बेगुसराय में दो दिवसीय दौरा पर पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रविशंकर सिंह विसेन

नेहा कुमारी सिटी रिपोर्टर

बेगुसराय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रविशंकर सिंह विसेन ने दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे जहां स्वयंसेवकों ने उन्हें भव्य स्वागत किया इस दौरान जिले के बखरी प्रखंड में स्वयंसेवकों की एक कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक शामित हुए जहां स्थानीय स्वयंसेवकों ने भव्य स्वागत किया इस मौके पर प्रांत प्रचारक रविशंकर सिंह विसेन ने कहा कि भारत केवल भूमि का टुकड़ा नहीं है। अपितु इसके कण-कण में ईश्वर का वास है। इसलिए संघ के स्वयंसेवक देश को अपनी मां मानकर निस्वार्थ भाव से राष्ट्र सेवा को संकल्पित होते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रविशंकर सिंह विसेन ने कही। दो दिवसीय प्रवास को लेकर बखरी पहुंचे प्रचारक का स्वागत स्थानीय स्वयंसेवकों ने किया। अहले सुबह सरस्वती शिशु मंदिर में हुई प्रभात शाखा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। हमारा देश तो आजादी के समय ही स्वाधीन हो चुकी थी। परंतु पूर्णरूपेण स्वतंत्रता हमें अभी भी नहीं मिली। जात- पात, ऊंच-नीच इन सभी सामाजिक कुरीतियों से ऊपर उठकर हिंदू समाज को संगठित करना ही संघ की दृष्टिकोण में पूर्ण स्वतंत्रता का सार है। इसके लिए संघ आगामी 25 वर्षों के लिए कार्य योजना तैयार कर रही है। जिला संचालक मनोरंजन वर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन होने के नाते इसके स्वयंसेवकों को नए-नए स्थानों पर शाखा लगाने एवं संघ की गतिविधियां को बढ़ाने पर जोड़ देना चाहिए। ताकि आगामी वर्षों में संघ का शताब्दी वर्ष पूरा होने पर समाज इसे उत्सव के रूप में मनाए। भारतीय संस्कृति और इसके सभ्यतागत मूल्यों को बनाए रखने के आदर्श को बढ़ावा देना इस कार्य में संघ की महत्वपूर्ण भूमिका है।वहीं शाखा के माध्यम से लोगों में राष्ट्रीयता का भाव उत्पन्न करना संघ की कल्पना है। शाखा में बड़ी संख्या में स्कूली छात्र छात्राओं सहित नगर वासी शामिल हुए।इससे पूर्व देर शाम बखरी नगर, ग्रामीण, गढ़पुरा, नावकोठी व डंडारी प्रखंड के स्वयंसेवकों की बैठक शहर के रामा पैलेस में आयोजित हुई। प्रांत प्रचारक को सुनने के लिए बड़ी संख्या में नगर के व्यवसायी, महिला वर्ग सहित संघ के अनुषांगिक इकाइयों के प्रमुख कार्यकर्ता मौजूद रहे।

  

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