बेगूसराय के प्रसिद्ध माउंट लिट्रा पब्लिक स्कूल के बच्चों ने दीपावली और छठ पूजा के मौके पर किया अपनी कला को प्रदर्शन


प्रशान्त कुमार की रिपोर्ट



बेगुसराय में जी ग्रुप के माउंट लिट्रा पब्लिक स्कूल और किडजी बीआरटीएस में धूमधाम से मनाई गई दीपावली और छठ पूजा का भव्य उत्सव बड़े धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया गया। किडजी में नन्हे-मुन्ने बच्चों ने राम, लक्ष्मण और सीता का रूप धारण कर रामायण के अद्भुत दृश्यों को जीवंत कर दिया, जिसमें उन्होंने अयोध्या वापसी की खुशी और भव्यता को अपने मासूम अंदाज़ में प्रस्तुत किया। वहीं, माउंट लिट्रा स्कूल में कक्षा 9 सीवीआर के छात्रों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से हैप्पी छठ पूजा और हैप्पी दिवाली मल्टीप्ल रंग में लिखकर  अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और इस अवसर पर विश्व इंटरनेट दिवस भी मनाया। कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना से हुआ, जिसमें भगवान गणेश का आशीर्वाद लेकर कार्यक्रम की शुभ शुरुआत की गई। कार्यक्रम के आकर्षण का केंद्र बच्चों की रंग-बिरंगी प्रस्तुतियाँ रहीं, जो दीपावली के उल्लास और भारतीय संस्कृति की छवि को खूबसूरती से प्रदर्शित कर रहीं थीं। लक्ष्मी स्तुति में मां लक्ष्मी के प्रति भक्ति भावना व्यक्त की गई, जिसके पश्चात कक्षा 3 के बच्चों ने राम आएंगे की संगीतमय प्रस्तुति में भगवान राम की अयोध्या वापसी को दर्शाया। मीरा की भक्ति पर आधारित मीरा भजन ने सभी को कृष्ण प्रेम में डुबो दिया, जबकि ‘दीपावली आई रे’  के नृत्य में कक्षा 3 आरएनटी के बच्चों ने दीपावली के उल्लास को सभी के समक्ष प्रस्तुत किया। कक्षा 7 के बच्चों ने राम मेरे मन में है प्रस्तुति के माध्यम से भगवान राम की आंतरिक भक्ति को दर्शाया, और कक्षा 8 आरएनटी ने छठ पूजा की झलक के माध्यम से इस पवित्र पर्व की संस्कृति को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया। दीपावली उत्सव की इस धूमधाम में घरौंदा प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता, और रंगोली प्रतियोगिता जैसी रचनात्मक प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गईं। घरौंदा प्रतियोगिता में  5 एमटी वर्ग की वान्या गुप्ता, 6 एमटी के प्रणब, प्रियांशु और सितिज विजयी रहे। पोस्टर प्रतियोगिता में कक्षा 9 सीवीआर की शाकम्बरी पांडे ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, और रंगोली प्रतियोगिता में रिम्शा के समूह ने सभी का मन मोह लिया। प्राचार्य डॉ. शीतल ने इस अवसर पर बच्चों को भगवान श्रीराम से जीवन कौशल और व्यक्तित्व विकास की शिक्षा लेने का महत्व बताया और कहा, “हम सभी अक्सर बाहरी अंधेरों को दूर करने के लिए दीप जलाते हैं, परंतु सबसे पहले अपने भीतर की रोशनी को प्रज्वलित करना चाहिए।” डॉ. मनीष देवा ने भी बच्चों को अपनी संस्कृति से जुड़े रहने और आधुनिकता के साथ संतुलन बनाए रखने का प्रेरणादायक संदेश दिया।

इस भव्य आयोजन को देखने के लिए न्यूजीलैंड से विशेष रूप से एनआरआई पिता अपने बच्चों के साथ उपस्थित हुए, जिन्होंने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना की और भारतीय संस्कृति के इस अद्भुत रंग में रंगे इस उत्सव का हिस्सा बनने पर गर्व महसूस किया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों, शिक्षकों और अभिभावकों का आभार व्यक्त किया गया।

  

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