

साहित्य कला एवं संस्कृति का केंद्र है बखरी, रजत जयंती वर्ष में प्रकाशित प्रवाह प्रत्रिका के बखरी साहित्य कला विशेषांक का लोकार्पण
- by Raushan Pratyek Media
- 02-Sep-2025
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नेहा कुमारी सिटी रिपोर्टर
बखरी की साहित्यिक संस्था साहित्य कला मंच बखरी के रजत जयंती वर्ष में अपनी पत्रिका प्रवाह के 'बखरी साहित्य कला विशेषांक' का लोकार्पण समारोह रविवार की संध्या को आयोजित एक भव्य समारोह में किया गया। आरंभ में दीप प्रज्वलन कर आगत मुख्य अतिथि प्रो. गौतम त्रिवेदी, विशिष्ट अतिथियों प्रो. शिवशंकर प्रसाद सिंह, डा रमेश झा, प्रधान संपादक रवींद्र राकेश, अध्यक्ष डाॅ. रघुनंदन झा, दिग्विजय सिंह एवं अन्य अतिथियों ने उद्घाटन किया। सरस्वती वंदना विष्णुदेव मधुकर ने प्रस्तुत किया। महासचिव डॉक्टर कैलाश पोद्दार ने आगतों का स्वागत करते हुए संस्था की उपलब्धियों की चर्चा की। तदुपरांत अतिथियों ने प्रवाह विशेषांक का लोकार्पण किया। पत्रिका के संपादक डॉ रवींद्र राकेश ने बखरी परिक्षेत्र के साहित्यिक विकास क्रम की प्रारंभिक अवस्था से अब तक का इतिहास रेखांकित करते हुए कला-संस्कृति के लोकप्रिय केंद्र के रूप में प्रवाह विशेषांक की विशिष्टता की चर्चा की। मुख्य अतिथि प्रोफेसर त्रिवेदी ने इस धरती को तंत्र-मंत्र से लेकर साहित्य-कला की स्वतंत्र चेतना का गौरवपूर्ण स्थली के रूप में उकेरा। विशिष्ट अतिथि डॉ रमेश झा ने साहित्य की साधना भूमि तथा साधक संत कवि लक्ष्मीनाथ गोस्वामी, दिवंगत साहित्यकारों चंद्रकांत झा 'नवेंदु', व्रिप नारायण सिंह 'विपिन', राजबल्लभ राठौर, मुरारी शर्मा, विष्णुदेव यादव जैसे साहित्यकारों के व्यक्तित्व और कृतित्व को सहेजने वाला विशेषांक कहा। प्रोफेसर शिवशंकर प्रसाद सिंह ने स्वर्गीय मातादीन भगेरिया से लेकर अब तक के रंगमंच के सितारों की चर्चा की।
नवोदित युवाओं को नेतागिरी पर प्रशांत विप्लवी की काव्य टिप्पणी व मनीष मोहक के गजल आती महक पसीने से किरदार से.. सहित उपस्थित वक्ताओं एवं कवियों में मनोहर केसरी, मुकेश केसरी, प्रशांत विप्लवी, रजनीकांत पाठक, संजय कुमार सिंह, रामरतन केसरी, विजय पासवान, मनोरंजन वर्मा, राजीव नंदन, राजकुमारी, सुरेश सहनी, द्रवेश्वर सहनी, प्रो सुधीर चौरसिया, भारत भूषण इंडिया, तौकिर आलम, राजेंद्र चौरसिया, विरंची यादव, मनीष मोहक, सुरेंद्र प्रताप सिंह, गोपाल शरण महतो, सुमन झा, डॉक्टर रमन झा, दीनदयाल विष्णु, दीपक कुमार सिंह फूलों आदि ने अपनी प्रस्तुति एवं अभिव्यक्ति से देर रात तक कार्यक्रम को जीवंत बनाए रखा। इस आयोजन में अतिथियों को मिथिला की संस्कृतिक पहचान का पाग, चादर एवं माला से स्वागत किया गया। डॉ रमेश झा को उनकी कृति 'आचार्य उद्भट की अलंकार अवधारणा' पर 'नवेन्दु शिखर साहित्य सम्मान' सहित प्रशस्ति पत्र दिया गया। इसी क्रम में संस्था ने अपनी परंपरानुसार प्रभात खबर के वरिष्ठ पत्रकार अमरनाथ ठाकुर 'अमर' एवं हिंदुस्तान समाचार पत्र के पत्रकार अमित परमार को प्रखर पत्रकार सम्मान से विभूषित किया गया। मैरी केसरी, इकरामूल, जीतेन्द्र जयसवाल आदि के गीत संगीत के साथ अध्यक्षीय संबोधन एवं धन्यवाद ज्ञापन में कार्यक्रम की समाप्ति हुई। पूरे कार्यक्रम का संचालन काव्यात्मक एवं व्यंग्यात्मक हास्य-व्यंग्य टिप्पणी के रूप शिक्षक कौशल किशोर क्रान्ति ने किया।

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