बेगूसराय में पलायन रोको, नौकरी दो पदयात्रा में उमरी जनसैलाब राजनीतिक गलियारों में चर्चा के केंद्र रहे राहुल गांधी:- पूर्व विधायक अमिता भूषण



प्रशान्त कुमार ब्यूरो चीफ


बेगूसराय में डॉ कन्हैया कुमार ने  पलायन रोको,नौकरी दो पदयात्रा  में राहुल गाँधी में शामिल हुए। बेगूसराय के राजनैतिक गलियारों में पदयात्रा चर्चा केन्द्र बना रहा है। यात्रा तो अपने निर्धारित लक्ष्य और कार्यक्रम के तहत आगे निकल गई।  बिहार की राजनीती के केन्द्र में लाकर खड़ा कर दिया है। पदयात्रा के दौरान जनसैलाब उभरी उमड़ी ने ऐतिहासिक बना लिया, कार्यकर्ताओ के जोश और पलायन, रोजगार जैसे मुद्दों पर चौक चौराहों तक हो रही विमर्श से कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता गदगद हैं। इस मौके पर बेगूसराय नगर की पूर्व विधायक अमिता भूषण और उनकी पूरी टीम पिछले कई दिनों से इस कार्यक्रम की सफलता के लिये जिस कदर मेहनत कर रही थी कार्यक्रम की ऐतिहासिक सफलता से उनके भी चेहरे पर सकून का भाव दिखा गया। पूर्व विधायक अमिता भूषण नें कहा की इस यात्रा को सिर्फ बेगूसराय के परिपेक्ष्य में देखना उचित नहीं है। पदयात्रा में राहुल गांधी की उपस्थिति बेगूसराय और बेगूसराय के कांग्रेसी के लिये ऐतिहासिक अवसर था पर यह पदयात्रा एक व्यापक उद्देश्य की यात्रा है जो बिहार और बिहार के युवाओं के भविष्य पर कांग्रेस के दृष्टिकोण को दिखाता है। बेगूसराय के कांग्रेस कार्यकर्ताओं नें इसके लिये जो दिन रात मेहनत की है इसके लिये उन्होंने एक एक कार्यकर्ता के प्रति अपना आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा की पदयात्रियों के स्वागत,उनकी सुविधा के लिये जो मेहनत हमारी टीम, जिला कांग्रेस के कार्यकर्ता नें की है उनके प्रति भी मेरा आभार है। इतनी बड़ी भीड़ को सम्हालना, उनके लिये सभी जरूरी चीजों का इंतजाम काफी चुनौतीपूर्ण तो था पर हम  इस चुनौती से पार पाने में सफल रहे। अमिता भूषण ने तमाम वर्गों, बुद्धिजीवियों, किसानों, मजदूरों, संस्थानों के प्रति भी आभार प्रकट किया है जिन्होंने जाती, धर्म और वर्ग से ऊपर उठकर इस पदयात्रा में शामिल  हुए। इनमें महिलाओं, महिला संगठनों, व्यापारी वर्ग, अधिवक्ता समुदाय, शिक्षक समुदाय, चिकित्सा व्यवसाय से जुड़े लोग शामिल थे। यात्रा के सन्दर्भ  में कुछ भाजपा नेताओं के बयानों के सन्दर्भ में अमिता भूषण नें कहा की वो ऐसे नेताओं के बयानों पर प्रतिक्रिया देना  महत्वपूर्ण नहीं समझती। ऐसे नेताओं की राजनीतिक रोटी दाल उस दल में इसी से चलती है,। कुछ नेताओं के दूर की दृष्टि के चश्मे का नंबर बदलने की जरूरत है उन्हें न भीड़ दिखती है, न महंगाई, बेरोजगारी और पलायन देखा है। हमलोगों का उद्देश्य राहुल गांधी के द्वारा दिये गये सांगठनिक टिप्स और टास्क का अनुसरण करते हुए बिहार में राजनैतिक बदलाव के मिशन के साथ बिहार के भविष्य को संवारनें की दिशा में काम करना है नाकि ऐसे बड़बोले नेताओं के बयानों पर ध्यान देना।

  

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