

14 वर्षो से एक दिन उपवास और एक दिन भोजन करने वाले आचार्य महाश्रवण जी का हुआ जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में आगमन
- by Raushan Pratyek Media
- 07-Dec-2024
- Views
जी डी गोयनका पब्लिक स्कूल पूर्णिया के प्रांगण में आज प्रेक्षा ध्यान कार्यशाला का जैन धर्म के तेरापंत संघ के ग्यारहवें आचार्य श्रद्धेय महाश्रवण जी के विद्वान् संत मुनि श्री आनंद कुमार जी एवं मुनि श्री विकास कुमार जी द्वारा हुआ आयोजन |
आज दिनांक 07 दिसंबर 2024 दिन शनिवार को जी डी गोयनका पब्लिक स्कूल पूर्णिया के प्रांगण में जैन धर्म के तेरापंत संघ के ग्यारहवें आचार्य श्रद्धेय महाश्रवण जी के विद्वान् संत मुनि श्री आनंद कुमार जी एवं मुनि श्री विकास कुमार जी का आगमन हुआ | श्री मुनि जो विगत 14 वर्षो से एक दिन उपवास और एक दिन भोजन करते आ रहे है | विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. मौपाली मित्रा जी ने पुरे विद्यालय परिवार की ओर से मुनि श्री एवं उनके साथ आये सभी श्रावको का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया | विद्यालय प्रांगण मुनि श्री के दिव्य आभा से गौरवान्वित हो उठा ।श्री जी ने आज प्रेक्षा ध्यान कार्यशाला का आयोजन विद्यालय में किया। प्रेक्षा ध्यान के अंतर्गत छात्रों के मन को एकग्रचित करने तथा शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए उपदेश दिए गए । प्रेक्षा ध्यान शरीर के अंदर की यात्रा है। संयम मय जीवन गीत का अनुसंधान करने की सलाह भी दिए। हमारे गुरुवर है ज्योतिर्मय भगवान गीत का वाचन भी गुरुजी के मुखार बिंदु से उच्चारित किया गया। जिसे विद्यालय के सभी बच्चों द्वारा इस गीत को श्री गुरु जी के पीछे पीछे वाचन किया गया। आत्मा के द्वारा आत्मा को देखे। स्वयं ही स्वयं को देखे यही प्रेक्षा ध्यान है। ध्यान के अंतर्गत दीर्घ स्वास का उपयोग करें। प्रेक्षा ध्यान तेरा चैतन्य पर यह आधारित ज्ञान है। आत्मा ही दुख मुक्ति का द्वार है। ध्यान के अंतर्गत श्री जी ने आसन के गुर भी बच्चों को सिखाया । क्रोध पर नियंत्रण बनाने के लिए ताड़ासन करना चाहिए। कार्यशाला के अंत में गुरुजी ने उपस्थित सभी को आशीर्वाद स्वरूप धन्यवाद दिया।
डॉ. मित्रा ने मुनि श्री के जीवन और शिक्षाओं का एक विचारशील परिचय दिया और उनकी यात्रा के लिए गहरा आभार व्यक्त किया । मुनि श्री ने अपने विशाल ज्ञान के माध्यम से सद्भावना, नैतिक मूल्यों, नैतिकता और व्यसन-मुक्त जीवन जीने के महत्व के विषयों से विद्यार्थियों को अवगत करवाया | मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग जैसी निर्भरता से मुक्त होने और आंतरिक शांति विकसित करने के बारे में भी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन किया | स्वस्थ एवं मूल्यपरक जीवन जीने की कला का व्यावहारिक ज्ञान सभा में मौजूद सभी को अपने दैनिक जीवन में अच्छे मूल्यों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया | सत्र के अंत में मुनि श्री ने छात्रों, शिक्षकों और उपस्थित सभी को आशीर्वाद देते हुए स्कूल परिसर का दौरा किया। जिससे विद्यालय का वातावरण शांति, श्रद्धा और प्रेरणा मूल्यों से धन्य हो उठा |
हमारे विद्यालय के चेयरमैन डॉ. पीयूष अग्रवाल जी, वाइस चेयरमैन श्री शैलेंद्र गुप्ता जी और हमारी गतिशील प्रधानाचार्या डॉ. मौपाली मित्रा जी ने इस असाधारण आयोजन के लिए सभी का हार्दिक आभार व्यक्त किया | हमारा विद्यालय इस तरह के महान आध्यात्मिक मुनि श्री से जुड़ने के अवसर प्रदान करते हैं, जिससे हमारे अंदर हमारी सनातन परंपराओं और मूल्यों के प्रति गहरा सम्मान पैदा होता है। यह ज्ञानवर्धक मुलाकात निस्संदेह हमारे दिलों में अंकित रहेगी, जो हमें उद्देश्यपूर्ण, विचारशील और नैतिक अखंडता के साथ जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगी। कार्यशाला के अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्या जी ने सभी को धन्यवाद दिया।

Post a comment