2014 के नीतीश और आज के नीतीश में जमीन-आसमान का अंतर : प्रशांत किशोर



Reporter/Rupesh Kumar


राजनीतिक : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश कुमार पर तंस कसते हुए कहा कि पहले के नीतीश और आज के नीतीश में जमीन आसमान का अंतर है। अब वे सीएम की कुर्सी पर फेविकोल लगाकर चिपके हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि हमने सिर्फ नीतीश कुमार का प्रचार नहीं किया। हमने दस वर्षों में देश में अलग-अलग राज्यों में कई लोगों का प्रचार किया है। 2015 में नीतीश कुमार का भी प्रचार किया। साल 2014-2015 में हमने जिस नीतीश कुमार की मदद की और आज के नीतीश कुमार में जमीन-आसमान का फर्क है। 2014 में मैंने उस नीतीश कुमार की मदद की थी, जिनके बारे में समाज में ये छवि थी कि 2005 से लेकर 2013 तक उन्होंने बिहार को सुधारने का प्रयास किया था। 2014 में उस नीतीश कुमार की मदद की थी, जिन्होंने लोकसभा में चुनाव नहीं हारा था, उनकी पार्टी हारी थी। उन्होंने राजनीतिक मॉरेलिटी के नाम पर अपना पद छोड़ जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था। आज वही नीतीश कुमार 2020 के चुनाव हार गए। 243 विधानसभा सीटों में उनके 42 विधायक हैं, तो आप विधानसभा चुनाव हार गए हैं। लेकिन, कोई न कोई जुगत लगाकर कभी भाजपा के साथ, तो कभी आरजेडी के साथ कुर्सी पर फेविकोल लगाकर कुर्सी से चिपके हुए हैं। बिहार का काम हो या न हो, उन्हें सत्ता में बने रहना है।


*शराब से बिहार में हुई हजारों की मौतें, नीतीश कुमार हंसते हुए कहते हैं, जो पीएगा वो मरेगा: प्रशांत किशोर*


प्रशांत किशोर ने कहा कि 2014 में मैंने जिस नीतीश कुमार की मदद की थी, ये वही थे जो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में तत्कालीन रेल मंत्री थे। उस समय असम में हुई रेल दुर्घटना में 200 से ज्यादा लोगों की मौत होने पर इन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। आज आप और हम देख रहे हैं, हजारों लोगों की कोरोना में मृत्यु हो गई, शराब से हजारों लोगों की मौत हो गई और ये विधानसभा में हंसते रहते हैं और कहते हैं ‘जो पीएगा वो मरेगा’। कोरोना में आपने देखा कि बिहार के लोग रोड पर मारे-मारे फिर रहे थे, यही नीतीश कुमार अपने बंगले से बाहर नहीं निकले। हम किसी की मदद करते हैं, तो वो मदद किसी विषय पर होती है। नीतीश कुमार की जो छवि थी राजनेता, प्रशासक और मानव के तौर पर, जब वो बदल गया तो निश्चित है कि उनका विरोध भी होगा।

  

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