीक्षार्थियों के हितार्थ सत्र का नियमितीकरण अत्यावश्यक है परंतु बिना पाठ्यक्रम समाप्ति के सत्र नियमित करने के लिए शीघ्र परीक्षा का आयोजन भी विद्यार्थियों की प्रतिभा का वास्तविक मूल्यांकन नहीं कर पाता है। एलएनडी कॉलेज केंद्र  स्वच्छ व कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए सदा प्रसिद्ध रहा है। यहां त्रिवर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम खंड-तृतीय की परीक्षा के दौरान कदाचार के आरोप में 30 दिसंबर को द्वितीय पाली में चार एवं दो जनवरी को द्वितीय पाली में दो कदाचारियों को परीक्षा से निष्कासित कर दिया गया था।

             संयुक्त केंद्राधीक्षक डॉ. कुमार राकेश रंजन के अनुसार परीक्षा में अनुचित साधनों का सहारा लेने वाले परीक्षार्थी कभी भी राष्ट्र का निर्माण नहीं कर सकते हैं। अंतिम दिन गुरुवार को संपन्न ऑनर्स पेपर परीक्षा के दौरान प्रथम पाली में कुल आवंटित 981 परीक्षार्थियों के विरुद्ध 918 उपस्थित व 63 अनुपस्थित रहे। वहीं द्वितीय पाली में कुल आवंटित 1860 परीक्षार्थियों के विरुद्ध 1793 उपस्थित व 67 अनुपस्थित रहे। अंतिम दिन किसी भी परीक्षार्थी के निष्कासन की सूचना नहीं है। अंतिम दिन प्रथम पाली में अर्थशास्त्र, भौतिकी, संस्कृत व गृह विज्ञान छट्ठे ऑनर्स पत्र एवं द्वितीय पाली में हिंदी, मनोविज्ञान, जंतु विज्ञान व उर्दू छट्ठे ऑनर्स पत्र की परीक्षा थी। इस परीक्षा के सफल संचालन में सहायक केंद्राधीक्षकों में डॉ.जौवाद हुसैन व डॉ. राधे श्याम, वीक्षकों की ओर से मनोज कुमार, मधुबाला मौर्या, प्रमोद कुमार रॉय,  जलेश्वर कुमार, डॉ. मधुलिका कुमारी, डॉ.कृष्ण कुमार सिन्हा, प्रिय रंजन झा, डॉ. जयंती झा व परीक्षा सहायकों में डॉ.भुवनेश्वर सिंह, आलोक कु.पाँडेय, सत्यनारायण राय व देवेंद्र ठाकुर, एनसीसी कैडेट्स सहित सभी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

  

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