बेगूसराय आयुर्वैदिक कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न

प्रशान्त कुमार ब्यूरो चीफ

बेगूसराय राजकीय अयोध्या शिव कुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन बुधवार को आयुर्वेदीय अग्नि कर्म को पेन मैनेजमेंट में जादू की तरह प्रभाव वाला बताते हुए लीच थेरेपी को त्वचा संबंधी रोगों में बहुत लाभकारी बताया गया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के डॉ अजय कुमार भारती ने पेन मैनेजमेंट में अग्निकर्म का प्रयोग बहुत लाभकारी बताते हुए कहा कि इसमें रोगी को दर्द से तत्काल आराम मिल जाता है। उन्होंने कहा की पांच धातुओं से बने शलाका से पेशेंट के दर्द के स्थलों को चिन्हित कर शलाका को गर्म कर दग्ध किया जाता है जिससे पेशेंट को दर्द से तत्काल आराम मिलता है। डॉ भारती ने बताया की अग्निकर्म  का प्रयोग ठीक है शल्य, शालाक्य,  और स्त्री प्रसूति रोगों में किया जाता है। डॉ भारती ने उपस्थित चिकित्सकों एवं छात्रों कोको संबोधित करते हुए अग्निकर्म निषेध की भी  प्रक्रियाएं बतलाई। डॉ अजय कुमार भारती द्वारा जोंक(लीच) से रक्त मोक्षण करने संबंधी व्यवहार को रोगी पर डेमोंसट्रेशन करते हुए  इसकी व्यावहारिकताएं सेमिनार में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि त्वचा संबंधी रोगों में लीच का प्रयोग बहुत लाभकारी है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ही प्राध्यापक डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने रेस्पिरेटरी सिस्टम के तत्काल बंद होने से होने वाली व्यवहारिकताओं की चर्चा करते हुए मूर्छित रोगी को सीआरपीसी एवं हृदय जन्य अवसाद से किस तरह से निबटा जाए इसका लाइव डेमोंन्सट्रेशन करके बताया। मर्म चिकित्सक डॉ रमण रंजन ने मर्म चिकित्सा को पेन मैनेजमेंट में तत्काल प्रभावकारी बताते हुए अपना लाइव डेमोंसट्रेशन उपस्थित चिकित्सकों एवं छात्रों के सम्मुख प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि मानव शरीर में जितने भी मर्म है उनको  सांस की गति के साथ स्टिम्युलेट करके विभिन्न तरह के दर्द से निबटा जा सकता है। इसके पूर्व आज दूसरे दिन राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन करते हुए प्राचार्य डॉक्टर श्रीनिवास त्रिपाठी ने लीच थेरेपी एवं अग्निकर्म पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए उपस्थित छात्रों को इससे सीख लेने की सलाह दी । उन्होंने कहा कि आज की यह वैज्ञानिक संगोष्ठी  आयुर्वेद के इतिहास में मील के पत्थर का काम करेगा। समारोह के आयोजन सचिव डॉ संतोष कुमार सिंह ने कहा कि हम लोगों ने बहुत मेहनत करके सेमिनार का आयोजन किया है वह आज सफलता के झंडे गाड़ रहा है। इसमें होने वाली वैज्ञानिक बहस से हम लोगों ने बहुत कुछ सीखा है और उपस्थित डेलिगेट एवं छात्रों को विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत वैज्ञानिक व्याख्यान से बहुत लाभ मिला है। आज के सत्र में उपाधीक्षक डॉक्टर दिलीप कुमार वर्मा ,डॉक्टर जीपी शुक्ला, डॉक्टर अखिलेश जायसवाल, डॉक्टर अखिलेश सिंह, डॉक्टर इंदु कुमारी, डॉ माधुरी कुमारी ,डॉ सुल्ताना परवीन, डॉ मनीष कुमार आलोक, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ मुन्ना कुमार ,डॉक्टर राजीव कुमार शर्मा ,डॉ दिनेश कुमार डॉ आनंद मिश्रा, डॉ नंदकुमार साहनी ,डॉ विजेंद्र कुमार ,डॉ रमन रंजन , डॉ सुशांत कुमार ,डॉ लाल कौशल कुमार ,डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ,डॉक्टर अमलेश कुमार ,डॉ  ओमप्रकाश द्विवेदी, डॉक्टर मुकेश कुमार, डॉक्टर किश्वर सुल्ताना ,डॉ राम सागर दास ,डॉक्टर प्रदीप कुमार वर्मा, डॉक्टर उर्वशी सिंन्हा, डॉ माधुरी कुमारी आदि ने विभिन्न सत्रों के संचालन में अपनी भूमिका निभाई। विभिन्न वैज्ञानिक सत्रों का संचालन डॉक्टर अनिल कुमार,डॉ प्रमोद कुमार ,डॉ राजीव कुमार शर्मा एवं डॉ विजेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से किया।

  

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