यूरिया की कालाबाजारी से किसान परेशान। कृषि समन्वयक 266 के बदले 350 में बिकवा रहे यूरिया




अश्वनी कुमार की रिपोर्ट


समस्तीपुर/बिथान : प्रखंड क्षेत्र में यूरिया की कालाबाजारी से किसान परेशान है। यूरिया खरीदने पहुंचे किसानों ने कहा कि दुकानदार यूरिया को ऊंची कीमत पर बेच रहे हैं। पहले दुकानदार यूरिया नहीं होने की बात कह कर बाद में आने की बात कहते हैं। बाद में ऊंची कीमत पर भी आवश्यकता से कम खाद दिया जाता है।  किसान सेवा केंद्र सोहमा में दुकानदार के द्वारा यूरिया के एक पैकेट 330 रुपये की दर में बेचा जा रहा है। जबकि सरकारी दावों के बावजूद इस बार किसानों के लिए खेती काफी महँगी हो गई है। किसानों को इस बार खाद की किल्लत की मार झेलनी पड़ रही है। यूरिया की सरकारी कीमत 266 रुपये प्रति बोरी की दर से है जबकि दुकानदार में द्वारा 380 से 400 रुपये प्रति बोरी बेची जाती है। दुकानदारों द्वारा खाद किल्लत बता कर खाद को अपने गोदाम में जाम कर नजायज फायदा उठाकर कालाबाजारी का खेल शुरू किया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि कालाबाजारी में दुकानदार से लेकर प्रखंड कृषि पदाधिकारी की मिली भगत से होता है। प्रखंड क्षेत्र के विभन्न दुकान पर सोमवार को सुबह से ही सैकड़ों संख्या में किसान यूरिया खरीदने के लिए जुट गए। लेकिन शाम तक कई किसानों ने  यूरिया नहीं मिलने पर नाराजगी जताया । किसान महेंद्र साह, राम ईश्वर यादव ,जयनन्द सिंह ,राम जपो यादव, हरेराम यादव आदि ने बताया कि शाम तक लाइन में लगे  रहने के बावजूद खाद नही मिला। बिथान के प्रखंड कृषि समन्यवक रामप्रकाश राय किसान सेवा केंद्र सोहमा में खाद की दुकान पर बैठकर 330 रुपये यूरिया प्रति बिकवा रहे हैं। ऊँचे दाम पर यूरिया खाद के बारे में  मीडिया के सवाल पर कैरेज का हवाल कृषि समन्वयक के द्वारा दिया जाता है। वही प्रखंड कृषि पदाधिकारी इंद्र कुमार झा से ऊँचे दामों में खाद भेजने के बारे में जानकारी लेने पर अनभिज्ञता जाहिर किया गया । जबकि किसानों का आरोप है कि कालाबजारी में दुकानदार से लेकर अधिकारी की संलिप्तता से होती है।

  

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