क्या है सी-विजिल एप, कैसे करें उपयोग, जाने फायदें....!


Reporter/Rupesh Kumar 


मुजफ्फरपुर : स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं भयरहित चुनाव सम्पन्न कराने एवं आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की निगरानी एवं नियंत्रण के निमित भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सी-विजिल एप विकसित किया गया है। इस एप पर शिकायतकर्ता द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन की घटना का लाईव फोटो/विडियो एप के माध्यम से भेजा जाता है, जिसका निस्तारण अधिकतम 100 मिनट में किया जाता है.


इसके लिए शिकायतकर्ता के पास एंड्रायड मोबाईल, इंटरनेट कनेक्टिवीटी एवं जी.पी.एस. लोकेशन की जरूरत होती है तथा वह प्ले स्टोर से सी-विजिल एप डाउनलोड कर आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत लाईव फोटो और लाईव विडियो  अपलोड कर किया जा सकता है। आम नागरिक घटना स्थल के 20 मीटर की परिधि में ली गई फोटो को सी-विजिल पर अपलोड कर सकते हैं। फोटो को अपलोड करने के लिए आम नागरिक के पास 05 मिनट का समय रहता है। अपने मोबाईल की गैलरी से कोई फोटो अपलोड नहीं कर सकता है.


शिकायत गुप्त रूप से भी की जा सकती है और एप में पंजीकृत होकर ही शिकायत की जा सकती है। रजिस्टर्ड यूजर के शिकायत करने पर यूजर को शिकायत निवारण के बाद उसकी सूचना भी दी जाती है.


शिकायत करने के लिए नाम और मोबाईल नम्बर देना जरूरी नहीं है। सी-विजिल एप पर आप अपनी पहचान छिपाकर भी शिकायत कर सकते हैं, लेंकिन शिकायतकर्ता अपना नाम व मोबाईल नम्बर देता है तो एप के माध्यम से अपनी शिकायत की निगरानी भी कर सकता है.


सी-विजिल एप जागरूक लोगों को जिला नियंत्रण कक्ष, रिटर्निंग अधिकारी और एस.एस.टी./एफ.एस.टी. से जोड़ता है। फील्ड यूनिट के अधिकारी द्वारा मामले की सत्यता की जांच कर अधिकतम 100 मिनट के अंदर मामले का निष्पादन किया जाता है.


इस प्रकार स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं भयरहित चुनाव सम्पन्न कराने तथा आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों की सतत निगरानी एवं नियंत्रण करने तथा त्वरित निष्पादन के निमित सी-विजिल जागरूक जनता के पास एक प्रभावी उपकरण है.


अभ्यर्थी व्यय अनुश्रवण कोषांग अन्तर्गत शिकायत अनुवीक्षण नियंत्रण कक्ष एवं काॅल सेंटर स्थापित किया गया है, जो मतदान की तिथि तक मुजफ्फरपुर समाहरणालय सभागार के प्रथम तल पर 24X7 कार्यरत रहेगा। इस नियंत्रण कक्ष का दूरभाष संख्या टाॅल फ्री नम्बर 0621-2217001, एवं हंटिंग लाईन दूरभाष संख्या 2217002, 2217003 एवं 2217004 है, जिस पर अभ्यर्थी व्यय से संबंधित अथवा मतदाताओं को डराने-धमकाने, प्रलोभान से संबंधित सूचना जन सामान्य द्वारा दी जा सकती है.

  

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