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भाजपा के 21 सिटिंग विधायकों का कट सकता है टिकट
- by Raushan Pratyek Media
- 07-Oct-2025
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पटना से ब्यूरो चीफ अजय शंकर की रिपोर्ट
पटना। सबसे पहला नाम रामनगर पश्चिमी चंपारण की विधायक भागीरथी देवी का है जिनको इस विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार नहीं बना सकती है क्योंकि इन पर आरोप है की 2024 में विधान सभा में एनडीए सरकार के विश्वास मत के दौरान यह महागठबंधन के प्रभाव में थी और इन पर EOU की कार्रवाई भी जारी है।
दूसरा नाम नरकटियागंज, पश्चिमी चंपारण के विधायक रश्मि वर्मा का है। इन पर बगावत का आरोप है। शक्ति परीक्षण के दौरान ये मोबाइल बंद कर गायब थी और इन पर भी EOU की जांच जारी है।
तीसरा नाम अलीनगर दरभंगा के विधायक मिश्रीलाल यादव का है इन पर भी बगावत का आरोप है और ये भी शक्ति परीक्षण के दौरान तेजस्वी के प्रभाव में आ गए थे और इन पर भी EOU की कार्रवाई जारी है।
चौथा नाम पूर्णिया के विधायक विजय खेमका का है पार्टी का मानना है जनता इनके खिलाफ है और एंटी इनकमबेसी का डर है।
पांचवा नाम नरपतगंज अररिया के विधायक जयप्रकाश यादव का इनकी उम्र लगभग 70 वर्ष हो गई है और पार्टी को एंटी इनकमबेसी का भी डर
है।
छठा नाम फारबिसगंज के विधायक विद्यासागर केसरी का है इनके खिलाफ जनता में भारी नाराजगी है एवं एंटी इनकमबेसी का डर भी है।
सातवां नाम लौरिया, पश्चिम चंपारण के विधायक विनय बिहारी का है इनके खिलाफ भी जनता में भारी नाराजगी है एवं जनता उम्मीदवार बदलने की मांग कर रही है।
आठवां नाम बाढ, पटना के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू का है इन पर आरोप है यह एनडीए सरकार की आलोचना करते हैं एवं पार्टी विरोधी बयान देते हैं।
नौवां नाम आरा, भोजपुर के विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह की है इनकी उम्र लगभग 78 साल की हो गई है और इन पर आरोप है की लोकसभा के चुनाव में बीजेपी को उम्मीदवार आरके सिंह के लिए ये काम नहीं किए।
दसवां नाम बरहरा भोजपुर के विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह का है। इनकी उम्र लगभग 73 साल है और इन पर आरोप है आर के सिंह के साथ टकराव और जदयू के नेता के खिलाफ खुलकर विरोध करने का आरोप है।
11वां नाम कुढ़नी मुजफ्फरपुर के विधायक केदार प्रसाद गुप्ता का है। यह वर्तमान में एनडीए सरकार में मंत्री भी हैं। इनके खिलाफ जनता में भारी नाराजगी है और इनके चलते कानू और वैश्य समाज में टकराव की स्थिति बनी हुई है।
बारहवां नाम औराई मुजफ्फरपुर के विधायक रामसूरत राय का है पूर्व यादव मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप है जिसके चलते सीएम ने ट्रांसफर पोस्टिंग की फाइल रोक दी थी।
तेरहवां नाम पारू मुजफ्फरपुर के विधायक अशोक कुमार सिंह का है जिनके बारे में पार्टी का मानना है कि उनके खिलाफ जनता में भारी नाराजगी है और समीकरण ठीक नहीं बैठ पा रहा है और एंटी इनकमबेसी का भी डर है।
चौदहवां नाम लालगंज वैशाली के विधायक संजय कुमार सिंह का है जिनके खिलाफ की जनता में भारी नाराजगी है और इन आरोप है क्षेत्र में इनकी पकड़ नहीं है और कार्यकर्ताओं के साथ गाली गलौज करते हैं।
पंद्रहवां नाम छपरा सारण के विधायक डॉक्टर सीएन गुप्ता का है इनकी उम्र लगभग 78 साल की हो गई है और यहां से पार्टी युवाओं को मौका देना चाह रही है।
सोलहवां नाम बांका के विधायक रामनारायण मंडल का है यह पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं जिनके खिलाफ जनता में भारी नाराजगी है एवं एंटी इनकमबेसी का भी डर है।
सत्रहवाँ नाम कहलगांव भागलपुर के विधायक पवन यादव का है इनके खिलाफ भी जनता में भारी नाराजगी है एवं एंटी इनकमबेसी का भी डर है।
अठारहवां नाम पटना साहिब पटना के विधायक नंदकिशोर यादव का है इनकी उम्र लगभग 72 साल की हो चुकी है और इन पर आरोप है कि ये विधानसभा के आखिरी सत्र में सत्ता पक्ष के विधायकों का हरकाने का काम किया और सम्राट चौधरी को लेकर चर्चा करने का आरोप है।
उन्नीसवां नाम कुम्हरार पटना के विधायक अरुण कुमार सिंहा का है इन की उम्र 74 साल की हो चुकी है और इन पर नॉन परफॉर्मर विधायक का तमगा लगा है।
बीसवां नाम बेनीपट्टी मधुबनी के विधायक विनोद नारायण झा का है जदयू के साथ अदला बदली में सीट जेडीयू के खाते में जा सकती है और इस सीट पर संजय झा की भी नजर है।
अंत में 21 वाँ वजीरगंज गया के विधायक वीरेंद्र सिंह का है जिनकी उम्र 72 साल की हो चुकी है और इन पर आरोप है यह अपने क्षेत्र में सक्रिय कम रहते हैं जिससे एंटी इनकमबेसी का भी खतरा बना हुआ है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि इन सभी विधायकों की सीट आगामी विधानसभा में पार्टी काटती है या ये अपने सीट पर यह बने रहते हैं।

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