सीतामढ़ी : द सीतामढ़ी आब्स्ट्रेक्टिक एंड गायनोकॉलोजी सोसाइटी की ओर से सेमिनार का आयोजन

सीतामढ़ी से अविनाश कुमार की रिपोर्ट


द सीतामढ़ी आब्स्ट्रेक्टिक एंड गायनोकॉलोजी सोसाइटी के  तत्वावधान में एंडोमेट्रियोसीस  पर एक सेमिनार का आयोजन शहर स्थित एक रिसॉर्ट के सभागार  में किया गया। जिसका उद्घाटन एम एल सी रेखा कुमारी, डॉ रंगीला सिन्हा, संस्था की अध्यक्ष डॉ अंजू सिंह,सचिव डॉ लता गुप्ता, कोषाध्यक्ष डॉ प्रतिमा आनंद ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।  इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुँची डॉ रंगीला सिंह ने एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण उसके दुष्प्रभाव के बारे मे विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि मार्च माह को एंडोमेट्रियोसिस जागरूकता के प्रति समर्पित किया गया है। इस अवसर पर उपस्थित चिकित्सको  को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह बीमारी मुख्यतः किशोरावस्था प्राप्त कर चुकी किशोरियों तथा प्रौढावस्था प्राप्त महिलाओं में होती है। जो सही जांच के आभाव में अन्य माहवारी बीमारियों से अलग नही दिखती है। फलस्वरूप यह शरीर के सभी आंतरिक अंगों में फैल जाता है एवं महिलाओं की प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि जब युवा किशोरियों को मासिक धर्म शुरुआत होता है उस समय या उसके कुछ महीने बाद मासिक धर्म के समय बहुत दर्द होता है। कभी-कभी यह दर्द असहनीय होता है और इसके लिए दर्द की दवा खानी पड़ती है। कभी-कभी यह दर्द इतना तेज होता है। दर्द की गोली से भी ठीक नहीं होती है ऐसे में इस तरह के दर्द से सावधान हो जाने की जरूरत है।  यह साधारण दर्द से अलग बीमारी है जिसको एंडोमेट्रियोसिस कहते हैं, जिसके चलते किशोरियों को बांझपन तथा महीना में अधिक रक्त स्राव जिसको मनोरज कहते हैं हो सकता है। पेडू में हमेशा के लिए दर्द रहने की बीमारी हो जाती है, अतः इसको बहुत हल्के में नहीं ले तुरंत किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह लें, यह बीमारी एंडोमेट्रियोसिस भी हो सकता है। इसका सही देखभाल सही समय पर होने से ठीक हो सकता है। इसके प्रति माता पिता, व समाज को जागरूक होने की आवश्यकता है। मौके पर ‌‍डॉ पल्लवी राय ,डॉ प्राची  सिंह, डॉ आभा रानी सिन्हा, डॉ शकुंतला सिन्हा, डॉ खुशबू रानी, डॉ अनामिका अरुण, डॉ साधना सिंह, डॉ स्निग्धा, डॉ रंजना सिन्हा, डॉ संगम झा ,डॉ कुमारी बंदना, डॉ पूनम ,डॉ अंजू सिंह ,डॉ लता गुप्ता, डॉ मधु सिंह, डॉ रेनू सिंह, डॉ अंजना प्रसाद, डॉ निराला, डॉ स्नेहा, डॉ माधवी ,डॉ सीताराम  सिंह, डॉ कंचन रौनियार ,डॉ पूनम, डॉ नूतन कुमारी, डॉ शशि शेखर झा, डॉ मोहन झा ,डॉ सुधा झा ,डॉ निर्मल कुमार गुप्ता समेत जिले के कई चिकित्सक मौजूद थे।

  

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