DM का सख्त एक्शन : भ्रष्टाचार पर गिरी गाज, नर्स निलंबित - सभी अस्पतालों में मरीजों को सुगम, सुरक्षित....


मुजफ्फरपुर : जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने जिले के सभी अस्पतालों में मरीजों को सुगम, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण उपचार उपलब्ध कराने के लिए लगातार सख्त और प्रभावी पहल की जा रही हैं. इसी क्रम में श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (SKMCH) के प्रसव विभाग में तैनात नर्स द्वारा रिश्वत लेने के मामले की पुष्टि होने पर प्रशासन ने त्वरित और कठोर कार्रवाई की है.


जिला पदाधिकारी द्वारा स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर सुविधाओं के विकास, आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण और चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता ,पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के निमित्त कई स्तरों पर सुधारात्मक कदम उठाये  गये हैं। उनका स्पष्ट निर्देश है कि जिले के अस्पतालों में मरीजों को सरकारी  दिशानिर्देश के अनुरूप उच्च गुणवत्ता मानकों की सेवा उपलब्ध कराया जाय तथा डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी मरीजों के प्रति संवेदनशील, गंभीर एवं जवाबदेह होकर  कार्य करें. श्री सेन ने कहा है कि अस्पतालों में सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल और कार्य संस्कृति का पूर्ण पालन अनिवार्य है, ताकि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी या असुविधा का सामना न करना पड़े.


इसी दिशा में एसकेएमसीएच में एक शिकायत सामने आई, जिसमें प्रसव विभाग में ड्यूटी पर तैनात नर्स छाया कुमारी (श्रेणी “ए”) पर एक मरीज के परिजन से अवैध धनराशि (रिश्वत) लेने का आरोप लगाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पदाधिकारी की पहल पर त्वरित कार्रवाई करते हुए तत्काल एक जांच कमिटी का गठन किया गया, ताकि मामले की सच्चाई का पता लगाया जा सके.


जांच समिति ने पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच की। इसमें गवाहों के बयान, तथ्यों का सत्यापन, साक्ष्यों का अवलोकन तथा आरोपित नर्स की गतिविधियों की समीक्षा शामिल थी। समिति की रिपोर्ट में नर्स द्वारा रिश्वत लेने का आरोप सही पाया गया.


एसकेएमसीएच के प्रसव विभाग में कार्यरत नर्स श्रेणी 'ए' श्रीमती छाया कुमारी के भ्रष्ट आचरण को गंभीरता से लेते हुए कठोर कार्रवाई की गई तथा आरोपी नर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के नियम 9 के तहत की गई है। साथ ही, संबंधित नर्स के विरुद्ध आरोप  गठित करने का निर्देश दिया गया है ताकि विभागीय कार्यवाही का संचालन किया जा सके. एसकेएमसीएच के अधीक्षक द्वारा इस संबंध में विधिवत आदेश निर्गत कर दिया गया है.


जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जिले के किसी भी अस्पताल में भ्रष्टाचार, अनियमितता या मरीजों से अनैतिक व्यवहार किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में आने वाला हर मरीज सम्मान, संवेदना और गुणवत्तापूर्ण इलाज पाने का हकदार है। स्वास्थ्यकर्मियों का दायित्व है कि वे सेवा भावना और समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। यदि कोई पदाधिकारी या कर्मचारी इस आचरण से विचलित होता है और सरकारी कार्य में लापरवाही या भ्रष्ट आचरण करता है, तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जाएगी.


उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। अस्पतालों के आधारभूत ढांचे को आधुनिक और सुदृढ़ बनाने पर लगातार कार्य किया जा रहा है। मरीजों को समय पर दवा, टेस्ट, चिकित्सकीय परामर्श और आपात सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भी विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, डॉक्टरों और कर्मचारियों को मरीजों के प्रति संवेदनशील होने और प्रोटोकॉल के अनुरूप कार्य करने के लिए लगातार निर्देशित किया जा रहा है.


जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा है कि सरकारी सेवाओं में किसी भी प्रकार की अनियमितता और भ्रष्टाचार पर शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जा रही है। यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए जनता के बीच विश्वास बढ़ाने वाला है और अन्य कर्मियों के लिए एक स्पष्ट संदेश कि गलत आचरण पर कठोर दंड तय है.


अंततः, जिला पदाधिकारी की यह पहल स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने और आम जनता को पारदर्शी, सुरक्षित व गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे मरीजों को राहत मिलने के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों की कार्यशैली में सुधार सुनिश्चित होगा.


मुजफ्फरपुर से रूपेश कुमार की रिपोर्ट

  

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