मक्का उत्पादन को लेकर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किसानों की समस्या से वैज्ञानिक हुए अवगत


विकसित भारत अभियान @2047 अंतर्गत भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ में मक्का उत्पादन तकनीक के द्वारा रोजगार एवं आय में वृद्धि की संभावनाएं विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार के दूसरे दिन तकनीकी सत्र में किसान वैज्ञानिक इंटरफेंस कार्यक्रम का आयोजन कसबा प्रखण्ड के वसंतपुर गॉव में बिसा, पुसा एवं धानुका एग्रीटेक लि. के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ के सह अधिष्ठाता-सह-प्राचार्य, डॉ0 पारस नाथ ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा कसबा प्रखण्ड के वसंतपुर गॉव के किसानों की मक्का की फसल में विभिन्न प्रकार कीट एवं बीमारियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए किसानों के प्रश्नों का सकारात्मक तरीके से समाधान किया। उन्होने कहा कि महाविद्यालय कृषि के विकास में डॉ0 दुनिया राम सिंह कुलपति बिहार कृषि विष्वविद्यालय, सबौर के कुशल निर्देशन लगातार शिक्षा, शोध, प्रसार एवं प्रशिक्षण पर कार्य कर रहा है जिससे किसानों का उन्नयन हो सके और भारत के विकसित भारत बनने की राह में किसानों का सकारात्मक योगदान हो सके। डॉ0 रमेष कुमार, प्रधान मक्का प्रजनक ने मक्का में मूल्य एवं जैव संवर्धन से पोषण सुरक्षा एवं आत्मनिर्भरता के बारे में बताया। वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन की परिस्थिति में मक्का में अपार संभावनाओं के शोध में आवश्यकताओं पर बल दिया। भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली की मक्का कीट वैज्ञानिक डॉ0 सूबी, ने अपने संबोधन में कहा कि वैज्ञानिको को किसानों के खेतो में आने वाले समस्याओं के अवलोकन कर शोध द्वारा उनका निदान करने की आवश्यकता है। बिसा पुसा के डॉ0 राज कुमार जाट ने मक्का किसानो को सधन खेती एवं कृषि यांत्रिकरण की आवश्यकता जाहिर कि जिससे किसानों की लागत को कम कर आय को बढाया जा सके। जलवायु अनुकुल कृषि कार्यक्रम के अंतर्गत अनेक कृषि क्रार्यक्रम संचालित किये जा रहे है जिसमें  मो0 सादिक ग्राम दोगच्छी, द्वारा मक्का में मेढ विधि द्वारा मक्का उपजाया जा रहा है जिससे खर्च कम हुआ है और मक्का उपज में 35 प्रतिशत वृद्वि हुई है। धानुका द्वारा अपने कंपनी के विभिन्न उत्पादों के बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी।

 

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ0 सांई दास, पूर्व निदेशक प्रजनक, भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, लुधियाना ने अपने संबोधन भाषण में मक्का उत्पादन की उन्नतशील तकनीक पर विशेष जोर दिया। इसके साथ साथ कम जल वाली क्षेत्रों में खरीफ मक्का की संभावना के बारे में बताया कि एक एकड़ में कम से कम 35 हजार पौधा होना चाहिए उससे अधिक होने पर बिमारियों एवं कीटों का प्रकोप बढ जाता है। पौधो के संतुलित पोषण के लिए नाइटोजन, पोटाश के साथ साथ जिंक ओैर सल्फर के उपयोग पर व्यख्यान दिया जिससे मक्का की गुणवता एवं मक्का की उत्पादन में बढोतरी हो।


सुधीर कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी पूर्णियॉ में मक्का कि गुणवता पूर्ण बीज एवं विपणन एवं कृषि रसायन के वितरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और बताया कि जिला अधिकारी  की अगुवाई में स्वीट कॉर्न एवं बेबीकार्न की खेती की जा रही है एग्रीस्मिता के अंतर्गत एग्रीस्टार्टअप का कार्य भी किया जा रहा है।किसान वैज्ञानिक इंटरफेंस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ आर के सोहाने,निदेशक प्रसार शिक्षा बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर ने अपने संबोधन में बताया कि भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णियॉ द्वारा इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन तकनीकी सत्र के कार्यक्रम में कसबा प्रखण्ड के वसंतपुर गॉव में आयोजित किया गया है यह सही रूप में किसानो की समस्याओं को प्रत्यक्ष रूप से जानने का वैज्ञानिकों को एक नया अवसर मिला है। इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी वैज्ञानिकों को किसानों की समस्याओं को नजदीक से जाना।वैज्ञानिकों के द्वारा भविष्य में मक्का फसल के विकास के लिए कोसी एवं सीमांचल की परिस्थितियों एवं जलवायु को ध्यान में रखते हुए नई नई परियोजनाओं के माध्यम से शोध कार्य किया जाएगा जिससे किसानों की समाजिक एवं आर्थिक उन्नति हो सकेगी। उन्होने बिहार कृषि विष्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर द्वारा विकसित ई निरोग एप पर चर्चा करते हुए बताया कि यहॉ उपस्थित सभी किसान भाई बहन प्लेस्टोर से डाउनलोड कर पोधों में कीट एवं बीमारी से संबंधित फोटोग्राफ को अपलोड करने पर समाधान प्राप्त हो सकेगा।


कसबा प्रखण्ड के वसंतपुर गॉव में आयोजित किसान वैज्ञानिक इंटरफेंस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र, पूर्णियॉ, के वरीय वैज्ञानिक डॉ के एम सिंह एवं विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ गोविन्द्र कुमार द्वारा विशेष सहयोग प्रदान किया गया। दो दिवसीय सेमिनार में आज कसबा प्रखण्ड के वसंतपुर गॉव के कुल 250 किसानों के साथ साथ 125  वैज्ञानिकों एवं प्रसार कार्यकताओं तथा विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता रही। 


इस अवसर पर महाविद्यालय के अन्य वैज्ञानिकों में क्रमशः डा० जनार्दन प्रसाद, डॉ मिथिलेश कुमार, एस पी सिन्हा, डा० पंकज कुमार यादव, मखाना वैज्ञानिक डा० अनिल कुमार, डॉ राधेश्याम,  डा० सूरज प्रकाश, डा० पंकज कुमार मंडल, डा० तपन गोराई, डा० अभिनव कुमार, डा० शफी अफरोज, डॉ माचा उदय कुमार, डा० विकास कुमार, डा० बिभा कुमारी, जाकिर हुसैन, डॉ चुन्नी कुमारी, डॉ अल्पना, स्नेहा, के साथ साथ कर्मचारियों में चन्द्रमणि चौधरी गजेन्द्र, श्रवण कुमार, के साथ साथ महाविद्यालय के सभी वर्ग जैसे प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष, तृतीय वर्ष एवं चतुर्थ वर्ष के  सभी छात्र/छात्राओं की सक्रिय सहभागिता रही। किसान वैज्ञानिक इंटरफेंस कार्यक्रम कसबा प्रखण्ड के वसंतपुर गॉव में आयोजित कार्यक्रम का सफलतापूर्वक मंच संचालन डा० रूबी साहा तथा धन्यवाद ज्ञापन कृषि विज्ञान केन्द्र, पूर्णियॉ, के विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ गोविन्द्र कुमार ने किया।

  

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