मोतिहारी:केंद्रीय विद्यालय विद्यार्थियों का शैक्षणिक भ्रमण


मोतिहारी: शहर स्थित केंद्रीय विद्यालय में प्राचार्य बी.राम ने कक्षा पांचवी के विद्यार्थियों को शैक्षणिक भ्रमण के लिए मंगलवार को स्थानीय गांधी संग्रहालय रवाना किया। उन्होंने विद्यार्थियों को आशीर्वचन देते हुए बताया कि शैक्षणिक यात्राएँ विद्यार्थियों को अधिकतम ज्ञान के लिए जिज्ञासु व पिपासु बनाती है।यह विद्यार्थियों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए महत्वपूर्ण कड़ी होती है। संगीत शिक्षक डाॅ.दीनानाथ मिश्र के सफल मार्गदर्शन में सभी विद्यार्थियों ने स्थानीय गांधी संग्रहालय का परिभ्रमण करते हुए भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर सपूत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसा की प्रथम प्रयोगस्थली की स्मृतियों से रू-ब-रू हुए। संगीत शिक्षक डाॅ.दीनानाथ मिश्र ने 18 अप्रैल 1917 को गांधी जी द्वारा मोतिहारी के तत्कालीन अनुमंडल अधिकारी को दिए गए अभ्यावेदन से भी बच्चों को परिचित कराते हुए विस्तार से समझाया। विद्यार्थियों ने चंपारण के तत्कालीन जिला दंडाधिकारी डब्ल्यू बी.हेयाक द्वारा गांधी जी को प्रदत्त नोटिस को भी उत्सुकता पूर्वक समझा। गांधी संग्रहालय की दीवार पर अंकित महात्मा गांधी की चंपारण यात्रा की तिथिवार विवरणी का पठन करते हुए विदिशा, तान्या, अदिति व संजना सहित सभी विद्यार्थियों के चेहरे पर ज्ञान की ललक दिख रही थी। संगीत शिक्षक डाॅ.दीनानाथ मिश्र ने दीवार पर गांधी जी की उक्तियों चंपारण ने मुझे हिंदुस्तान से परिचित कराया, चंपारण मेरी कर्मभूमि है तथा भूतल पर दीवार किनारे क्रमबद्ध स्त्री अबला नहीं है, दूध के एक जहर की भांति थोड़ा सा झूठ भी मनुष्य का नाश करता है व हिंसा दुर्बल का शस्त्र है अहिंसा सबल का जैसे सुवचनों से विद्यार्थियों को अवगत कराया। गांधी संग्रहालय के उपरांत विद्यार्थियों को चर्खा पार्क भी भ्रमण कराया गया। मौके पर प्राथमिक शिक्षिका वंदना तथा प्राथमिक शिक्षक कुमार शिवम भी विद्यार्थियों की उत्सुकता व जिज्ञासाओं को शांत किया। शैक्षणिक भ्रमण द्वारा अनौपचारिक ज्ञान के माध्यम से विद्यार्थियों ने गांधी जी की स्मृतियों से परिपूर्ण परिचय प्राप्त कर खुद को भाग्यशाली महसूस कर काफी खुश दिख रहे थे।

  

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