मुंगेर : श्रीराम कथा के दूसरे दिन सती चरित्र का वर्णन,कथा श्रवण के लिए उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़।

मुंगेर/बिहार।

विश्वमोहन कुमार विधान।

तारापुर नगर के धौनी दुर्गा स्थान परिसर वार्ड-15 में चल रही संगीतमयी श्रीराम कथा के दूसरे दिन संध्या वेला में वृन्दावन से पधारे कथा व्यास देवकीनंदन जी महराज ने शिव चरित्र का सुन्दर वर्णन किया।व्यास ने मां पार्वती के जन्म, कामदेव के भस्म होने और भगवान शिव द्वारा विवाह के लिए सहमत होने की कथा सुनाई।


धौनी गाँव मे आयोजित श्री राम कथा में देवकीनंदन भारद्वाज जी महाराज ने श्रोताओं को सुनाते हुए कहा कि राजा दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर का अपमान करने के लिए महायज्ञ का आयोजन किया था।जिसमें उसने भगवान शिव को छोड़कर समस्त देवताओं को आमंत्रण भेजा था। भगवान शंकर के मना करने के बाद भी सती अपने पिता के यहां जाने की इच्छा जताई तो भगवान शंकर ने बिना बुलाए जाने पर कष्ट का भागी बनने की बात कही।


इसके बाद भी सती नहीं मानी और पिता के घर चली गईं।पिता द्वारा भगवान शंकर के अपमान

पर सती ने हवन कुंड में कूदकर खुद को अग्नि में समर्पित कर दिया।इसके बाद भगवान शंकर के दूतों ने यज्ञ स्थल को तहस-नहस कर दिया।माता सती के अग्नि में प्रवाहित होने के बाद तीनों लोकों को भगवान शिव के कोप भाजन का शिकार होना पड़ा।


कथा विश्राम के बाद मुख्य यजमान ने व्यासपीठ की आरती उतारी।इस अवसर पर वार्ड प्रतिनिधि साहिल राज सिट्टू,नृपेन्द्र कुमार,कुमार जी,धर्मेंद्र दास,पंचानंद सिन्हा, अशोक चौधरी,भूषण राम,आनंदी दत्ता समेत सहित काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

  

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