सदर अस्पताल के एसएनसियु वार्ड में नवजात की मौत


शेखपुरा. सदर अस्पताल में आयदिन चिकित्सकों के लापरवाही का मामला प्रकाश में आता रहा है. लेकिन इसपर कार्रवाई तो दूर अस्पताल को बेहतर काम करने का अवार्ड मिलता है. लेकिन जमीनी हकीकत की अगर बात करें तो सदर अस्पताल में हर दिन चिकित्सकों की लापरवाही का मामला प्रकाश में आता रहा है. ताजा मामला है की एक सप्ताह के भीतर सदर अस्पताल के एसएनसियु वार्ड में तीन नवजात बच्चों की मौत हो चुकी है. आज भी एक नवजात का मौत एसएनसियु वार्ड में होने के बाद मृतक नवजात बालक के परिजन आग बबूला हो गए और चिकित्स्कों पर कई गंभीर आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है की शनिवार के दिन सिरारी निवासी मनोज राय की पत्नी पूनम देवी जो गर्भवती थी उसे दर्द हुआ. आनन फानन में परिजन उसे सदर अस्पताल लेकर आये जहां प्रसव कराया गया. प्रसव के बाद बच्चे की स्थिति को नाजुक देखते हुए उसे एसएनसियु वार्ड में शिफ्ट किया गया. जहां मंगलवार की देर शाम बच्चे की मौत हो गई. मृतक नवजात के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा की उन्हें पहले से पता था की यहाँ उनके बच्चे की जान चली जायगी. इसको लेकर चिकित्स्कों से उन्होंने बच्चे को बाहर ले जाने की इजाजत मांगी लेकिन बच्चे को स्थानीय सदर अस्पताल के चिकित्स्कों के द्वारा जबरन उसे एसएनसियु वार्ड में रखा गया औरमंगलवार को नवजात की मौत हो गई. इससे आहत परिजनों ने चिकित्स्कों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं इस संबंध में एसएनसियु वार्ड में तैनात महिला कर्मी बिभा कुमारी से ज़ब जानकारी लिया गया तो उन्होंने पहले तो कुछ भी बताने से बचते दिखे फिर बताया की बच्चे को उसकी मां को दूध पिलाने के लिए ले जाया गया था. जिसके कारण उसकी मौत हो गई. बहरहाल दूध पिलाने से अगर बच्चे की मौत हो सकती है यह चिकित्स्कों को जानकारी नहीं थी या जानबूझकर ऐसी लापरवाही वरती गई बड़ा सवाल है. इस गंभीर मामले पर जिला प्रशासन और डीएम आरिफ अहसन क्या संज्ञान लेते हैँ देखना लाजमी होगा. यही नहीं सदर अस्पताल में मरीजों को लेकर भी कई तरह की बातें सामने आती रहती है. इसी कड़ी के तहत कुछ दलाल जो सदर अस्पताल के आसपास मंडराते रहते है. मरीजों को निजी क्लिनिक में ले जाते हैँ. जबकि सदर अस्पताल के अंदर प्राइवेट एम्बुलेंस का प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है. बाबजूद इसके अब भी सदर अस्पताल में एक निजी नर्सिंग होम का एम्बुलेंस आता है और मरीजों को निजी नर्सिंग होम में ले जाकर इलाज कराया जाता है. ऐसा कई मामला देखा जा सकता है. इस संबंध में ऐसीएमओ डॉक्टर अशोक कुमार से ज़ब जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बताया की बच्चे की मौत का मामला उनके संज्ञान में आया है जांच किया जा रहा है. कार्रवाई की जायगी. वहीं निजी नर्सिंग में होम में मरीज ले जाने के सवाल पर ऐसीएमओ बचते दिखे. 



  

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