रोहतास SP रौशन कुमार ने दिखाई अनोखी प्रतिबद्धता।।


दशहरा पूजा में खुद रातभर सड़कों पर खड़े होकर संभाल रहे हैं कमान।


रोहतास जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) रौशन कुमार ने हाल ही में अपनी अद्वितीय शैली में जनता की सुरक्षा का ख्याल रखा है, जिससे वह चर्चा का विषय बन गए हैं। दशहरा पूजा के दौरान, रौशन कुमार ने रातभर सड़कों पर खड़े रहकर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की। उनकी यह पहल न केवल साहसिक है, बल्कि यह पुलिस प्रशासन के प्रति जनता के विश्वास को भी मजबूत करती है।


आमतौर पर, वरीय अधिकारी अपने कार्यालय से ही स्थिति की निगरानी करते हैं और निर्देश देते हैं। लेकिन रौशन कुमार ने इस परंपरा को तोड़ते हुए स्वयं सड़कों पर गश्त की। उन्होंने अपने साथ पुलिसकर्मियों को लेकर रातभर पैदल गश्त की और यह सुनिश्चित किया कि हर कोई सुरक्षित महसूस करे। स्थानीय लोगो ने उनकी इस मेहनत की जमकर सराहना की है।


एक स्थानीय लोगो ने कहा, "यह पहली बार है कि हमने किसी एसपी को अपनी जिम्मेदारी के लिए खुद सड़कों पर खड़े देखा है। हमें गर्व है कि हमारे जिले में रौशन कुमार जैसे अधिकारी हैं जो केवल आदेश देने में विश्वास नहीं रखते, बल्कि हमारे साथ मिलकर हमारी सुरक्षा का ध्यान रखते हैं।"


रौशन कुमार की इस पहल ने न केवल पुलिस बल के अंदर अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा को बढ़ावा दिया है, बल्कि आम जनता के मन में पुलिस विभाग के प्रति भरोसा भी मजबूत किया है। उनके इस नेतृत्व ने यह संदेश दिया है कि पुलिस हमेशा नागरिकों की भलाई के लिए तत्पर है।


इस तरह की पहलों से न केवल स्थानीय लोगो को सुरक्षा का अहसास होता है, बल्कि अपराधियों को भी एक स्पष्ट संदेश जाता है कि कानून व्यवस्था की कड़ी निगरानी की जा रही है। रोहतास जिले के नागरिकों ने रौशन कुमार के इस साहसिक कदम के लिए उन्हें सराहा है और उनका यह प्रयास पुलिस और जनता के बीच की दूरी को कम करने में सहायक साबित हुआ है।


दशहरा पूजा के दौरान रौशन कुमार का यह समर्पण निश्चित रूप से उनके द्वारा किए गए कार्यों की एक मिसाल है। उनकी प्रतिबद्धता ने रोहतास जिले में सुरक्षा की भावना को और मजबूत किया है, जिससे लोग सुरक्षित और सशक्त महसूस कर रहे हैं। इस पहल ने दिखाया है कि जब प्रशासन अपने कर्तव्यों के प्रति ईमानदार और सजग होता है, तो नागरिकों का विश्वास और सुरक्षा की भावना भी बढ़ती है।


रौशन कुमार का यह कदम सभी अधिकारियों के लिए एक प्रेरणा है कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन केवल अपने कार्यालयों से नहीं, बल्कि नागरिकों के बीच जाकर करें। उनके इस साहसिक प्रयास के चलते रोहतास जिले के लोग अब पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और खुशहाल महसूस कर रहे हैं।

  

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