सात दिवसीय श्रीराम कथा के तीसरे दिन श्रीराम के बाललीला का किया गया बखान।

मुंगेर/बिहार।

विश्वमोहन कुमार विधान।


तारापुर धौनी दुर्गा स्थान मंदिर परिसर में चल रहे श्रीराम कथा के तीसरे दिन गुरुवार को वृन्दावन से आए स्वामी देवकीनंदन भारद्वाज जी महाराज ने भगवान श्रीराम की बाललीला का बखान किया।राम कथा के दौरान उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम का जन्म अवध नरेश राजा दशरथ के यहां हुआ। श्रीराम के सभी अंग अत्यंत सुडौल और सुंदर थे।उनको देखते ही मन लुभा जाता था। राजा दशरथ और रानी कौशल्या के प्रेम में वशीभूत होकर श्री राम पवित्र बाल लीला करते थे।कथा के क्रम में उन्होंने कहा कि एक बार माता कौशल्या ने श्रीराम को स्नान और श्रृंगार करा कर झूला पर सुला दिया और स्वयं स्नान कर अपने कुलदेव की पूजा कर नैवेद्य भोग लगाकर पाक गृह गई।जब वह पुन: लौट कर पूजा स्थल पर आई तो उन्होंने देखा कि देवता को चढ़ाए गए नैवेद्य शिशुरूपी भगवान राम भोजन कर रहे हैं। जब उन्होंने झूला पर जाकर देखा तो वहां भी उन्होंने श्री राम को झूले पर सोते पाया। इस तरह पूजा स्थल और झूला के पास उन्होंने कई चक्कर लगाया और दोनों जगह पर उन्होंने श्रीराम को पाया। इस दृश्य को देखकर कौशल्या डर गई और कांपने लगी। माता की अवस्था देख श्री राम ने माता को अपना अद्भुत रूप दिखाया। उन्होंने दिखलाया कि उनके एक-एक रोम में करोड़ों ब्रह्मांड लगे हुए हैं।भगवान का विराट रूप देखकर कौशल्या माता प्रफुल्लित हो गई और आंखें मूंदकर भगवान के चरणों पर गिर पड़ी।भगवान श्रीराम ने माता को बहुत समझाया और कहा कि हे माता यह बात आप किसी से ना कहेंगी। राम कथा सुनने को लेकर काफी संख्या में भक्तजनों की भीड़ उमड़ रही है।राम कथा के दौरान गायक मंडली द्वारा भजन आदि सुना कर भी श्रद्धालुओं का मन मोहा जा रहा है।

  

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