मोतिहारी : केसरिया स्तूप का सौंदर्यीकरण कार्य शुरू



मोतिहारी।जिले के केसरिया स्थित विश्व प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप जो ऐतिहासिक व पौराणिक बौद्ध स्तूप के नाम से पूरे विश्व में मशहूर है।इसके संरक्षण व सौंदर्यीकरण का कार्य विगत 15 फरवरी शूरु कर दि गई है।जो अगले 01 मार्च कार्य को बंद भी कर दिया जाएगा।ऐसा हम नहीं कह रहे वहां कार्यरत मजदूरों ने बताया। वहीं उन्होंने बताया कि इस स्तूप की साफ सफाई व संरक्षण के दृष्टिकोण से इसमे लग रहें फूफंदी, घास से इसकी क्षति हो रहीं हैं जिसकी साफ सफाई कर इसमे केमीकल डाल कर रंग रोगन का कार्य युद्धस्तर पर चल रही है। वहीं उन्होंने बताया कि हमलोग यहां पर वैशाली के कन्ट्रेकटर के कहने पर कार्य कर रहे हैं।अगले आदेश के बाद इसमें खुदाई का कार्य भी शूरु होगा। यहां बता दें कि भारत में लगभग 35 वर्ल्ड हेरिटेज में जो मोमेंटो है । जिसमें 14 मोमेंटो बुद्धीज्म है। मुस्लिम के सिर्फ 04 मोमेंटो ही है।सभी मोमेंटो विश्व विरासत है, जिसमें एक बौद्ध स्तूप भी है। गौरतलब हो कि लोगों में जो एजूकेशन की अजर्वेशन आना चाहिए। वो नहीं है। विश्व प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप के दर्शनार्थ साउथ एशिया व इस्ट एशिया से आये दिन 100 से 200 सौ पर्यटन बौद्ध स्तूप का दर्शन करने आते हैं।और चलें जातें हैं। विदित हो कि पर्यटन के दरवाजे के माध्यम देश के ऐतिहासिक धरोहर व जीडीपी  में बहुत बड़ा योगदान है। इसमें बेरोजगार को रोजगार देना, स्थानीय ग्रामीण क्षेत्रों को जो रोजगार दे उसको बढ़ावा देना,और उसको इन्क्रीज करना, वहीं विदेशी पर्यटकों के आने से बिहार सरकार को रेभिन्यू मीलना, केन्द्र सरकार को इस विदेशी मोमेंट्स के माध्यम से विदेशी मुद्रा अर्जित करना सहित अन्य लाभ विदेशी पर्यटकों के आने से राज्य व केन्द्र सरकार को होता है। यहां बता दें कि वर्ल्ड हेरिटेज में जो स्थानीय बौद्ध स्तूप अपना जगह बनाया है वैसा कुछ भी यहां सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। लेकिन विश्व विख्यात है। सैकड़ों वर्ष पूर्व बौद्ध भिक्षुओं के द्वारा केसरिया कस्बे में बौद्ध स्तूप का निर्माण कराया गया था। और भी बौद्ध भिक्षुओं के कई सारे इतिहास बौद्ध स्तूप इसका गवाह है। बौद्ध स्तूप के बगल में हीं एक सरोवर है जो रानिनिवाश के नाम से प्रसिद्ध है। जहां बौद्ध भिक्षु स्नान करते थे।समय के साथ बौद्ध स्तूप बदहाल होता चला गया । जिससे स्तूप पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर धाराशाई हो चूका था। वहीं यहां के स्थानीय समाजसेवी स्व0  विनोद कुशवाहा वह कई स्थानीय गणमान्य बूद्धीजीवी लम्बे समय तक केसरिया समेत स्थापित धरोहरों के विकास एवं सौंदर्यीकरण की मांग कर रहे थे। जीसमे बौद्ध स्तूप के विकास व उत्थान के लिये अपनी जमीन भी प्रदान की है।इसी कार्य में भाग दौड़ करते करते  गाडी दूर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई।तब से लेकर आज तक बौद्ध स्तूप के सौंदर्यीकरण पर बहुत बड़ा ग्रहन लगा। इसको यहां स्थानीय जनप्रतिनिधि यानी कांग्रेस नेत्री सुमित्रा कुमारी यादव, प्रफुल्ल कुंअर समेत कई लोगों का कहना है कि पूर्वी चंपारण के सांसद सह पूर्व केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह स्तूप के विकास का संकटमोचन है। इसको लेकर केसरिया की सम्पूर्ण विकास पर ग्रहण लग गया है। जैसे केसरिया महोत्सव विगत कई वर्षो से लगातार बंद पड़ी है जो हर साल की भांति इस साल भी महोत्सव नहीं होने के आसार नजर आ रहे हैं।लेहाजा इस संदर्भ में स्थानीय विधायक शालीनी मिश्रा ने बताया कि इस बार केसरिया महोत्सव मनाने के लिए हमने मुख्यमंत्री जी से बात की और इसबार महोत्सव का आयोजन निश्चित रूप से मनाये जाने की बात कही।

  

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