

वाहन चालकों से करोड़ों की कमाई कर रहा ठेकेदार चैन की नींद सो रहा निगम शौचालय के लिए तरस रहे लोग
- by Pawan yadav
- 29-Nov-2022
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पूर्णियां से मलय झा
पूर्णिया :-जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा शहर को चकाचक बनाने का काम किया जा रहा है। हर अतिक्रमित जगह को खाली कराया जा रहा है। लेकिन इन सबके बीच वाहन चालकों की परेशानी को दरकिनार किया जा रहा है। नगर निगम को रोड पर चलने वाले आटो और टोटो से हर साल 65 लाख 55 हजार 500 रुपये का राजस्व मिल रहा है। जबकि ठेकेदार बंदोबस्ती के तहत वाहनों से हर दिन 60 हजार रुपये वसूल रहा है। हर महीने में 18 लाख और साल में दो करोड़ 16 लाख की कमाई हो रही है। इतने भारी भरकम टैक्स के बाद भी वाहन चालकों के लिए सर छुपाने की जगह नहीं है। कहीं भी स्थायी ऑटो स्टैंड, शौचालय, शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। गर्मी बरसात हो या ठिठुरती ठंड हर मौसम में ऑटो चालक रोड किनारे या पेड़ के पास वाहन लगाने को मजबूर हैं। शौच के लिए सोचना पड़ता है कि कहां जाएं। अब नये प्रशासनिक फरमान से वाहन लगाने की समस्या आन पड़ी है। मेडिकल कॉलेज के पास और बिहार टॉकीज रोड वाले पुराने ऑटो स्टैंड की जगह पार्किंग स्थल बनाया गया है। यहां ठेकेदार के कर्मी दुपहिया वाहन चालक से 20 और चार पहिया वाहन से 50 रुपये तक वसूल रहे हैं। बाहर से आनेवाले वाहन चालकों को इसकी जानकारी नहीं है लिहाजा इनसे ज्यादा वसूली की जाती है। इन सबके बावजूद वाहन चालकों के दर्द को समझने वाला कोई नहीं है। आमलोगों को उसकी मंजिल तक पहुंचाने वाले ऑटो चालक जिला प्रशासन के इस कार्रवाई से अब हैरान परेशान हैं क्या करें वाहन कहां लगाएं। रोड किनारे पर वाहन लगाने पर जुर्माने का डर और ऑटो स्टैंड में पार्किंग स्थल बना देने से बड़े वाहनों को लगा दिया गया। इसके भीतर ऑटो लगाने पर ठेकेदार के कर्मी रुपये की मांग करते हैं। पहले बिना किसी शुल्क के यहीं ऑटो लगता था। जिला ऑटो संघ के अध्यक्ष जहांगीर आलम उर्फ गुड्डू ने बताया कि डीएम सुहर्ष भगत और नगर आयुक्त आरिफ हसन को आवेदन देकर समस्या से कराया जा चुका है। शहर में कहीं भी ऑटो चालकों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। उन्होंने कहा कि हर दिन 5000 हजार तिपहिया वाहन से 15 रुपये की वसूली की जाती है। उन्होंने कहा कि फिटनेस टेस्ट रोड टैक्स, सहित तमाम टैक्स देने के बाद भी ऑटो लगाने का कोई जगह नहीं है शौचालय कहीं नहीं है यूरिनल और पेयजल के लिए दूर जाना पड़ता है। वाहन चालक कहते हैं कि ठेकेदार के कर्मी प्रतिदिन हरेक ऑटो से पंद्रह रुपये वसूलता है। लेकिन यह रुपया कहां जाता है इसक कोई पता नहीं है क्योंकि पर्ची में कोई उल्लेख नहीं रहता है। यह बात भी सामने आ रही है कि नगर निगम के बंदोबस्ती में ई रिक्शा से ठेकेदार को रुपये वसूलने का उल्लेख नहीं है फिर भी रुपया वसूली का खेल चल रहा है और निगम प्रशासन चैन की नींद सो रहा है।

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