ईद की नमाज संपन्न अमन की दुआ के साथ सजदे में झुके सिर


हसनगंज - नवाज शरीफ


हसनगंज थाना अंतर्गत सभी ईदगाहों में देश की अमन और शांति के लिए ईद की नमाज अदा की गई। बंदों ने अल्लाह की बारगाह में रोकर, गिड़गिराकर अपनी मजदूरी मांगी और मगफिरत की दुआ की। रमजान के पवित्र माह में रोजा रखकर गरीबों को खिलाया पिलाया और उसके बाद नेक सेहत के साथ अमन शांति की दुआ मांगी। सुबह से ही ईदगाह की ओर लोगों का कारवां बढ़ता गया। इत्र के सुगंध से माहौल खुशनुमा हो गया। नए परिधान पहनकर लोग नमाज में शामिल हुए। गिले शिकवे-भुलाकर एक-दूसरे से गले मिले। ईद के इस पावन मौके पर लोगों के दिल में सामाजिक सद्भाव की झलक देखी गई। गले मिलते लोग आपस में एक दूसरे को संदेश दिया, ईद तो एक बहाना है दरअसल, हरगिज किसी का दिल नहीं दुखाना है। इस दौरान बेबस को गले लगा कर उनके कष्ट दूर भगाने का भी लोगों ने संकल्प लिया। ईद की खुशी के साथ मुबारकबाद का दौर देर रात तक चलता रहा। यह सिलसिला तीन दिनों तक जारी रहेगा। 


मौके पर मदरासा ईदगाह में मौलाना अफसर कासमी ने ईद की नमाज पढ़ाई। ईद की नमाज से सम्बंधित तकरीर मौलाना  अफ़सर कासमी ने लोगों को ईद की मुबारक देते हुए कहा, ईद का पैगाम मानवता की भलाई के लिए है। इंसानों के लिए मोहब्बत का पैगाम लेकर ईद आती है। इस दिन सभी लोगों को आपस में गले मिलते है। किसी से लड़ाई नहीं बल्कि मिल्लत से जिंदगी गुजारे। देश में अमन के लिए दुआ करते हुए कहा कि देश की शांति में दखल देने वाले को कड़ी से कड़ी सजा मिले। नमाज अदा करने के उपरांत लोगों ने जमकर मेले का आंनद लिया। ईद की खुशी में लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी खासकर बच्चों ने इसका जमकर आंनद उठाया। मेले में भी बड़े व छोटे सभी लोगों ने ईद मुबारकबाद दी।


ईद पर बना लजीज पकवान  

ईद की खुशियां लोगों के चेहरे पर साफ दिखी। रंग बिरंगे परिधान के साथ बच्चे, महिलाएं व पुरुष ने पड़ोस में भ्रमण किया। इस अवसर पर लोगों ने लजीज व्यंजन का जमकर मजा लिया। विशेष तौर पर आने वाले अतिथियों का सेवई खिलाकर उनका स्वागत किया। पांरपरिक पकवान के तौर पर विरयानी, पुलाव व पनीर के कई व्यंजन बनाएं गए।


ईद आपसी सौहार्द का प्रतीक


ईद खुशी का त्योहार है। इस खुशी में अपने पड़ोसियों, दोस्तों और खास तौर पर गरीब और असहाय लोगों को जरूर शरीक करें। किसी भी त्योहार की सच्ची खुशी उसी वक्त है जब समाज के हर वर्ग को उस खुशी में शामिल किया जाए। उक्त बातें मौलवी मो इसराफिल ने कही। उन्होंने कहा कि भारत की यह सभ्यता और संस्कृति रही है कि यहां हर समुदाय के लोग मिलकर त्योहारों की खुशियां मनाते हैं। आप खुशियों का चिराग रोशन करें। ईद आपसी सौहार्द का प्रतीक भी है। हम सब को चाहिए कि इसकी खुशी मिलजुल कर मनाएं। हमेशा अल्लाह की इबादत और उसके बंदों के साथ मोहब्बत करते रहें। ईद का त्योहार शांति, सद्भाव और प्रेम का प्रतीक है। इसमें दुश्मन भी अपने हर गिले-शिकवे को भुलाकर एक दूसरे को गले लगा लेता है। समाज में अगर नफरत खत्म हो जाए तो वाकई हमारा समाज जन्नत और स्वर्ग जैसा बन जाएगा। वही विधि व्यवस्था को लेकर ईदगाह में पुलिस प्रशासन मौजूद थे। इस दरमियान मो० अकबर मंडल,  मौलाना नसीम नदवी, पूर्व उप प्रमुख वर्तमान पंचायत समिति सदस्य मोहम्मद अजीमुद्दीन ,मास्टर परवेज आलम, मौलाना नूह आलम, पूर्व मुखिया प्रत्याशी हसबुल्ला उफ़ बादशाह,  डॉक्टर आफताब आलम,तबारक आलम, गुलजार,डाॅ नूर आलम और आदि दर्जनों अकीदतमं ने ईद की नमाज अता किया।

  

Related Articles

Post a comment