जाति आधारित गणना के गलत आंकड़े के विरोध में जाएंगे कोर्ट : अली इमाम भारती


इदरीसिया दर्ज़ी आबादी की जन संख्या के विपरीत हैं जारी आंकड़े : राजू वारसी


रिपोर्ट आज़ाद इदरीसी


पटना / हाजीपुर (वैशाली) : बिहार में इदरीसिया दर्ज़ी (मुस्लिम) समाज की आबादी बहुत बड़ी तादाद में है।जो बिहार के हर एक जिला और प्रखंडो में मौजूद हैं।वहीं बिहार सरकार द्वारा जाति आधारित गणना 2022 का आंकड़ा आज प्रकाशित किया गया है।जिसमें  इदरीसिया दर्ज़ी (मुस्लिम) की आबादी  आंकड़े के अनुसार बिहार में कुल 3,29,661(तीन लाख उन्तीस हजार छह सौ इकसठ) यानि बिहार के कुल आबादी का 0.2522%है।जबकि इदरीसिया दर्जी फेडरेशन के अनुसार इदरीसिया दर्जी (मुस्लिम)की आबादी जारी आंकड़े से काफी  ज्यादा है।जिसको लेकर इदरीसिया दर्ज़ी फेडरेशन के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अली इमाम भारती ने कड़ी आपत्ति जताई है।उन्होंने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि बिहार के हर एक जिले,प्रखंड, पंचायतों में इदरीसीया दर्ज़ी आबादी काफी तादाद में बसी हुई है तो जारी आकड़ों में इतना कम संख्या क्यों बताया गया।जबकि इदरीसिया दर्ज़ी अधिकार सम्मेलन के माध्यम से हमने हमेशा कहा था कि मेरे समाज की बड़ी आबादी है।लेकिन सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं वह  जग जाहिर है।जिससे पूरे बिहार का इदरीसिया दर्ज़ी समाज चुनौती पेश करेगा।श्री भारती ने कहा है कि इसके लिए हम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और बिहार में इदरीसिया दर्ज़ी (मुस्लिम)समाज की आबादी का सही आंकड़ा बताने के लिए सरकार को चुनौती पेश करेंगे।वहीं फेडरेशन के प्रदेश महासचिव राजू वारसी ने प्रेस रिलीज कर बताया है कि बिहार सरकार के द्वारा जाति आधारित गणना के आंकड़े इदरीसिया दर्ज़ी समाज को उसके अधिकार से वंचित करने की साजिश है।पिछले कुछ महीनों से लगातार इदरीसिया दर्ज़ी अधिकार सम्मेलन के माध्यम से फेडरेशन ने यह आशंका व्यक्त की थी कि इस समाज की आबादी को गलत बताया जा सकता है।जो आज सच साबित हुआ है।यह अधिकार सम्मेलन की सफलता की वजह से हुआ है।सरकार घबरा गई है और आबादी के हिसाब से अधिकार मांगने वाली लाखों की आबादी वाले इदरीसिया दर्ज़ी समाज को एक साजिश के तहत कम बताया जा रहा है।जो आबादी के विपरीत है।इसके लिए फेडरेशन सड़क से लेकर न्यायालय तक लड़ाई लड़ने को कमर कस लिया है।समाज एकजुट होकर इसके खिलाफ आवाज बुलंद करेगा।

  

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