बुजुर्ग दम्पत्ति बांस के मचान पर जीवन गुजारने को मजबूर : दो वक्त की रोटी भी सही से नही होती नसीब, अपनो के रहते भी लाचार?



ब्यूरो रिपोर्ट/रुपेश कुमार


मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट प्रखंड के हनुमान नगर निवासी विष्णु महतो और उनकी पत्नी जीवछ देवी जैसे तैसे जीवन यापन गुजर करने को मजबूर है, अपना परिवार होते हुए भी कई सालो से बुजुर्ग दंपति बांस और त्रिपाल लगाकर जीवन गुजारा करने को मजबूर है क्योंकि उनके पास और कोई दूसरा रास्ता नही है. एक कहावत है की दुनिया बहुत बड़ी है, लेकिन उनके लिए क्या जिनके जीवन मे दुःख का पहाड़ टूट गया हो, जिनके पास न तो काम करने की ताकत हो और न ही अपने हक के लिए आवाज उठाने की हिम्मत तो उनका क्या होगा.


बताया गया की उक्त बुजुर्ग अपने जीवन मे उम्र के आखिरी पड़ाव पर है, लेकिन इस उम्र के पराव में आते ही अपनो ने मुंह फेर लिया. आलम तो है की अब बुजुर्ग दंपति को सही ढंग से खाने भी नसीब नही हो पता है. चाहे नेता हो या जनप्रतिनिधि सब बस चुनाव में ही इस तरह के लोगो को याद करते है, लेकिन जब काम निकल जाए तो पहचानते नही वाली बात होने लगती है. बुजुर्ग दंपत्ति ने बताया की उन्हें तीन बेटे है लेकिन फिर भी वो अकेले किसी तरह जीवन यापन गुजर करने को मजबूर है, क्योंकि उनका बेटा इनलोगो का ख्याल नही रखता यूं कहे तो बुजुर्ग को बेसहारा छोड़ दिया. बताया गया की बहुत दिनों से दम्पत्ति बुजुर्ग बांस और त्रिपाल आदि डालकर अपना गुजर बसर कर रहे है. जरा सोचिए कि इस कराके की ठंड में एक आम जन का जीवन अस्त - व्यस्त हो जाता है ऐसे में बिना किसी सहारे दिन रात गुजारना कितना मुश्किल हो सकता है?बताया गया की सही ढंग से खाना भी नही मिल पता है बुजुर्ग दंपति को, यहा तक की दो वक्त के रोटी के लिए अब भी तरसते है.


बुढ़ापा आ जाने की वजह से जन वितरण प्रणाली के दुकान पर उनका अंगूठा भी नही लगता है जिससे की उन्हें सरकार के द्वारा दी जाने वाली राशन भी नही मिल पा रही है. साथ ही कई महीनो का वृद्धा पेंशन भी नही मिला क्योंकि अंगूठा काम नही कर रहा है.


क्या समाज में ऐसे जनप्रतिनिधि या ऐसे सरकार के लोग नही है जो ऐसे लोगो की मदद कर सके, जिनके पास कोई उपाय नहीं है और जैसे - तैसे जीवन गुजारने को मजबूर है.?


अब भी समाज में ऐसे लोग और संस्था है जो इन जैसे लाचार की मदद के लिए हमेशा आगे आते है. और अपने सामर्थ के अनुसार बेबस लोगो की मदद करते है, ऐसा ही एक संस्था बुजुर्ग दंपति के झोपड़ी पर आ पहुंचा और तत्काल उन्हें आर्थिक मदद के साथ साथ पूरा सहयोग देने की बात कही. दरअसल एक संस्था टीवी24 फाउंडेशन के द्वारा बुजुर्ग दम्पत्ति को रोजमर्रा में इस्तेमाल की जाने वस्तु, गर्म कपड़े, राशन आदि उपलब्ध कराई गई। वही स्थानीय मो० रेहान ने बुजुर्ग दंपति की आथिर्क सहयोग किया। मौके पर फाउंडेशन के सदस्य विकास कुमार (मकरंदपुर), सुमित यादव (सूरा), किसन, अमरजीत, धर्मेन्द्र, जयप्रकाश, प्रकाश, राकेश, गोलू, अंशु आदि मौजूद रहे.

  

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