रोहतास के इस अस्पताल में चपरासी बना डॉक्टर, कई वर्षों से कर रहे हैं इलाज

रिपोर्ट:-रवि वर्मा/रोहतास 

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के कड़े तेवरों के बाद भी रोहतास के कोचस में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने का नाम नहीं ले रही हैं. कोचस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में घायल का उपचार वहां का चपरासी करते है वह भी पिछले 10 साल से. चपरासी द्वारा इलाज किए जाने पर लोगों में तरह-तरह की चर्चा है तथा नाराजगी भी है. इसके पीछे मुख्य कारण है डॉक्टरों की लापरवाही कोचस सीएचसी में कार्यरत आयुष डॉक्टर हो या फिर एमबीबीएस डॉक्टर सभी का अपना कोचस में निजी नर्सिंग होम चलता है। वह सभी निजी नर्सिंग होम में ही अपना काफी समय बिताते हैं गंभीर मामले आने के बाद फोन पर इन डॉक्टरों को सूचना दी जाती है तो कभी कबार आ जाते हैं नहीं तो फोन पर बोल देते हैं कि आप लोग ही इलाज कर दीजिए। अब इस परिस्थिति में वहां मौजूद चपरासी मुन्नालाल ही घायल एवं अन्य मरीजों का उपचार करते हैं यह परिस्थिति 1 दिन का नहीं बल्कि पिछले कई सालों से चलती आ रही है। 

और सबसे बड़ी बात की यहां पर काम करने वाले चतुर्थवर्गीय कर्मचारी मुन्नालाल अपने आपको डॉक्टर ही समझते हैं उनको कभी भी सीएचसी में चपरासी का कार्य करते हुए नहीं देखा गया जबकि वह चपरासी के तौर पर कार्यरत हैं। 

वहीं इस मामले में चपरासी मुन्ना लाल से जब बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह 2003 से ही कोचस सीएचसी में डॉक्टर का कार्य कर रहे हैं सीएचसी में कार्यरत डॉक्टर कहते हैं कि आप डॉक्टर का काम किजिए इसलिए हम करते हैं।

वहीं इस मामले में जब सीएचसी प्रभारी डॉ विजय कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला जानकारी में आया है इस पूरे प्रकरण की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

  

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