

जी.डी. गोयनका पब्लिक स्कूल पूर्णिया में मकर संक्रांति का पावन पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
- by Raushan Pratyek Media
- 15-Jan-2025
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14 जनवरी 2025 को जी.डी. गोयनका पब्लिक स्कूल, पूर्णिया में मकर संक्रांति का पावन पर्व अत्यंत धूमधाम, उल्लास और परंपरागत भव्यता के साथ मनाया गया। यह आयोजन विद्यालय समुदाय के लिए केवल एक उत्सव नहीं था, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिक मूल्यों को समझने और अपनाने का एक सुनहरा अवसर भी था। इस विशेष आयोजन में विद्यार्थियों ने पारंपरिक खेलों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सामूहिक भोज में बढ़-चढ़कर भाग लिया, जिससे उनके भीतर टीम भावना, अनुशासन और सहयोग की भावना का विकास हुआ।
इस भव्य आयोजन में विद्यालय के अध्यक्ष डॉ. पीयूष अग्रवाल, उपाध्यक्ष श्री शैलेश गुप्ता, प्रधानाचार्य श्री तरुण रुपाणी, अकादमिक डीन श्री मिहिर चक्रवर्ती, प्रशासनिक प्रमुख श्री रजनी प्रसाद, वरिष्ठ शिक्षकगण, कोऑर्डिनेटर, अभिभावकगण एवं विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर इस पर्व की गरिमा को और अधिक बढ़ाया।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय परिसर में सूर्य देवता की पूजा-अर्चना से हुई। इसके पश्चात विद्यालय के विशाल मैदान में पतंग उत्सव का आयोजन किया गया। आकाश में उड़ती रंग-बिरंगी पतंगों ने मानो धरती और आसमान के बीच एक रंगीन पुल बना दिया। "काटो रे!", "पेंच लड़ाओ!" की गूंज ने पूरे वातावरण को जीवंत कर दिया।
विद्यालय ने विद्यार्थियों के मनोरंजन एवं पारंपरिक खेलों के संरक्षण के उद्देश्य से रस्साकशी, कबड्डी, लंगड़ी दौड़, तिल-गुड़ खाने की प्रतियोगिता जैसे खेलों का भी आयोजन किया। इन खेलों ने विद्यार्थियों में टीम भावना, परिश्रम और अनुशासन का संदेश दिया।
खिचड़ी भोज कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा। खिचड़ी, तिल के लड्डू, चिवड़ा-दही और गुड़ का स्वादिष्ट भोजन सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और स्टाफ ने मिलकर ग्रहण किया। यह भोज भारतीय ग्रामीण संस्कृति की सादगी और एकता का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत कर रहा था।
प्रधानाचार्य श्री तरुण रुपाणी ने विद्यार्थियों को अपने संदेश में कहा,
**"मकर संक्रांति केवल एक पर्व नहीं है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मकता, प्रगति और आत्मविकास का संदेश देता है। जैसे सूर्य उत्तरायण होकर दिन को बड़ा करता है, वैसे ही हमें भी अपने जीवन में सकारात्मक सोच और ज्ञान का विस्तार करना चाहिए।"**
अकादमिक डीन श्री मिहिर चक्रवर्ती ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे इस पर्व से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में अनुशासन, सद्भावना और अच्छे कर्मों को अपनाएं।
प्रशासनिक प्रमुख श्री रजनी प्रसाद ने भी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में हर पर्व का गहन महत्व है, और हमें इन पर्वों से मिलने वाली सीख को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
विद्यालय के अध्यक्ष डॉ. पीयूष अग्रवाल ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा,
**"मकर संक्रांति का पर्व हमें यह सिखाता है कि जीवन में अंधकार कितना भी गहरा क्यों न हो, आशा और विश्वास से उसे उजाले में बदला जा सकता है। यह पर्व सकारात्मकता, उत्साह और आत्मविकास का प्रतीक है।"**
कार्यक्रम का समापन सभी विद्यार्थियों और स्टाफ के बीच पारंपरिक मिठाइयों के वितरण और सामूहिक फोटो सेशन के साथ हुआ। इस आयोजन ने सभी के मन में खुशियों, उत्साह और भारतीय संस्कृति के प्रति गर्व का भाव भर दिया।
मकर संक्रांति का यह भव्य उत्सव न केवल विद्यार्थियों के मनोरंजन का माध्यम था, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास, सांस्कृतिक मूल्यों की समझ और सामाजिक समरसता को भी सुदृढ़ करने का महत्वपूर्ण माध्यम सिद्ध हुआ। इस आयोजन ने निश्चित ही विद्यार्थियों को उनके जीवन में सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

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