समस्तीपुर : डॉ तरुण ने किया पंचायती राज के बजट का विरोध, कहा पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय सुरक्षा और ग्राम स्वराज्य की नहीं है बात



अश्वनी कुमार, प्रत्येक न्यूज 


समस्तीपुर : बिहार विधान परिषद में मंगलवार को पंचायती राज के बजट पर वाद विवाद में समस्तीपुर से विधान परिषद डॉ तरुण कुमार ने पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय वृद्धि का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। अपने अभिभाषण में उन्होंने सरकार से अपील की की पंचायत प्रतिनिधियों को मिल रहा इतना कम मानदेय बहुत ही चिंताजनक है और इसमें कम से कम 10 गुना बढ़ोतरी करनी चाहिए। सरकार यह मान रही है कि महंगाई में वृद्धि हुई है, लेकिन इसके बावजूद सरकार के वित्तीय प्रावधान में पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय वृद्धि के लिए किसी प्रकार का अनुमान नहीं है। साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा भी एक गंभीर समस्या बन गई है लेकिन इतने महत्वपूर्ण काम करने के बावजूद भी उनकी सुरक्षा के प्रति सरकार बिल्कुल ही उदासीन है ग्राम स्वराज के लिए ग्राम सभा का सुदृढ़ीकरण पंचायतों को योजना निर्माण और योजना क्रियान्वयन में स्वतंत्रता की भी बात अपने अभिभाषण में विधान परिषद ने की उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मुख्यमंत्री सोलर लाइट के अंतर्गत सरकार ने यह तय कर लिया है कि सोलर लाइट किसके द्वारा लगाना है कौन सप्लाई करेगा और इससे पंचायत प्रतिनिधियों को बाध्य किया जा रहा है और इसी प्रकार अन्य अन्य योजनाओं में ग्रामसभा की महत्ता और पंचायत प्रतिनिधियों के निर्णय लेने की क्षमता कार्य करने की क्षमता पर अंकुश लगाया जा रहा है। जिला परिषद की नियमित बैठक नहीं हो पा रही है, और कार्यपालक सहायकों को पंचायत के कार्य से ज्यादा उन्हें अधिकारियों के लिए काम कर रहे हैं। लोक सेवा के अधिकार के काउंटर का भी व्यवस्था अब तक नहीं हो पाया है। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि बीते 14 वित्त आयोग और 15 वें वित्त आयोग में पंचायतों को अन टाइट फंड देना एक ऐसा उदाहरण था जिसमें केंद्र सरकार यह चाह रही थी कि पंचायत स्वयं में एक वित्तीय संसाधनों को संभालने वाली संस्थान के रूप में विकसित हो, परंतु राज्य सरकार विभिन्न तरीकों से पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार का हनन कर रही है और उन्हें स्वतंत्रता नहीं दे रही है।

  

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