

सीएम नीतीश की मानसिक स्थिति खराब-प्रशांत किशोर
- by Raushan Pratyek Media
- 25-Mar-2025
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अगर जनता ने मौका दिया तो एक घंटे में शराबबंदी करेंगे खत्म-पीके
शेखपुरा. जनसुराज के सूत्रधार का आज बरबीघा और शेखपुरा आगमन हुआ. इस दौरान जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बरबीघा स्थित श्री बाबू के प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया और फिर अपने काफिले के साथ शेखपुरा पहुंचे. इस दौरान पीके ने प्रेस वार्ता करते हुए कई गंभीर बाते कहीं. पीके ने कहा की वे दो ढाई वर्ष पैदल चले उसका एक उद्देश्य था कि बिहार के जनमानस को साथ लेकर एक नया राजनीतिक विकल्प बनाया जाए. 2 वर्ष में करीब 5 हजार गांव में उन्हीने पदयात्रा किया. जिसके बाद एक करोड़ लोगों को इकट्ठा करके जिस दल की नींव रखी गई पिछले साल 2 अक्टूबर को उसका ही नाम है जनसुरज रखा गया. उन्होंने कहा की यह दल किसी व्यक्ति का नहीं है. किसी एक जाति विशेष का नहीं है. किसी परिवार का नहीं है. इसको 10 15 बड़े नेताओं ने पटना में दिल्ली में बैठकर इसका गठन नहीं किया है. बल्कि यह दल बिहार के उन सभी लोगों का है जो बिहार में बदलाव चाहते हैं. बिहार में राजनीतिक विकल्प चाहते हैं और बिहार में भी तरक्की हो शिक्षा और रोजगार की बात हो इस विषय पर सहमत हो ऐसे ही लोगों ने मिलकर इस दल का निर्माण किया है. पीके ने कहा की इस दल मे मेरी भूमिका एक सूत्रधार की है. जोड़ने बनाने के लिए नेता दल का वह सदस्य होगा जो बिहार का सबसे काबिल व्यक्ति होगा. जिसको लोग मिलकर तय करेंगे. इस दल में जो नेता जुड़े हुए हैं वह सब मिलकर तय करेंगे. उन्होंने कहा की जो बिहार को आगे निकालने के लिए योगदान कर सके इसी प्रयास के साथ चुनाव सभी 243 सीटों पर लड़ेंगे. ताकि बिहार की जनता के पास जो पिछले 30-35 साल की राजनीतिक बंधुआ मजदूरी है. विकल्प के अभाव में गलत लोगों को वोट देने की परिणाम है. वह खत्म हो और उनके सामने का श्री बाबू के जमाने में जो बिहार की स्थिति थी वैसे बिहार की स्थिति फिर से पैदा करने की जो कोशिश और जो सोच है. उन्होंने कहा की जिनको भारत रत्न के उपाधि मिलना चाहिए उनको नहीं मिला. आज सम्मान देने से मूर्ति लगाने से हमको वोट मिलेगा लोग यह काम कर रहें हैं. कई बड़े महापुरुष जिनको भारत रत्न मिलना चाहिए था वह नहीं मिला और कांग्रेस के नेताओं को अब जाकर भारत रत्न मिला है मुझे लगता है इस तरह के सम्मान को देने की जो व्यवस्था है उसमें आमूल चूल परिवर्तन की जरूरत है. उन्होंने कहा की श्री कृष्ण बाबू द्वारा किए हुए काम को बिहार याद करता है. वही नीतीश के सवाल पर कहा की पिछले एक-दो साल से देश राज्य की जनता यह देख रही है कि शारीरिक रूप से नीतीश कुमार अब कहीं ना कहीं थक गए हैं और उनके मानसिक अवस्था को लेकर बिहार के घर-घर में चर्चा है. यह चर्चा क्यों है 18-19 साल नीतीश कुमार मुख्यमंत्री है. लेकिन चर्चा इसलिए है की जिस तरह भावभंगा नीतीश कुमार का पिछले कुछ महीनो से दिख रहा है. मैं कहूंगा कि एक-दो साल से देश और राज्य की जनता देख रही है चर्चा भी कर रही हैं कि शारीरिक रूप से नीतीश कुमार अब कहीं ना कहीं थक गए हैं. मुख्यमंत्री राष्ट्रगान के समय में भी इस तरह से टिप्पनी करेंगे यह सोचने योग्य बात होगी. पीके ने नीतीश पर कटाक्ष करते हुए कहा की राज्य का मुख्यमंत्री राष्ट्रगान हो रहा है और वह आदमी ओक्षी हरकत कर रहा है. ऐसा कैसे हैं कि उस व्यक्ति को अपने मंत्री परिषद के साथियों का नाम तक नहीं याद है. या उन्होंने प्रेस से वार्ता करनी खत्म कर दी. पब्लिक मीटिंग में बोलना खत्म कर दिया. पिछले दो ढाई साल से चर्चा आम है और यह चर्चा को शुरू करने वाले सबसे पहले उनके अपने मित्र और राजनीतिक सहयोगी सुशील मोदी है. पीके ने कहा की सुशील मोदी ने कहा था कि लगता है कि नीतीश जी को कोई गंभीर मानसिक बीमारी है उसके बाद से जो भी यहां पर नीतीश जी के पक्ष या विपक्ष में हैं लगातार हमलावर हैं. पीके ने कहा की बिहार में आपको चपरासी भी बनना है कोई सिपाही भी बना है तो आपका मेडिकल जांच होता है. पीके ने कहा की शराब बंदी कानून को हटाना है. जिसकी वजह से बिहार के गरीब जनता का 15 से 20000 करोड रुपए का हर साल नुकसान हो रहा है और यह पैसा यहां के भ्रष्ट अधिकारियों के पास या नेताओं के पास या फिर शराब माफिया के पास जा रहा है. अगर जनता मौका देती है तो हम कानून को हटा देंगे. एक लाख से ज्यादा गरीब और पिछड़े समाज के लोग, मुस्लिम समाज, के लोग, दलित समाज के लोग आज जेल में बंद है. जो बिल्कुल गलत है. हम उस कानून को पूर्ण रूप से हटाएंगे. महिला सशक्तिकरण के नाम पर कई योजना लागू किया गया लेकिन कोई यह सवाल नहीं पूछ रहा है. प्रधानमंत्री और भाजपा के बिहार के नेताओं को लगता है कि बिहार में शराबबंदी से फायदा है अगर बिहार में सही मे प्रधानमंत्री और भाजपा के बिहार के नेताओं को लगता है कि बिहार में शराबबंदी से फायदा है तो अन्य राज्यों में भी इसे क्यों नही लागू किया जाता है. वही जहरीली शराब पीने से जो मृत्यु हो रही है ज्यादातर वह मामले ऐसे हैं जिसमें परिवारों में इस मामले को रिपोर्ट नहीं किया गया. क्योंकि सरकार को उनका चार लाख भुगतान करना पड़ता. पीके ने कहा की अगर स्टडी किया जाय तो आपको पता चलेगा की लीवर से रिलेटेड मामले कैसे आ रहें है. उन्होंने कहा की डॉक्टर से सलाह लें तो वे आपको बताएंगे कि जब से यह शराबबंदी लागू हुई है तब से लिवर सिरोसिस और लीवर से जुड़े हुए बीमारियों में कमी नहीं आ रहा है. गलत तरीके से बनाई हुई शराब पीने से उसका लीवर डैमेज हो रहा है. मौके पर पार्टी कार्यकर्ताओं में डॉ मधुकर, कैप्टन मुकेश, मो कईम, गुंजन भारद्वाज, राजेश कुमार, कंचन कुमार, लव आनंद, संगीता देवी, राजेश कुमार सहित कई अन्य लोग मौजूद थे.

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