

मधुबनी जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए होगा प्री-टास्क
- by Raushan Pratyek Media
- 28-Nov-2023
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-प्रयोगशाला प्रवैधिकी का एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
- प्रत्येक प्रखंड से 900 लोगों का लिया जाएगा रक्त- पट संग्रह
-मैक्रोफाइलेरिया दर की होगी जाँच
किशोर क़ुमार ब्यूरो
मधुबनी-जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा वितरण (एमडीए) कार्यक्रम का आयोजन किया गया. एमडीए अभियान के दौरान सफल संचालन के पूर्व जिले में रक्त पट संग्रह ( नाइट ब्लड सर्वे )कार्य कराया गया था. जिसके आधार पर जिले के ऐसे पीएचसी जहां मैक्रोफाइलेरिया दर 1% से कम पाया गया वहां एमडीए कार्यक्रम संचालित नहीं किया. कार्यक्रम का आयोजन पंडौल,बिस्फी तथा बेनीपट्टी में किया गया. शेष 18 प्रखंड में अभियान नहीं चलाया गया. राज्य के निर्देशानुसार वैसे प्रखंड जहां अभियान नहीं आयोजित किया गया वैसे प्रखंडों में प्री -टास्क गतिविधि किया जाना प्रस्तावित है. जिसको लेकर मंगलवार को पारामेडिकल इंस्टीट्यूट रामपट्टी में जिले के सभी प्रखंड के प्रयोगशाला प्रवैधिकी का एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. प्रशिक्षण डब्ल्यूएचओ के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. दिलीप कुमार के द्वारा दिया गया. प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से एक रेंडम साइट एवं दो फील्ड साइट का चयन किया जाना है. प्रत्येक साइट पर 300 - 300 व्यक्तियों का स्लाइड कुल 900 लोगों का रक्त- पट संग्रह लिया जाना है. रक्त पट संग्रह रात्रि 8:30 बजे से लेकर 12:00 रात्रि के मध्य लिया जाना है.
फाइलेरिया से बचाव के लिए 5 साल तक लगातार साल में एक बार जरूर करें दवा का सेवन :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डी. एस. सिंह ने बताया किसी भी व्यक्ति को फाइलेरिया ना हो इसके लिए 5 साल तक लगातार साल में एक बार दवा का सेवन अनिवार्य रूप से करना चाहिए इस बीमारी के मरीज की मृत्यु नहीं होती लेकिन उसका जीवन बोझ हो जाता है. इसका वाहक क्यूलेक्स मच्छर है. अगर आज किसी व्यक्ति को संक्रमित करता है तो बीमारी के लक्षण आने में 5 से 10 या 15 साल तक का समय लग सकता है. जब तक बीमारी का पता चलता है तब तक काफी देर हो जाती है. इससे बचना है तो दवा का सेवन जरूर करना चाहिए.
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग की रणनीति :
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए केंद्र सरकार के द्वारा वर्ष 2030 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं राज्य सरकार के द्वारा वर्ष 2027 तक उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके लिए प्रतिवर्ष सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम के तहत 2 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दवा खिलाई जाती है.जिसमें आम लोगों को जागरूक होना होगा.तभी अभियान को सफल बनाया जा सकता और हमारा समाज फाइलेरिया से मुक्त हो सकता है.
मौके पर भीबीडीसी राकेश कुमार रंजन, पिरामल के धीरज सिंह, लक्ष्मीकांत सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे.

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