डीएम की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जिला सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की चौथी बैठक हुई


कैलेण्डर वर्ष 2022-23 की यह अंतिम बैठक थी, प्रावधानों के अनुसार निर्धारित वर्ष में सभी चार बैठक आयोजित किया गया  

वर्ष 2022-23 में 375 पीड़ितों को अद्यतन 1 करोड़ 95 लाख 71 हजार रुपये मुआवजा, राहत अनुदान एवं पेंशन की राशि का भुगतान

मुआवजा स्वीकृति एवं भुगतान में तीन महीना में 35 प्रतिशत की वृद्धि



पटना, सोमवार, दिनांक 28.11.2022ः- जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभागार में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियम 1995 के तहत गठित जिला सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक हुई। 


कैलेण्डर वर्ष 2022-23 में समिति की यह चौथी एवं अंतिम बैठक थी। प्रावधानों के अनुसार वर्ष के लिए जिला-स्तर पर निर्धारित सभी चार बैठक सम्पन्न कराया गया। मुआवजा स्वीकृति एवं भुगतान में तीन महीना- तीसरी बैठक एवं चौथी बैठक के बीच की अवधि में 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। विदित हो कि तीसरी बैठक का आयोजन 29.08.2022 को किया गया था। 


डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि प्रशासन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के प्रति अत्याचार के विरूद्ध शून्य सहिष्णुता के सिद्धान्त का अक्षरशः अनुसरण किया जा रहा है। अत्याचार निवारण प्रक्रिया में सम्पूर्ण तंत्र संवेदनशील, तत्पर एवं सजग है। 


आज की इस बैठक में समिति के सदस्य-सचिव जिला कल्याण पदाधिकारी श्री राणा वैद्यनाथ प्रसाद सिंह द्वारा विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। डीएम डॉ. सिंह द्वारा  अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियम-1995 के अन्तर्गत आयोजित विगत बैठक के अनुपालन स्थिति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। अधिनियम अंतर्गत दर्ज मामलों की समीक्षा की गई। पुलिस द्वारा प्रतिवेदित एवं निष्पादित कांडों, समर्पित आरोप पत्रों, गिरफ्तारियों एवं मुआवजा भुगतान से संबंधित मामलों के भौतिक एवं वित्तीय प्रतिवेदन पर विस्तृत चर्चा हुई। 


जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि कैलेण्डर वर्ष 2022-23 में 375 पीड़ितों को अद्यतन 1 करोड़ 95 लाख 71 हजार रुपये मुआवजा, राहत अनुदान एवं पेंशन की राशि का भुगतान किया गया। 


अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत हत्या के मामले में कुल 63 मृतकों के आश्रितों को पेंशन की राशि प्रदान की जा रही है। अक्टूबर, 2022 तक पेंशन का भुगतान कर दिया गया है। कुल 1.95 करोड़ रुपये पेंशन मद में व्यय हुआ है।


दिनांक 24.11.2022 तक दर्ज प्राथमिकी के आलोक में 119 स्वीकृत मामलों में 114 मामलों में भुगतान कर दिया गया है। 05 मामलों में तकनीकी कारण से भुगतान परिलक्षित नहीं हो रहा है। 


आलोच्य अवधि- तीसरी बैठक एवं चौथी बैठक के बीच- में कुल 77 मामलों में 85.71 लाख रुपये की मुआवजा स्वीकृति एवं भुगतान किया गया। 


*अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियमावली 1995 के नियम 11(1) के तहत गवाह/साक्षी को आने-जाने के लिए 100-100 रुपये तथा एक दिन की निर्धारित न्यूनतम मजदूरी की राशि की समतुल्य राशि अर्थात् 557 रुपये देने का प्रावधान है। इसके तहत संभवतः बिहार में पहली बार पटना जिले के कुल छः व्यक्तियों को राशि भुगतान किया गया है। इसके नियमित कार्यान्वयन हेतु सुदृढ़ एवं सुव्यवस्थित प्रणाली विकसित की गई है। डीएम डॉ. सिंह द्वारा इस पर प्रसन्नता व्यक्त की गई।* 


कलेण्डर वर्ष 2022-23 में हत्या के कुल 23 मामलों में मुआवजा भुगतान किया गया है। 


डीएम डॉ. सिंह ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन करने का निदेश दिया।


डीएम एवं एसएसपी ने अधिनियम के तहत प्राप्त होने वाले मामलों को संवेदनशीलता के साथ ससमय निष्पादित करने का निदेश दिया। अधिकारीद्वय ने इस अधिनियम के प्रावधानों का वृहत स्तर पर प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया। 


डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु हम सबको दृढ़संकल्पित रहना होगा। 


इस बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना श्री मानवजीत सिंह ढिल्लो, विशेष लोक अभियोजक, अपर समाहर्त्ता विशेष कार्यक्रम, अपर समाहर्त्ता, जिला कल्याण पदाधिकारी एवं समिति के अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।


डीपीआरओ, पटना।

  

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