पटना DM चंद्रशेखर सिंह का बड़ा एक्शन लोक शिकायत निवारण में लापरवाही को लेकर अंचल अधिकारी, बिहटा के विरूद्ध शोकॉज किया गया।।



डीएम द्वारा लोक शिकायत के 08 मामलों की सुनवाई एवं समाधान किया गया


बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; शिकायतों के निवारण में स्वेच्छाचारिता, शिथिलता या संवेदनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगीः डीएम


पटना:-जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में शिथिलता, संवेदनहीनता एवं अरूचि प्रदर्शित करने के आरोप में अंचल अधिकारी, बिहटा से स्पष्टीकरण किया गया। 


डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत के कुल 08 मामलों की सुनवाई की गई एवं समाधान किया गया।


दरअसल अपीलार्थी श्री मथुरा प्रसाद एवं सुनील कुमार, ग्राम-समसारा, पो.-सदिसोपुर, अंचल-बिहटा, अनुमण्डल-दानापुर, जिला-पटना द्वारा दिनांक 14.09.2021 को अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय, दानापुर में परिवाद समर्पित किया गया था। परिवादी की शिकायत खतियानी जमीन का लगान निर्धारण से संबंधित है। उनके द्वारा द्वितीय अपीलीय प्राधिकार-सह-जिला पदाधिकारी, पटना के समक्ष शीघ्र लगान निर्धारण हेतु आदेश देने का अनुरोध किया गया था। परिवादी द्वारा बताया गया कि वे चार साल से इस काम के लिए दौड़ रहे हैं। जिलाधिकारी द्वारा इस पर गंभीर खेद व्यक्त करते हुए अंचलाधिकारी, बिहटा से इस आशय का स्पष्टीकरण किया गया कि जब पहले से जमाबंदी कायम है तो किस परिस्थिति में लगान-निर्धारण का प्रस्ताव भूमि सुधार उप समाहर्ता को भेजा गया। भूमि सुधार उप समाहर्ता, दानापुर द्वारा भी अपने प्रतिवेदन में बताया गया है कि जमाबंदी पर अंकित विषयांकित खाता की भूमि का लगान निर्धारण पूर्व में ही हो चुका है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा यदि जमाबंदी में कोई त्रुटि है तो इसमे सुधार के लिए अपर समाहर्ता के यहाँ प्रस्ताव भेजा जाना चाहिए था जो नहीं किया गया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि परिवादी को चार साल से दौड़ाया जा रहा है। यह आपत्तिजनक एवं अक्षम्य है। यह लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, बिहटा की लोक शिकायत निवारण के प्रति शिथिलता, अरूचि एवं लापरवाही को प्रदर्शित करता है। उन्होंने अंचलाधिकारी को निदेश दिया कि वे यह स्पष्ट करे कि क्यों परिवादी की शिकायत का समाधान नहीं किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने अपर समाहर्ता को जाँच कर विलंब के लिए दोषी पदाधिकारियों के विरूद्ध जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई हेतु अनुशंसा के साथ प्रस्ताव प्रस्तावित करने का निदेश दिया। जिलाधिकारी द्वारा अपर समाहर्ता को यह भी निदेश दिया कि एक माह के अंदर परिवादी के शिकायत का नियमानुसार समाधान करते हुए प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। जिलाधिकारी द्वारा सुनवाई की अगली तिथि 18 अगस्त, 2023 निर्धारित की गई है। 

 

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।


डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।।

  

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