

बिस्मिल ने कुलपति से मिलकर उठाई परीक्षा केंद्र की अनियमितता और डिग्री महाविद्यालय धमदाहा पर सवाल
- by Raushan Pratyek Media
- 22-Jun-2025
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पूर्णिया, 22 जून – छात्र राजद पूर्णिया जिला अध्यक्ष मोहम्मद बिस्मिल ने पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह से मिलकर विश्वविद्यालय क्षेत्र के विभिन्न महाविद्यालयों से संबंधित छात्रों की गंभीर समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा।
बिस्मिल ने स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर, सत्र 2024–26 की परीक्षा के केंद्र निर्धारण में हुई गंभीर अनियमितताओं पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस बार परीक्षा का केंद्र निजी बीएड संस्थान मिल्लिया फखरूद्दीन अली अहमद टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज और मिल्लिया कनीज़ फातमा टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में दिया गया है। जबकि सरकारी महाविद्यालयों में पूर्णिया महाविद्यालय पूर्णिया, अनुमंडलीय डिग्री महाविद्यालय बायसी, अनुमंडलीय डिग्री महाविद्यालय धमदाहा जैसे महाविद्यालय खाली है व पूर्णिया विश्वविद्यालय का स्वयं का बीएड कंस्टीट्यूएंट कॉलेज पूरी तरह खाली पड़ा है। बिस्मिल ने कहा, "अगर परीक्षा केंद्र निजी कॉलेजों में ही देना है, तो फिर विश्वविद्यालय अपने अंगीकृत महाविद्यालय को प्राथमिकता क्यों नहीं देता।
मिल्लिया फखरूद्दीन अली अहमद व मिल्लिया कनीज़ फातमा में पीजी परीक्षा केंद्र देने से अवैध वसूली और धांधली की आशंका है।
उन्होंने एक और गंभीर बिंदु पर ध्यान आकर्षित करते हुए सवाल उठाया की स्नातकोत्तर परीक्षाओं का केंद्र केवल पूर्णिया में ही क्यों बनाया जाता है।अररिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में सरकारी कॉलेज है वहाँ के छात्रों को घंटों की यात्रा कर पूर्णिया आकर परीक्षा देनी पड़ती है।
उन्होंने मांग की कि सभी जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए जाएं ताकि छात्रों को अनावश्यक यात्रा और असुविधा से मुक्ति मिल सके, और परीक्षा प्रक्रिया अधिक पारदर्शी व विकेन्द्रीकृत हो।
बिस्मिल ने माननीय कुलपति से अनुमंडलीय डिग्री महाविद्यालय, धमदाहा की शिक्षा व्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए बताया कि कॉलेज में उर्दू जैसे विषय के लिए आज तक एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है। छात्रों को स्वाध्याय के भरोसे छोड़ दिया गया है। इसके सबूत के साथ कुलपति को अनुमंडलीय डिग्री महाविद्यालय धमदाहा के प्रधानाचार्य महीनों तक अनुपस्थित रहते हैं, जिससे न केवल कक्षाएं बाधित होती हैं, बल्कि शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियाँ भी ठप पड़ी हैं।
कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह ने ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए सभी मुद्दों की समीक्षा करने और संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश देने का भरोसा दिया।

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