एलएनडी काॅलेज में मनाया गया पराक्रम दिवस


मोतिहारी: जिले के एलएनडी काॅलेज में सोमवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के सौजन्य से पराक्रम दिवस के शुभ अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनकी जयंती मनायी गई। सर्वप्रथम राष्ट्रगान द्वारा पराक्रम दिवस के कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। प्राचार्य प्रो.(डॉ.) अरुण कुमार व डॉ.श्रीकृष्ण सिन्हा महिला महाविद्यालय के भूतपूर्व प्राचार्य प्रो. रत्नेश आनंद सहित सभी शिक्षकों, एनएसएस स्वयंसेवियों व विद्यार्थियों ने साहस और संघर्ष के प्रतीक स्व.नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया। प्रधानाचार्य प्रो.(डॉ.) अरुण कुमार ने पराक्रम दिवस पर एनएसएस के पराक्रमी स्वयंसेवियों को संबोधित करते हुए कहा कि नेतृत्व प्रदान करनेवाले व्यक्ति को ही वास्तविक रूप से लीडर कहा जाता है। भारत के स्वाधीनता संग्राम में एकमात्र सेनानी सुभाष चंद्र बोस ही नेताजी के नाम से सुप्रसिद्ध हुए। इनका व्यक्तित्व एक लीडर की विशेषताओं से परिपूर्ण था। इनकी नेतृत्व क्षमता वस्तुत: अद्वितीय थी। नेताजी अपने देशभक्त नागरिकों के मानस पटल पर पराक्रम और दृष्टि को स्थापित करने में सफल रहे।


डॉ.श्रीकृष्ण सिन्हा महिला महाविद्यालय के भूतपूर्व प्राचार्य प्रो. रत्नेश आनंद ने कहा कि नेताजी का व्यक्तित्व व कृतित्व संकल्प से सिद्धी की ओर गतिशील रहने की प्रेरणा देता है। ब्रिटिश सरकार की तुलना में अल्प सेना रखने के बावजूद नेताजी ने भारत की आजादी का बिगुल बजाया।


एनएसएस पीओ. प्रो.अरविंद कुमार ने नेताजी के पराक्रम व पराक्रम दिवस का विषय प्रवेश कराया। मीडिया प्रभारी डॉ. कुमार राकेश रंजन ने अपने उद्बोधन में कहा कि नागरिकों के हाथों में मशाल चाहिए और राष्ट्र के लिए रक्त में उबाल चाहिए। बारंबार असफल होने के बावजूद भी बारंबार प्रयास करते हुए सफलता का मुकाम पा सकते हैं। ब्रिटिश सरकार के उग्र प्रतिरोधी के रूप में सुविख्यात स्वतंत्रता सेनानी नेताजी ने सिखाया कि बड़ी खाई को दो छोटी-छोटी छलांग में कभी पार नहीं किया जा सकता है अर्थात बड़ी समस्या को बड़े कदम से ही हल कर सकते हैं। इनके आजाद हिंद फौज, आजाद हिंद सरकार, आजाद हिंद रेडियो व सशस्त्र क्रांति को कभी भी भूला नहीं जा सकता है।


हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. राधे श्याम व उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ. जौवाद हुसैन ने भी पराक्रम दिवस पर अपने विचार व्यक्त किए। एनएसएस स्वयंसेवियों व विद्यार्थियों की ओर से हिमांशु, शिवसुजन, शालु, अवनीश, पूजा तथा कविता  ने कविता पठन कर दर्शकों को देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया। हिमांशु, राकेश कु. शर्मा व मनोज की संयुक्त टीम ने देशभक्ति गीत की सामूहिक प्रस्तुति दिया।भूगोल विभाग की छात्रा प्रतिमा व हिंदी विभाग की छात्रा पूजा ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जीवनी पर संभाषण दी। उर्दू विभाग की छात्रा सदफ हाशमी ने शायरी द्वारा मुल्क को महफूज रखने का संदेश दिया।  पराक्रम दिवस कार्यक्रम के मंच का सफल संचालन  एनएसएस पीओ. प्रो.अरविंद कुमार ने तथा धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. राधे श्याम ने किया। मौके पर पराक्रमी स्वयंसेवियों की ओर से सागर वर्मा, सत्यम राज,आदर्श, दीपक, समर, काजल, रेशमी, सुप्रिया, सलोनी, जुही, नेहा, शिवानी, अंजलि, सुफिया अंजुम सहित सभी उपस्थित थे।

  

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